आगरा: साइबर क्रिमिनल ने आगरा के एक डॉक्टर से पतंजलि योग विद्या पीठ में भर्ती कराने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया है. डॉक्टर ने गूगल सर्च बार से पतंजलि योग विद्या पीठ का कॉन्टैक्ट नंबर सर्च किया. इसके बाद वह साइबर क्रिमिनल के जाल में फंस गया. साइबर क्रिमिनल ने डॉक्टर से उसकी बीमार मां को पतंजलि योग विद्या पीठ में भर्ती कराने की फीस के नाम पर 1.28 लाख रुपये जमा कराये थे. जब दोबारा सर्च करने पर पतंजलि योग विद्या पीठ के असली कॉन्टैक्ट नंबर पर कर्मचारी से बात हुई तब उन्हें ठगी की जानकारी हुई. डॉक्टर की शिकायत पर साइबर सेल ने छानबीन शुरू कर दी है.
बता दें कि, ट्रांस यमुना कालोनी निवासी डॉ. नरसिंग बंसल के साथ ठगी हुई है. डॉ. नरसिंग बंसल ने बताया कि, मेरी मां की तबियत ठीक नहीं है. मां की अपना इलाज हरिद्वार स्थित पतंजलि योग विद्या पीठ में कराना चाहती है. इसलिए, मां को पतंजलि योग विद्या पीठ में कराने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया. इंटरनेट पर सर्च करने पर पतंजलि योग विद्या पीठ के नाम से एक मोबाइल नंबर मिला. जिस पर संपर्क किया गया. उस नंबर पर चार दिन बात हुई. जिससे यकीन हो गया, कि ये पतंजलि योग विद्या पीठ के किसी कर्मचारी का ही नंबर है. इस पर उसने पहले से बुकिंग के नाम पर 1.28 लाख रुपये जमा करवाने के लिए कहा. जिसमें मैंने 14 जून को 82500 रुपये और 15 की शाम 45600 रुपये बताए नंबर पर भेज दिए.
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यूं हुआ ठगी का खुलासा: डॉ. नरसिंग बंसल ने बताया कि, युवक के बताए नंबर पर रुपये भेजने के बाद अगले दिन उन्होंने इंटरनेट से पतंजलि योग विद्या पीठ का नंबर ढूंढ निकाला. इसके बाद पीठ के कार्यालय में बात हुई. कॉल रिसीव करने वाले कर्मचारी ने उनकी मां का एडमिशन नहीं होने की बात कही. जिससे ठगी का पता चला. जब बैंक जाकर जानकारी जुटाई, तो रुपये बिहार में किसी के खाते में जमा हुए थे. इस पर पीड़ित डॉ. नरसिंग बंसल ने ट्रांस यमुना थाना से पुलिस को शिकायत दी. जिसे पुलिस ने जांच के लिए साइबर सेल को भेज दिया.
सर्च इंजन पर साइबर अपराधियों के नंबर: रेंज साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक शैलेश सिंह ने बताया, कि साइबर क्रिमिनल ने इस समय सर्च इंजन पर अपने मोबाइल नंबर नामी प्रतिष्ठान और कंपनियों के नाम से डाल रखे हैं. ऐसे में जब लोग सर्च इंजन में किसी प्रतिष्ठान या कंपनी का कॉन्टैक्ट नंबर खोजते हैं, तो ठगों के जाल में फंस जाते हैं. इसी तरह से ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसलिए, जनता से अपील है, कि किसी का भी नंबर इंटरनेट से लेने के बाद पहले उसकी पुष्टि करें. इसके बाद ही बात करें और लेनदेन करें. जिससे ठगी का शिकार होने से आप बच जाएंगे.
ये सावधानी बरतें
- अगर कोई नंबर ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं तो तुरंत कॉल न करके पहले उस नंबर की सत्यता जांच लें. ब्रांड के प्रोडक्ट पर दिए गए नंबर या कंज्यूमर सेल या फिर जिले में किसी भी आउटलेट की मदद आप ले सकते हैं. इसके अलावा भी अन्य कई तरीकों से आप नंबर की पुष्टि कर सकते हैं.
- ऑनलाइन किसी के भी कहने पर रुपए किसी भी खाते में न जमा करवाएं. कह दें संस्थान पहुंचकर सीधे पैसा जमा कराएंगे.
- बात करने वाले शख्स का नाम और पता पूछकर संस्थान से उसकी पुष्टि जरूर करवाएं.
- बातचीत में कोई शख्स बार-बार पैसा जमा करने का दबाव बना रहा हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं. आप ठग के जाल में फंस सकते हैं.
- अगर आपको किसी से बातचीत में शक हो रहा है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें ताकि साइबर ठगों पर नकेल कसी जा सके.