जयपुर : दीपावली की खरीदारी करने के लिए कई लोग आकर्षक डिस्काउंट ऑफर का इंतजार करते हैं, ताकि उनकी मनपसंद चीज उन्हें कम दाम में मिल जाए. इस दौरान शातिर साइबर अपराधी भी घात लगाकर लोगों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए तैयार बैठे रहते हैं. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी का कहना है खास तौर पर त्योहार के मौके पर आकर्षक डिस्काउंट ऑफर वाले फर्जी लिंक लोगों के मोबाइल पर भेजे जाते हैं. अगर कोई बिना जांच-पड़ताल के ऐसे लिंक पर क्लिक करता है तो उसका बैंक खाता भी खाली हो सकता है. साइबर अपराधी ठगी और साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके अपनाते हैं. त्योहारों के सीजन में शातिर बदमाश डिस्काउंट ऑफर के फर्जी लिंक से लोगों को फंसाते हैं. इसके अलावा कई कोई फाइल डाउनलोड करवाकर भी साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया जा सकता है.
ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके : उनका कहना है कि लोकप्रिय शॉपिंग वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम से साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाते हैं. ऐसी साइट्स पर ब्रांडेड आइटम भारी डिस्काउंट पर देने का दावा किया जता है. ऐसी वेबसाइट्स का लिंक सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचता है. लोग खरीदारी कर लेते हैं, लेकिन उनका ऑर्डर नहीं पहुंचता है. सोशल मीडिया ग्रुप्स में अक्सर ऐसे लिंक आते हैं, जिसमें रिवार्ड का झांसा दिया जता है. जब कोई इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो मोबाइल में स्पैम फाइल डाउनलोड हो जाती है. यूजर की बैंक डिटेल साइबर ठगों तक पहुंच जाती है. बैंक डिटेल से साइबर ठग किसी का भी खाता खाली कर सकते हैं.
मिलते-जुलते नामों से खा सकते हैं धोखा : मुकेश चौधरी का कहना है कि लोकप्रिय शॉपिंग वेबसाइट के मिलते-जुलते नामों से बनाई गई फर्जी वेबसाइट से बचना चाहिए. आमतौर पर इसमें स्पेलिंग में मामूली अंतर होता है, इसलिए सावधानी रखना जरूरी है. वेबसाइट का कंटेंट भी असली शॉपिंग साइट जैसा ही होता है, इसलिए लोग जल्दबाजी में शॉपिंग कर लेते हैं. जल्दबाजी और लालच से बचना चाहिए.
ग्रुप में आए लिंक पर क्लिक करने से बचें : ग्रुप में आए हर किसी लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. शॉपिंग करने और डिस्काउंट का फायदा लेने के लिए लोकप्रिय वेबसाइट पर ही भरोसा करना ठीक है. शॉपिंग वेबसाइट्स के यूआरएल पर भी गौर करना जरूरी है. अगर किसी यूआरएल में कोई स्पेलिंग मिस्टेक है तो ऐसी साइट्स से बचना ही सही है. इसी तरह आपने किसी साइट से कोई सामान मंगवाया है और डिलीवरी से पहले कोई कॉल आए और बहुत ही मामूली रकम का भुगतान मांगा जाए तो इसे भी इग्नोर करना चाहिए. ऑनलाइन शॉपिंग में या तो पूरा कैश ऑन डिलीवरी होता है या पूरा पैसा ऑनलाइन लिया जता है.
साइबर ठगी का शिकार होने यहां करें शिकायत : साइबर फ्रॉड का शिकार होने या किसी के साथ साइबर ठगी का प्रयास होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं. इसके साथ आप www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट की जा सकती है. कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च करने से बचना चाहिए. सोशल मीडिया के कमेंट सेक्शन में या गूगल पर मिले नंबर पर कॉल करने से कॉल साइबर ठगों के पास जाता है. इससे वे मदद के बहाने आपसे ठगी की वारदात को अंजाम दे सकते हैं.