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अगस्त में DA बढ़ा तो कर्मचारियों की सैलरी पर कितना लगेगा टैक्स? मोहन सरकार महंगाई भत्ता मैथेमैटिक्स - Employees Dearness Allowance Tax

मोहन यादव सरकार के डीए बढ़ाने के फैसले से प्रदेश के 7.5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन और 4.5 लाख पेंशनर्स की पेंशन बढ़ने जा रही है. इसी के साथ बहुत से लोगों के मन में ये सवाल भी है कि क्या सराकार द्वारा दिए जा रहे महंगाई भत्ते पर टैक्स लगता है या लगेगा? अगर आपके भी मन में यही सवाल है तो इस आर्टिकल में आपको मिलेगा इस बात का जवाब.

govt employees da hike in August
DA बढ़ाने से कर्मचारियों की सैलरी पर कितना लगेगा टैक्स? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 1:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 2:19 PM IST

एमपी डेस्क. सबसे पहले बता दें कि मोहन यादव सरकार ने प्रदेश के पेंशनर्स का 4 प्रतिशत DA बढ़ा दिया है. वहीं कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अगस्त से बढ़ाया जाएगे. इस वजह से डीए यानी महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत पहुंच गया है. अब हम आपको ये बताएं कि महंगाई भत्ते पर टैक्स लगता है या नहीं इससे पहले ये जान लें कि आखिर महंगाई भत्ता क्यों दिया जाता है.

पहलो समझें, महंगाई भत्ता दिया क्यों जाता है?

दरअसल, सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी में डीए यानी महंगाई भत्ते को एक घटक के रूप में जोड़ती है. डीए सैलरी में इसलिए जोड़ जाता है, जिससे व्यक्ति पर वर्तमान महंगाई का प्रभाव कम किया जा सके और इसी वजह से इसे महंगाई भत्ता नाम दिया जाता है. यह आपके मूल वेतन का कुछ निश्चित प्रतिशत होता है. आमतौर पर सरकार हर छह महीने में एक से दो बार महंगाई भत्ते की गणना महंगाई दर के आधार पर करती है.

क्या DA पर टैक्स लगेगा?

अब सवाल आता है कि सरकार जब महंगाई से राहत देने के लिए कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है, तो क्या इसपर भी टैक्स लगेगा? तो इसका जवाब कई बातों पर निर्भर करता है. इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक वेतनभोगी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते पर लागू सभी तरह के टैक्स का भुगतान करना होता. इसका सीधा मतलब ये है कि अगर आपकी इनकम, टैक्स स्लैब के दायरे में आती है तो आपको टैक्स का भुगतान करना होगा. ऐसे में डीए बढ़ने पर आपका वेतन जिस टैक्स स्लैब में आता है आपको उसके हिसाब से रिटर्न फाइल करना होता है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत, इनकम टैक्स रिटर्न ( ITR) भरते समय डीए के लिए अपने टैक्स्बेल इनकम घोषित करना अनिवार्य है.

डीए (महंगाई भत्ते) से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें-

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अन्य अलाउंस और इनकम टैक्स के नियम

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों मुताबिक डीए 50% तक पहुंचने पर वेतन के अन्य भत्ते और घटक भी बढ़ते हैं. केंद्र और राज्य के कर्मचारी और उनकी नियुक्ति कहां हुई है, इन बातों पर भी भत्तों में भिन्नता होती है. इसी वजह से हाउस रेंट अलाउंस, दैनिक भत्ता, हॉस्टल सब्सिडी, बच्चों की शिक्षा भत्ता, चाइल्डकैयर के लिए विशेष भत्ता, ट्रांसफर पर टीए और खुद के परिवहन के लिए माइलेज भत्ता समेत अन्य भत्तों पर टैक्स के अलग-अलग प्रावधान शामिल हैं.

एमपी डेस्क. सबसे पहले बता दें कि मोहन यादव सरकार ने प्रदेश के पेंशनर्स का 4 प्रतिशत DA बढ़ा दिया है. वहीं कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अगस्त से बढ़ाया जाएगे. इस वजह से डीए यानी महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत पहुंच गया है. अब हम आपको ये बताएं कि महंगाई भत्ते पर टैक्स लगता है या नहीं इससे पहले ये जान लें कि आखिर महंगाई भत्ता क्यों दिया जाता है.

पहलो समझें, महंगाई भत्ता दिया क्यों जाता है?

दरअसल, सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी में डीए यानी महंगाई भत्ते को एक घटक के रूप में जोड़ती है. डीए सैलरी में इसलिए जोड़ जाता है, जिससे व्यक्ति पर वर्तमान महंगाई का प्रभाव कम किया जा सके और इसी वजह से इसे महंगाई भत्ता नाम दिया जाता है. यह आपके मूल वेतन का कुछ निश्चित प्रतिशत होता है. आमतौर पर सरकार हर छह महीने में एक से दो बार महंगाई भत्ते की गणना महंगाई दर के आधार पर करती है.

क्या DA पर टैक्स लगेगा?

अब सवाल आता है कि सरकार जब महंगाई से राहत देने के लिए कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है, तो क्या इसपर भी टैक्स लगेगा? तो इसका जवाब कई बातों पर निर्भर करता है. इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक वेतनभोगी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते पर लागू सभी तरह के टैक्स का भुगतान करना होता. इसका सीधा मतलब ये है कि अगर आपकी इनकम, टैक्स स्लैब के दायरे में आती है तो आपको टैक्स का भुगतान करना होगा. ऐसे में डीए बढ़ने पर आपका वेतन जिस टैक्स स्लैब में आता है आपको उसके हिसाब से रिटर्न फाइल करना होता है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत, इनकम टैक्स रिटर्न ( ITR) भरते समय डीए के लिए अपने टैक्स्बेल इनकम घोषित करना अनिवार्य है.

डीए (महंगाई भत्ते) से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें-

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अन्य अलाउंस और इनकम टैक्स के नियम

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों मुताबिक डीए 50% तक पहुंचने पर वेतन के अन्य भत्ते और घटक भी बढ़ते हैं. केंद्र और राज्य के कर्मचारी और उनकी नियुक्ति कहां हुई है, इन बातों पर भी भत्तों में भिन्नता होती है. इसी वजह से हाउस रेंट अलाउंस, दैनिक भत्ता, हॉस्टल सब्सिडी, बच्चों की शिक्षा भत्ता, चाइल्डकैयर के लिए विशेष भत्ता, ट्रांसफर पर टीए और खुद के परिवहन के लिए माइलेज भत्ता समेत अन्य भत्तों पर टैक्स के अलग-अलग प्रावधान शामिल हैं.

Last Updated : Jul 25, 2024, 2:19 PM IST
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