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दमोह में जितनी जरूरत उतनी चोरी! आंखों के सामने पड़े थे लाखों, ले गए चंद रुपये - Damoh Govt Bank Robbery

दमोह में चोरों ने बैंक की तिजोरी से 7.50 लाख रुपए चुरा लिए. जबकि तिजोरी की दूसरे तरफ 15 लाख रखे थे, वे छोड़ गए.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

DAMOH GOVT BANK ROBBERY
सरकारी बैंक में चोरों ने किया हाथ साफ (ETV Bharat)

दमोह: तेजगढ़ थाना क्षेत्र स्थित सहकारी बैंक से चोरी का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, शुक्रवार की देर रात चोर बैंक की दीवार में छेद करके तिजोरी तक पहुंच गए. बैंक की तिजोरी में रखे 7 लाख 50 हजार रुपए चोरी कर लिए. वहीं तिजोरी की दूसरे दराज में 15 लाख रुपए रखे थे. चोरों ने दूसरी दराज को खोलने या तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन संभवत: उसमें या तो सफल नहीं हो पाए या फिर दराज में रखे 15 लाख रुपयों पर उनकी नजर नहीं पड़ पाई. अन्यथा यह चोरी साढ़े 22 लाख रुपए की होती. हालांकि, मामला पूरा संदिग्ध बना हुआ है.

तेजगढ़ पुलिस मामले की जांच में जुटी

दरअसल, 5 अक्टूबर को सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक थी. जिसमें जिले भर के आला अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी. इसके अलावा आम जनता भी सिंग्रामपुर पहुंची थी. जिसके कारण पहले दिन तो चोरी की किसी को भनक नहीं लगी और मामला दब गया. इस बीच बैंक के प्रबंधक पंकज मिश्रा ने मामले की शिकायत तेजगढ़ पुलिस थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने डॉग स्क्वाड और एफएसएल टीम के सहयोग से चोरों का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन प्राथमिक तौर पर उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि, पुलिस अभी भी हर पहलू पर जांच कर रही है.

सवालों के जवाब देने से बच रहे बैंक अधिकारी

इस मामले में सबसे ज्यादा जो संदिग्ध बात सामने आई हैं, वह यह है कि जब चोर चोरी करने के उद्देश्य से आए ही थे, तो वह केवल 7.50 लाख रुपए ही क्यों ले गए. 15 लाख रुपए क्यों छोड़ दिए? जब वह एक दराज तोड़ सकते हैं, तो क्या उन्होंने दूसरी दराज तोड़ने का प्रयास नहीं किया होगा या वह उसमें असफल रह गए? इन सारे सवालों के जवाब बैंक प्रबंधन देने से बच रहा है. बैंक के अधिकारी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

हर पहलू की पुलिस बारीकी से कर रही जांच

इस संबंध में तेजगढ़ थाना प्रभारी अरविंद पटेल ने बताया कि "चोरों ने बैंक के पीछे वाली दीवार में छेद करके चोरी की है. यह बात सही है कि बैंक में साढ़े 22 लाख रुपए रखे थे. जिसमें से चोर 7.50 लाख रुपए ले गए हैं. संभव है कि उनकी नजर 15 लाख रुपए पर नहीं पड़ पाई या वह दूसरा दराज नहीं खोल पाए होंगे. शायद इसलिए बच गए, लेकिन हम हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं."

यहां पढ़ें...

सोशल मीडिया पर सीखा एटीएम व बैंक में चोरी करने का तरीका, आखिर पुलिस के जाल में कैसे फंसे बदमाश

सीधी में रातों रात चोर उठा ले गए पूरा मंदिर, सुबह गड्ढा देख लोगों के होश हुए फाख्ता

पहले भी हुई वारदातें

बैंकों में चोरी या लूट की यह पहली वारदात नहीं है. इसी साल एक बड़ी लूट की वारदात फतेहपुर के मध्यांचल ग्रामीण विकास बैंक में हुई थी. जिसमें करीब 42 लाख की राशि लूटी गई थी. जिसका पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया था. जिसमें बैंक के कर्मचारी ही लूट की वारदात को अंजाम देने के षड्यंत्र में शामिल निकला था. इसी तरह तेंदूखेड़ा क्षेत्र के एक निजी बैंक के मैनेजर से भी लाखों रुपए की लूट की गई थी. उसका भी पुलिस ने खुलासा कर दिया था. जिसमें बैंक प्रबंधक के परिचित ही आरोपी निकले थे.

