दमोह: गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, इन राष्ट्रीय पर्वों पर सुबह सवेरे स्कूल पहुंचकर झंडा वंदन, प्रभात फेरी जैसे कार्यक्रमों में शामिल होने वाले सरकारी स्कूलों के बच्चों में बूंदी का लड्डू बड़ा आकर्षण रहता है. ऐसा आरोप है कि बच्चों को बांटे जाने वाले बूंदी के लड्डू को ही जिम्मेदारों ने गायब कर दिया है. ताजा मामला दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाॅक में सामने आया है. जहां गणतंत्र दिवस पर बच्चों को बांटने के लिए आई बूंदी ही गायब कर दी गई.
बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा करीब 8 विभागों को स्कूली बच्चों को वितरित होने के लिए बूंदी के प्रबंध करने के निर्देश दिए थे. सात विभागों ने बीईओ कार्यालय बूंदी भी भेजी थी, लेकिन बच्चों के लिए बूंदी का वितरण ही नहीं किया गया. हालांकि एसडीएम ने मामला सामने आते ही जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है मामला
मामला तेंदूखेड़ा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि एसडीएम कार्यालय के निर्देश पर ब्लाॅक के सात विभागों ने गणतंत्र दिवस पर वितरित होने बीईओ दफ्तर बूंदी भेजी थी, लेकिन 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन बूंदी ही वितरित नहीं की गयी. इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम स्तर पर की है. शिकायत के बाद एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
दरअसल, गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में तय हुआ था कि ब्लाॅक स्तर के सामूहिक कार्यक्रम में बूंदी वितरण किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने 8 विभागों को 50-50 किलो बूंदी भेजने के निर्देश दिए गए थे. जिसमें से सात विभागों ने बूंदी विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भेज दी थी, लेकिन सामूहिक कार्यक्रम में बूंदी का वितरण ही नहीं किया गया.
जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
सामूहिक कार्यक्रम के समापन पर जब परम्परा अनुसार बूंदी नहीं बांटी गयी, तो जनप्रतिनिधियों ने आयोजक के तौर पर जनपद पंचायत सीईओ को नाराजगी जतायी, तो जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि "जिन विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, उनसे जानकारी ली. जिसमें पता चला कि केवल पंजीयन कार्यालय से बूंदी नहीं पहुंची थी. बाकी सात विभागों ने बीईओ कार्यालय बूंदी भेजी थी. जिसका वितरण नहीं किया गया है, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं.
शिक्षा विभाग के पास भेजी है, लेकिन बूंदी सामूहिक कार्यक्रम नहीं वितरित हुई. जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई है जांच करवाते हैं."
हंगामा होने पर दूसरे दिन स्कूल भेजी
जब इस मामले को लेकर बवाल हो गया और स्कूलों से जानकारी मांगी गयी, तो पता चला कि दूसरे दिन सीएम राइज स्कूल में करीब 20 किलो बूंदी आई थी. कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 20 किलो बूंदी भेजी गयी थी. वहीं बालक और बालिका प्राइमरी स्कूल स्कूल में 5-5 किलो बूंदी भेजी गयी. इसके अलावा चौरई स्कूल में भी पांच किलो बूंदी भेजी गयी. इस तरह करीब 55 किलो बूंदी दूसरे दिन भेज दी गयी. बाकी बूंदी का कुछ अता पता नहीं है.
- CAG का बड़ा खुलासा, मध्य प्रदेश में बाइक से सप्लाई हो गया सैकड़ों टन पोषण आहार
- उमा भारती बोलीं मध्य प्रदेश में व्यापम से बड़ा घोटाला, किसे कहा परिवहन घोटाले का अजगर
बीईओ के पास नहीं जवाब, एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
वहीं इस मामले में जब बीईओ नीतीश पांडे से जानकारी लेने के लिए "फोन लगाया गया, तो उन्होंने कई बार फोन नहीं उठाया और बार-बार फोन लगाने पर उनके दफ्तर के क्लर्क ने व्यस्तता की बात कहकर बाद में फोन लगाने को कहा." वहीं इस मामले में एसडीएम सौरभ गंधर्व से जानकारी ली गयी, तो उन्होंने "बताया कि इस मामले में मेरे पास भी शिकायत आयी है. मैंने जांच के निर्देश दिए हैं, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी."