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साबीआई अधिकारी बन किया कॉल, ठग लिए 90 हजार रुपए, पीड़ित पुलिस से लगा रहा गुहार

Cheating by posing CBI officers. रांची के धुर्वा के एक शख्स से सीबीआई अधिकारी बन ठगों ने ठगी कर ली. साइबर ठगों ने शख्स से 90 हजार रुपए ठग लिए. पीड़ित ने थाना में मामला दर्ज कराया है.

Cheating by posing CBI officers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 14, 2024, 9:06 AM IST

रांची: राजधानी में एक शख्स से साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर 90 हजार रुपए की ठगी कर ली. पीड़ित का नाम अजीत विक्रम है और वे धुर्वा गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड डीजल इंजन प्लांट (मरीन डीजल) में कार्यरत हैं. साइबर अपराधियों ने संदिग्ध पार्सल को लेकर डराकर अजीत विक्रम से ठगी की है. इस संबंध में अजीत विक्रम ने धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.

गिरफ्तारी वारंट जारी होने का दिया गया झांसा

जानकारी के मुताबिक, छह फरवरी की दोपहर में अजीत को एक व्यक्ति ने फोन किया. फोन करने वाले व्यक्ति ने अजीत को बताया कि उनका पार्सल लखनऊ पुलिस ने जब्त कर लिया है. इसमें कुछ संदिग्ध सामान है. इसके बाद अजीत को तुरंत लखनऊ पुलिस से संपर्क करने को कहा गया. यह कहते हुए फोन लखनऊ पुलिस को मिला भी दिया गया. फिर अजीत की सिपाही दिनेश कुमार से फोन पर बात कराई गई. उसने उन्हें डराते हुए कहा कि उनका गिरफ्तारी वारंट कोर्ट से जारी हो चुका है. अजीत ने सिपाही से मदद की गुहार लगाई, तब उसने वरीय अधिकारी से बात करने का आश्वासन दिया.

ऐप डाउनलोड करा बनाया ठगी का शिकार

अजीत विक्रम ने बताया कि फोन करने वाले ने उनसे टेलीग्राम ऐप डाउनलोड कराया. जैसे ही उन्होंने ऐप ज्वाइन किया तो उन्हें बताया गया कि इस केस को सीबीआई देख रही है. फिलहाल, सीबीआई अधिकारी हजरतगंज थाने में ही मौजूद हैं. ठग ने सीबीआई अधिकारी बन फोन पर बात की. पहले तो उसने बात करने से इनकार कर दिया, फिर उसने धमकी दी और कहा कि अजीत का जेल जाना तय है. मदद की गुहार लगाने पर ठग ने एक लिंक भेजा और उससे जुड़ने को कहा और 7 फरवरी तक सर्विलांस लाइन पर रखने के बाद ही बातचीत होने की बात कही. ठगों ने वीडियो चैट के जरिए अजीत को डराया और धमकाया.

ठगों ने मांगे 90 हजार रुपए

7 फरवरी की सुबह 10:30 बजे सीबीआई अधिकारी बने ठग टेलीग्राम पर जुड़े. उन्होंने एक अकाउंट नंबर दिया, जिसमें 50 हजार रुपये जमा करने को कहा गया. यह भी बताया गया कि मामले में क्लीन चिट पाए जाने पर अजीत को यह रकम लौटा दी जाएगी. इसके बाद अजीत ने खाते में रकम जमा कर दी. फिर ठगों ने कहा कि 40 हजार और भेजो. जिसके बाद अजीत ने वह रकम भी दे दी. बाद में शक होने पर अजीत ने यूपी पुलिस से संपर्क किया. फिर उन्हें बताया गया कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं. इसके बाद वे थाना पहुंचे और मामला दर्ज कराया है.

यह भी पढ़ें: दुमका में एनजीओ संचालक हुआ साइबर ठगी का शिकार, फर्नीचर बेचने के नाम पर 40 हजार रुपये का लगाया चूना

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गिरफ्तारी वारंट जारी होने का दिया गया झांसा

जानकारी के मुताबिक, छह फरवरी की दोपहर में अजीत को एक व्यक्ति ने फोन किया. फोन करने वाले व्यक्ति ने अजीत को बताया कि उनका पार्सल लखनऊ पुलिस ने जब्त कर लिया है. इसमें कुछ संदिग्ध सामान है. इसके बाद अजीत को तुरंत लखनऊ पुलिस से संपर्क करने को कहा गया. यह कहते हुए फोन लखनऊ पुलिस को मिला भी दिया गया. फिर अजीत की सिपाही दिनेश कुमार से फोन पर बात कराई गई. उसने उन्हें डराते हुए कहा कि उनका गिरफ्तारी वारंट कोर्ट से जारी हो चुका है. अजीत ने सिपाही से मदद की गुहार लगाई, तब उसने वरीय अधिकारी से बात करने का आश्वासन दिया.

ऐप डाउनलोड करा बनाया ठगी का शिकार

अजीत विक्रम ने बताया कि फोन करने वाले ने उनसे टेलीग्राम ऐप डाउनलोड कराया. जैसे ही उन्होंने ऐप ज्वाइन किया तो उन्हें बताया गया कि इस केस को सीबीआई देख रही है. फिलहाल, सीबीआई अधिकारी हजरतगंज थाने में ही मौजूद हैं. ठग ने सीबीआई अधिकारी बन फोन पर बात की. पहले तो उसने बात करने से इनकार कर दिया, फिर उसने धमकी दी और कहा कि अजीत का जेल जाना तय है. मदद की गुहार लगाने पर ठग ने एक लिंक भेजा और उससे जुड़ने को कहा और 7 फरवरी तक सर्विलांस लाइन पर रखने के बाद ही बातचीत होने की बात कही. ठगों ने वीडियो चैट के जरिए अजीत को डराया और धमकाया.

ठगों ने मांगे 90 हजार रुपए

7 फरवरी की सुबह 10:30 बजे सीबीआई अधिकारी बने ठग टेलीग्राम पर जुड़े. उन्होंने एक अकाउंट नंबर दिया, जिसमें 50 हजार रुपये जमा करने को कहा गया. यह भी बताया गया कि मामले में क्लीन चिट पाए जाने पर अजीत को यह रकम लौटा दी जाएगी. इसके बाद अजीत ने खाते में रकम जमा कर दी. फिर ठगों ने कहा कि 40 हजार और भेजो. जिसके बाद अजीत ने वह रकम भी दे दी. बाद में शक होने पर अजीत ने यूपी पुलिस से संपर्क किया. फिर उन्हें बताया गया कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं. इसके बाद वे थाना पहुंचे और मामला दर्ज कराया है.

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