रायपुर : छत्तीसगढ़ में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ फिर एक बार अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की तैयारी में हैं. प्रदेश के 6000 वन कर्मचारियों ने 4 अगस्त को प्रदेश के वन मंत्री, वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री के बंगले का घेराव करने की तैयारी कर रखी है. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर 11 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी उन्होंने साय सरकार को दी है.
वन अधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप : छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राजकुमार चौहान ने बताया, "वन विभाग में अधिकारी तानाशाह रवैया चलाते है. कई वन कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है. रायपुर वन विभाग में नए-नए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को रखा जा रहा है. साथ ही बड़े अधिकारियों के बंगले व कार्यालय में काम कर रहे दैनिक वेतनभोगियों को हर महीने वेतन दिया जाता है. लेकिन जो दैनिक वेतनभोगी कर्मी कार्यालय और फील्ड में काम कर रहे हैं, उन लोगों को वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है."
"महासमुंद वन मंडल में दिसंबर 2023 से लेकर मई 2024 तक लगभग 6 महीने का वन कर्मचारियों का वेतन रोककर रखा गया है. ऐसे में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इस वजह से वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नाराज और गुस्से में हैं." - राजकुमार चौहान, प्रदेश महामंत्री, वन कर्मचारी संघ
अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी : अपनी 9 सूत्रीय मांग को वन कर्मचारी 25 जुलाई से 3 अगस्त 2024 तक काला पट्टी लगाकर विरोध जताते हुए काम करेंगे. इसके बाद 4 अगस्त 2024 को प्रदेश के वन मंत्री, वित्त मंत्री, उपमुख्यमंत्री के बंगले का घेराव करेंगे. ऐसा करने के बाद भी प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ की मांग को सरकार पूरा नहीं करती है, अगले महीने 11 अगस्त 2024 से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है.
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ की 9 सूत्रीय मांग इस प्रकार हैं :
- वन विभाग में 5 मार्च 2008 से पहले और 31 दिसंबर 2017 तक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, वाहन चालक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, जो बिना नियुक्ति पत्र के काम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को नियमित किया जाए.
- वन विभाग में 31 दिसंबर 2017 के बाद काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, जिनकी अवधि 2 साल पूरी हो चुकी है, उन्हें स्थाई कर्मी बनाकर परमानेंट किया जाए.
- वन विभाग में श्रम आयुक्त दर पर काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी, दैनिक श्रमिक, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक के लिए आकस्मिक निधि सेवा नियम 2023 लागू किया जाए. जो वर्ष 2024 में वन विभाग में लागू किए जाने के लिए समिति ने सहमति व्यक्त कर दी है.
- वन विभाग में जब तक नियमितीकरण और स्थाईकरण नहीं हो जाता, तब तक कोई भी वनरक्षक, वाहन चालक, सहायक ग्रेड 3 और चपरासी जैसे पदों पर सीधी भर्ती न की जाए. उस पर तत्काल रोक लगाई जाए.
- वन विभाग के अंतर्गत काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 4 महीने से लेकर 6 महीने तक के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वन विभाग के डिपो में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को लगभग 9 महीने का वेतन भुगतान किया जाए.
- वित्त विभाग के निर्देश के अनुसार, श्रमायुक्त दर पर काम करने वालों को प्रति महीना 4 हज़ार श्रम सम्मान राशि भुगतान किया जाए. मार्च 2023 से श्रम सम्मान राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
- वन विभाग के डिपो में एक सुरक्षा श्रमिक से 24 घंटा कार्य लिया जा रहा है, जबकि 24 घंटा कार्य लेने का शासन से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही एक वन विभाग के डिपो में कम से कम दो सुरक्षा श्रमिकों को नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की जाए.
- वन विभाग के अंतर्गत केवल रायपुर मुख्यालय स्थित कार्यालय में काम करने वाले प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने वालों के वेतन में 4 हजार रुपये बढ़ाकर 21 हजार 255 रुपये, 32 हजार 450 रुपये और 42 हजार 543 रुपये किया जाए.
- महासमुंद जिले के वन मंडल में रायपुर के मुख्य वन संरक्षक के द्वारा 96 लोगों को स्वीकृति प्रदान किया गया है. लेकिन महासमुंद वन मंडल में 178 दैनिक वेतनभोगी कम कर रहे हैं. ऐसे में 82 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई चल रही है, उन्हें काम से ना निकला जाए.