दमोह। दमोह जिला स्थित बुंदेलखंड के प्रमुख तीर्थ क्षेत्र जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर में गर्भगृह में माथा टेकते ही एक महिला के प्राण निकल गए. गर्भगृह में मौजूद अन्य भक्तों के साथ महिला भी मौजूद थी. उसने भगवान की चौखट पर माथा टेका और उसी मुद्रा में ठहर गई. काफी देर के बाद जब महिला नहीं उठी तो उसके साथ मौजूद लोगों ने उसे हिलाया तो वह वहीं लुढ़क गई. तुरंत मौके पर डॉक्टर को भी बुलाया गया, जिसने महिला को मृत घोषित कर दिया. ऐसी मौत देखकर मंदिर में मौजूद लोग हैरत में पड़ गए.
कई लोगों के साथ जागेश्वरनाथ के दर्शन को आई थी
सूत्रों के अनुसार नरसिंहपुर के सतीश टॉकीज के पास रहने वाली बुजुर्ग महिला मुन्नी बाई पटेल (62 वर्ष) लगभग 50 श्रद्धालुओं के साथ एक परिवार के मुंडन संस्कार में खाना बनाने आई थी. इसी दौरान वे सभी के साथ बस से बांदकपुर में जागेश्वरनाथ धाम मंदिर के दर्शन करने आई. बुधवार को संध्या आरती के समय करीब 7 बजे जैसे ही महिला मंदिर के गर्भगृह के सामने भगवान भोलेनाथ के दरबार में माथा टेकने बैठी, तो फिर वह नहीं उठी.
पुजारी ने महिला को हिलाया तो वहीं लुढ़क गई
पुजारी सीतू पंडा ने देखा कि महिला काफी देर से झुकी हुई है तो उन्होंने उसे हिलाया, लेकिन महिला वहीं लुढ़क गई. लोगों ने समझा कि वह बेहोश हो गई. इसके बाद उसे डॉक्टर को बुलाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. मंदिर के पुजारी सीतू पंडा ने बताया "वह गर्भगृह के बाहर भोलेनाथ की चौखट के बाजू में खड़े हुए थे. भक्त बारी-बारी से दर्शन कर रहे थे. इस दौरान एक बुजुर्ग महिला भी पहुंची, जिसने चौखट पर माथा टेका और कुछ देर बाद वह मूर्छित हो गई. बाद में पता चला कि उसके प्राण निकल गए."
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कुछ साल पहले भी इसी प्रकार की घटना हुई थी
बता दें कि इस घटना के कुछ वर्षों पूर्व पटेरा के अग्रवाल परिवार की 90 वर्षीय माताजी एकादशी के दिन बांदकपुर में जागेश्वरनाथ जी के दर्शन करने के लिए आई थीं. उन्होंने सत्यनारायण की कथा अपने परिजनों के साथ सुनी और मंदिर में पूजन, अभिषेक भी किया. ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद जब वह मंदिर में फिर से शिवलिंग को प्रणाम करने पहुंची तो इसी दौरान उनके प्राण निकल गए थे. लोगों का कहना है कि भगवान के दरबार में ऐसी मौत होने वाले को काफी भाग्यशाली माना जाता है.