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दमोह में शराब दुकान हटाने के लिए भाजपाइयों ने खोला जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा

Damoh Protest Against Liquor Shops : दमोह में शराब दुकान हटवाने के लिए बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रैली निकाल कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है. यहां महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की.

Damoh Protest Against Liquor Shops
दमोह में शराब दुकान हटाने के लिए प्रदर्शन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 8:33 PM IST

दमोह में शराब दुकान हटाने के लिए प्रदर्शन

दमोह। शहर के जबलपुर नाका पुलिस चौकी और कलेक्ट्रेट कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित शराब दुकान हटवाने को लेकर ग्राम पंचायत आम चोपड़ा के रहवासियों के साथ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया. दरअसल यहां के रहवासी और भाजपा नेता लंबे समय से यहां पर मेन रोड के समीप शराब दुकान और खुले में हो रहे मांस विक्रय की दुकान हटाने को लेकर ज्ञापन देते आ रहे हैं. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. अब लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है. जुलूस और रैलियां पूरी तरह से बिना परमिशन के प्रतिबंधित हैं. ऐसे में ग्राम पंचायत के रहवासियों और भाजपा नेताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे रहवासी

बड़ी संख्या में रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे रहवासियों ने जमकर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर मंदिर और स्कूल के समीप ही शराब दुकान खुली हुई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त निर्देश हैं कि खुले में मीट न बेचा जाएं तथा ऐसी दुकाने जो रहवासी एरिया के अंदर हैं उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जाए. इसके बाद भी प्रशासन ग्रामवासियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए हम एक बार फिर से ज्ञापन देने आए हैं. लोगों का कहना है कि यदि अबकी बार उनके ज्ञापन पर कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे.

शराब की दुकान होने से महिलाओं का निकलना मुश्किल

भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष मनीष तिवारी का कहना है कि खुले में मीट बेचा जा रहा है. जबकि सरकार के निर्देश है कि उन्हें ढंककर बेचा जाए. दूसरी तरफ हम लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि वहां से शराब दुकान हटाई जाए. क्योंकि महिलाएं, पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे रोज इस मार्ग से स्कूल जाते हैं. शाम होते ही यहां पर शराब पीने वालों का मेला लग जाता है. वह खुराफात करते हैं. आए दिन चाकूबाजी की घटनाएं हो रही हैं. जिसके कारण महिलाओं बच्चियों और सभ्य नागरिकों का वहां से निकलना दूभर हो गया है. पास में ही एक मंदिर भी है. यदि अबकी बार प्रशासन ने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया तो परिणाम उग्र आंदोलन चक्काजाम और धरना के रूप में सामने आएगा.

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डिप्टी कलेक्टर बोले- ज्ञापन लिया है, कार्रवाई करेंगे

बता दें कि शहर में जितनी भी शराब दुकाने संचालित हो रही हैं, वे पूरी तरह से रहवासी एरिया में बनी हुई हैं. चरयाई कलारी, स्टेशन कलारी, सागर नाका कलारी तथा जबलपुर नाका कलारी रहवासी एरिया के अंदर हैं. जबकि शासन की यह गाइडलाइन है कि किसी भी तरह की शराब दुकानें रहवासी एरिया में नहीं रखी जा सकती. ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर निकेश चौरसिया का कहना है कि आम चौपरा के निवासियों ने ज्ञापन दिया है कि वहां पर शराब दुकान रहवासी एरिया में है. मीट की दुकानें खुले में लगी हुई है. उनके ज्ञापन पर जो भी नियम अनुसार कार्रवाई होगी, की जाएगी.

दमोह में शराब दुकान हटाने के लिए प्रदर्शन

दमोह। शहर के जबलपुर नाका पुलिस चौकी और कलेक्ट्रेट कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित शराब दुकान हटवाने को लेकर ग्राम पंचायत आम चोपड़ा के रहवासियों के साथ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया. दरअसल यहां के रहवासी और भाजपा नेता लंबे समय से यहां पर मेन रोड के समीप शराब दुकान और खुले में हो रहे मांस विक्रय की दुकान हटाने को लेकर ज्ञापन देते आ रहे हैं. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. अब लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग चुकी है. जुलूस और रैलियां पूरी तरह से बिना परमिशन के प्रतिबंधित हैं. ऐसे में ग्राम पंचायत के रहवासियों और भाजपा नेताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे रहवासी

बड़ी संख्या में रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे रहवासियों ने जमकर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर मंदिर और स्कूल के समीप ही शराब दुकान खुली हुई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त निर्देश हैं कि खुले में मीट न बेचा जाएं तथा ऐसी दुकाने जो रहवासी एरिया के अंदर हैं उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जाए. इसके बाद भी प्रशासन ग्रामवासियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए हम एक बार फिर से ज्ञापन देने आए हैं. लोगों का कहना है कि यदि अबकी बार उनके ज्ञापन पर कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे.

शराब की दुकान होने से महिलाओं का निकलना मुश्किल

भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष मनीष तिवारी का कहना है कि खुले में मीट बेचा जा रहा है. जबकि सरकार के निर्देश है कि उन्हें ढंककर बेचा जाए. दूसरी तरफ हम लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि वहां से शराब दुकान हटाई जाए. क्योंकि महिलाएं, पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे रोज इस मार्ग से स्कूल जाते हैं. शाम होते ही यहां पर शराब पीने वालों का मेला लग जाता है. वह खुराफात करते हैं. आए दिन चाकूबाजी की घटनाएं हो रही हैं. जिसके कारण महिलाओं बच्चियों और सभ्य नागरिकों का वहां से निकलना दूभर हो गया है. पास में ही एक मंदिर भी है. यदि अबकी बार प्रशासन ने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया तो परिणाम उग्र आंदोलन चक्काजाम और धरना के रूप में सामने आएगा.

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डिप्टी कलेक्टर बोले- ज्ञापन लिया है, कार्रवाई करेंगे

बता दें कि शहर में जितनी भी शराब दुकाने संचालित हो रही हैं, वे पूरी तरह से रहवासी एरिया में बनी हुई हैं. चरयाई कलारी, स्टेशन कलारी, सागर नाका कलारी तथा जबलपुर नाका कलारी रहवासी एरिया के अंदर हैं. जबकि शासन की यह गाइडलाइन है कि किसी भी तरह की शराब दुकानें रहवासी एरिया में नहीं रखी जा सकती. ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर निकेश चौरसिया का कहना है कि आम चौपरा के निवासियों ने ज्ञापन दिया है कि वहां पर शराब दुकान रहवासी एरिया में है. मीट की दुकानें खुले में लगी हुई है. उनके ज्ञापन पर जो भी नियम अनुसार कार्रवाई होगी, की जाएगी.

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