दमोह: तेजगढ़ थाना क्षेत्र स्थित सहकारी बैंक से चोरी का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, शुक्रवार की देर रात चोर बैंक की दीवार में छेद करके तिजोरी तक पहुंच गए. बैंक की तिजोरी में रखे 7 लाख 50 हजार रुपए चोरी कर लिए. वहीं तिजोरी की दूसरे दराज में 15 लाख रुपए रखे थे. चोरों ने दूसरी दराज को खोलने या तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन संभवत: उसमें या तो सफल नहीं हो पाए या फिर दराज में रखे 15 लाख रुपयों पर उनकी नजर नहीं पड़ पाई. अन्यथा यह चोरी साढ़े 22 लाख रुपए की होती. हालांकि, मामला पूरा संदिग्ध बना हुआ है.

तेजगढ़ पुलिस मामले की जांच में जुटी

दरअसल, 5 अक्टूबर को सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक थी. जिसमें जिले भर के आला अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी. इसके अलावा आम जनता भी सिंग्रामपुर पहुंची थी. जिसके कारण पहले दिन तो चोरी की किसी को भनक नहीं लगी और मामला दब गया. इस बीच बैंक के प्रबंधक पंकज मिश्रा ने मामले की शिकायत तेजगढ़ पुलिस थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने डॉग स्क्वाड और एफएसएल टीम के सहयोग से चोरों का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन प्राथमिक तौर पर उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि, पुलिस अभी भी हर पहलू पर जांच कर रही है.

सवालों के जवाब देने से बच रहे बैंक अधिकारी

इस मामले में सबसे ज्यादा जो संदिग्ध बात सामने आई हैं, वह यह है कि जब चोर चोरी करने के उद्देश्य से आए ही थे, तो वह केवल 7.50 लाख रुपए ही क्यों ले गए. 15 लाख रुपए क्यों छोड़ दिए? जब वह एक दराज तोड़ सकते हैं, तो क्या उन्होंने दूसरी दराज तोड़ने का प्रयास नहीं किया होगा या वह उसमें असफल रह गए? इन सारे सवालों के जवाब बैंक प्रबंधन देने से बच रहा है. बैंक के अधिकारी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

हर पहलू की पुलिस बारीकी से कर रही जांच

इस संबंध में तेजगढ़ थाना प्रभारी अरविंद पटेल ने बताया कि "चोरों ने बैंक के पीछे वाली दीवार में छेद करके चोरी की है. यह बात सही है कि बैंक में साढ़े 22 लाख रुपए रखे थे. जिसमें से चोर 7.50 लाख रुपए ले गए हैं. संभव है कि उनकी नजर 15 लाख रुपए पर नहीं पड़ पाई या वह दूसरा दराज नहीं खोल पाए होंगे. शायद इसलिए बच गए, लेकिन हम हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं."

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पहले भी हुई वारदातें

बैंकों में चोरी या लूट की यह पहली वारदात नहीं है. इसी साल एक बड़ी लूट की वारदात फतेहपुर के मध्यांचल ग्रामीण विकास बैंक में हुई थी. जिसमें करीब 42 लाख की राशि लूटी गई थी. जिसका पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया था. जिसमें बैंक के कर्मचारी ही लूट की वारदात को अंजाम देने के षड्यंत्र में शामिल निकला था. इसी तरह तेंदूखेड़ा क्षेत्र के एक निजी बैंक के मैनेजर से भी लाखों रुपए की लूट की गई थी. उसका भी पुलिस ने खुलासा कर दिया था. जिसमें बैंक प्रबंधक के परिचित ही आरोपी निकले थे.

Last Updated : 2 hours ago
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