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'हेलो! मैं मुंबई से बोल रहा हूं..' बड़ा अधिकारी बताकर IIT छात्र को किया डिजिटल अरेस्ट, उड़ा लिए लाखों

पटना के IIT छात्र को डिजिटल अरेस्ट कर 9 लाख की ठगी की गई. साइबर ठग ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया था.

DIGITAL ARREST IN PATNA
पटना में IIT छात्र को किया गया डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 29, 2024, 12:14 PM IST

पटना: साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आया है. वहीं यह मामला लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला राजधानी पटना का है, जहां साइबर ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का बड़ा अधिकारी बताकर अपने कमरे में ही डिजिटल अरेस्ट कर आईआईटी के छात्र से करीब 9 लाख रुपये की ठगी की है.

पटना में IIT छात्र को किया गया डिजिटल अरेस्ट: वहीं लगातार ऑनलाइन कारोबार बढ़ता जा रहा है. उसी कड़ी में ऑनलाइन कारोबार करने वालों में से साइबर ठग ने कुल पांच अन्य लोगों को अपना शिकार बनाया और 18.51 लाख का चूना लगा दिया. पीड़ितों की शिकायत पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर ठगी: जानकारी के मुताबिक पटना निवासी आईआईटियन को अपना शिकार बनाया है. बीते 7 अक्टूबर को एक नंबर से कॉल आया था. कॉल करने वाले ने अपने आप को मुंबई पुलिस का बड़ा अधिकार बता कर कहा कि आपके नाम से एचडीएफसी बैंक में खुलवाए गए खाते में अवैध लेन-देन किया गया है. आपको यह साबित करना होगा कि यह लेन-देन आपने नहीं किया है.

"उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते हैं तो मुंबई क्राइम ब्रांच के द्वारा आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर से जांच के नाम पर ठगों के बताए अनुसार अपने खाते से आठ लाख 90 हजार रुपये ठगों के खाते में भेज दिए. फिर बाद में पता चला कि यह फ्रॉड कॉल था और मुझे साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया है. इसकी शिकायत साइबर थाना में कराई गई."- पीड़ित

रहें सावधान: वहीं साइबर पुलिस मामले की जांच में जुटी है. आए दिन साइबर ठग लगातार लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. कभी एक पिता को उसके बच्चे को अरेस्ट करने की धमकी देकर साइबर ठग अपना निशाना बनाते हैं तो कभी कॉल कर लालच देकर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. ऐसे में लोगों को सावधान और जागरूक रहने की जरूरत है.

क्या है डिजिटल अरेस्ट: इसमें पीड़ित से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया जाता है और उसे धमकाकर या लालच देकर घंटों या फिर कई दिनों तक कैमरे के सामने बैठे रहने को कहा जाता है. कई बार लोग ठग की बातों में फंस जाते हैं और डिजिटल अरेस्ट हो जाते हैं. इस दौरान साइबर ठग उस शख्स से उसकी कई पर्सनल जानकारी हासिल कर लेता है और उसके जरिए उसके बैंक अकाउंट से रुपये उड़ा लेता है.

नोट : साइबर क्रिमिनल अब अब Digital Arrest के नाम पर लोगों से बड़ी ठगी कर रहे हैं. साइबर क्रिमिनल खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपको ठग सकते हैं, इसलिए ऐसे कॉल्स पर विश्वास मत कीजिए. आप तुरंत इसकी शिकायत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर में करें या पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दें. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कंप्लेंट दर्ज कर सकते हैं.

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पटना: साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आया है. वहीं यह मामला लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला राजधानी पटना का है, जहां साइबर ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का बड़ा अधिकारी बताकर अपने कमरे में ही डिजिटल अरेस्ट कर आईआईटी के छात्र से करीब 9 लाख रुपये की ठगी की है.

पटना में IIT छात्र को किया गया डिजिटल अरेस्ट: वहीं लगातार ऑनलाइन कारोबार बढ़ता जा रहा है. उसी कड़ी में ऑनलाइन कारोबार करने वालों में से साइबर ठग ने कुल पांच अन्य लोगों को अपना शिकार बनाया और 18.51 लाख का चूना लगा दिया. पीड़ितों की शिकायत पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर ठगी: जानकारी के मुताबिक पटना निवासी आईआईटियन को अपना शिकार बनाया है. बीते 7 अक्टूबर को एक नंबर से कॉल आया था. कॉल करने वाले ने अपने आप को मुंबई पुलिस का बड़ा अधिकार बता कर कहा कि आपके नाम से एचडीएफसी बैंक में खुलवाए गए खाते में अवैध लेन-देन किया गया है. आपको यह साबित करना होगा कि यह लेन-देन आपने नहीं किया है.

"उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते हैं तो मुंबई क्राइम ब्रांच के द्वारा आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर से जांच के नाम पर ठगों के बताए अनुसार अपने खाते से आठ लाख 90 हजार रुपये ठगों के खाते में भेज दिए. फिर बाद में पता चला कि यह फ्रॉड कॉल था और मुझे साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया है. इसकी शिकायत साइबर थाना में कराई गई."- पीड़ित

रहें सावधान: वहीं साइबर पुलिस मामले की जांच में जुटी है. आए दिन साइबर ठग लगातार लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. कभी एक पिता को उसके बच्चे को अरेस्ट करने की धमकी देकर साइबर ठग अपना निशाना बनाते हैं तो कभी कॉल कर लालच देकर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. ऐसे में लोगों को सावधान और जागरूक रहने की जरूरत है.

क्या है डिजिटल अरेस्ट: इसमें पीड़ित से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया जाता है और उसे धमकाकर या लालच देकर घंटों या फिर कई दिनों तक कैमरे के सामने बैठे रहने को कहा जाता है. कई बार लोग ठग की बातों में फंस जाते हैं और डिजिटल अरेस्ट हो जाते हैं. इस दौरान साइबर ठग उस शख्स से उसकी कई पर्सनल जानकारी हासिल कर लेता है और उसके जरिए उसके बैंक अकाउंट से रुपये उड़ा लेता है.

नोट : साइबर क्रिमिनल अब अब Digital Arrest के नाम पर लोगों से बड़ी ठगी कर रहे हैं. साइबर क्रिमिनल खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपको ठग सकते हैं, इसलिए ऐसे कॉल्स पर विश्वास मत कीजिए. आप तुरंत इसकी शिकायत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर में करें या पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दें. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कंप्लेंट दर्ज कर सकते हैं.

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