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खास है राजा अल्फांसो! आम के दीवाने हैं तो आइये हजारीबाग... - Alphonso mango

Cultivation of Alphonso mango in Hazaribag. फलों का राजा आम और आमों का राजा अल्फांसो, जैसा अनोखा नाम वैसा ही अनोखा स्वाद और इसकी भीनी महक, ऊफ क्या कहने. कीमत इसकी जो भी हो लेकिन स्वाद में इसका कोई सानी नहीं है. झारखंड के वासी विशेष ध्यान दें, अब महाराष्ट्र से गुजरात से मंगाने की जरूरत नहीं, अब अल्फांसो आपके इस जिले में उगायी जा रही है. ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से जानें, कहां और कितनी मात्रा में की जा रही अल्फांसो की बागवानी.

Cultivation of Alphonso mango in Hazaribag district
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 15, 2024, 4:29 PM IST

हजारीबागः आम फलों का राजा होता है. अगर आपको देश का सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट अल्फांसो आम खाने की इच्छा है तो अब आपको महाराष्ट्र या फिर गुजरात पर आश्रित होने की जरूरत नहीं है. हजारीबाग में भी अल्फांसो आम की खेती की जा रही है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः अल्फांसो आम को लेकर कृषि अनुसंधान केंद्र के फील्ड ऑफिसर से खास बातचीत (ETV Bharat)

हजारीबाग में इस बार आम के बगीचे में 100 से अधिक अल्फांसो आम तैयार हो रहा है. जिसे आप पैसा देकर खरीद सकते हैं. जिला के डेमोटांड़ स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में 3 अल्फांसो आम के पेड़ तैयार हैं. इस वर्ष एक पेड़ में आम भी हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं और किसानों ये यह कह रहे हैं कि जब यह तैयार हो जाए तो इसका स्वाद जरूर चखाइए.

हजारीबाग कृषि अनुसंधान केंद्र में 300 से अधिक आम के पेड़ हैं. जहां तरह तरह के आम के पेड़ लगाए गये हैं. इनमें से 3 आम के पेड़ बेहद खास हैं जो विशेष सुरक्षा में रखे जाते हैं. किसान और कृषि अनुसंधान केंद्र के पदाधिकारी भी इस आम के वृक्ष का विशेष ख्याल रखते हैं. 2007 में तीन अल्फांसो आम के पौधे कृषि अनुसंधान केंद्र में लगाए गए थे. इस वर्ष एक अल्फांसो आम के पेड़ में फल तैयार हो रहा है.

कृषि अनुसंधान केंद्र के फील्ड ऑफिसर सह किसान राजेश कुमार बताते हैं कि साल 2007 हजारीबाग में हापुस आम का एक प्रयोग किया गया था जो काफी सफल साबित हुआ. कृषि केंद्र में लगाए गए 3 अल्फांसो आम के पौधे अब फल दे रहे हैं. इससे अब सालाना 10 क्विंटल तक आम हो रहा है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष आम के उत्पादन में कमी आई है फिर भी लोग इसकी खरीदारी करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. फिलहाल आम पूर्ण रूप से तैयार नहीं है, जिस कारण से इसकी बिक्री पर अभी रोक लगाई गयी है.

अल्फांसो आम पूरी तरह से तैयार होने में करीब 10 से 15 दिन का और समय लगेगा, इसके बाद जब आम पक जाएंगे तब इसे व्यापारी को बुलाकर बेचा जाएगा. पेड़ में पके हुए आम की मांग बाजार में काफी अधिक रहती है. एक आम का वजन करीब 200 से 350 ग्राम तक होता है. पिछले वर्ष पांच हजार किलोग्राम तक आम बेची गयी थी. इस वर्ष 2500 हजार रुपये किलोग्राम तक बिकने का अनुमान है.

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अल्फांसो आम की खासियत (ETV Bharat)

हजारीबाग के अल्फांसो आम की डिमांड काफी है, हजारीबाग जिला ही नहीं झारखंड के चतरा और रामगढ़ जिला से भी व्यापारी यहां पर आम खरीदने के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा हजारीबाग में पदस्थापित पदाधिकारी भी आम यहां से खरीदकर ले जाते हैं. उनका यह भी कहना है कि अधिकतर आम बड़े व्यवसायी और पदाधिकारी खरीद लेते हैं. ऐसे में बाजार में बिकने की नौबत बेहद कम ही आती है.

अल्फांसो आम की खासियत

अल्फांसो एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक आम है. यह भारत का सबसे महंगा आम है. इसका आकार मध्यम होता है और इसका छिलका पीला होता है. इसके अंदर का पल्प नारंगी रंग का और बेहद रसीला होता है. इस आम की भीनी सुगंध बहुत ही मनमोहक लगती है. इसके अनोखे स्वाद के कारण ही अल्फांसो को "आमों का राजा" भी कहा जाता है. केंद्र सरकार की ओर से अल्फांसो आम को जीआई टैग दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- EMI पर बिकता है अल्फांसो आम, स्वाद और कीमत के लिए मशहूर, सीजन खत्म होने से पहले करें बुक - Alphonso Mango Season

इसे भी पढे़ं- WATCH: गुजरात के जूनागढ़ में केसर आम की बहार, रेट जानकर चौंक जाएंगे आप - Saffron and other Mangoes in Market

इसे भी पढ़ें- भीषण गर्मी ने हजारीबाग के किसानों के चेहरों पर ला दी मुस्कान, जानिए वजह - Watermelon cultivation in Hazaribag

हजारीबागः आम फलों का राजा होता है. अगर आपको देश का सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट अल्फांसो आम खाने की इच्छा है तो अब आपको महाराष्ट्र या फिर गुजरात पर आश्रित होने की जरूरत नहीं है. हजारीबाग में भी अल्फांसो आम की खेती की जा रही है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः अल्फांसो आम को लेकर कृषि अनुसंधान केंद्र के फील्ड ऑफिसर से खास बातचीत (ETV Bharat)

हजारीबाग में इस बार आम के बगीचे में 100 से अधिक अल्फांसो आम तैयार हो रहा है. जिसे आप पैसा देकर खरीद सकते हैं. जिला के डेमोटांड़ स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में 3 अल्फांसो आम के पेड़ तैयार हैं. इस वर्ष एक पेड़ में आम भी हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं और किसानों ये यह कह रहे हैं कि जब यह तैयार हो जाए तो इसका स्वाद जरूर चखाइए.

हजारीबाग कृषि अनुसंधान केंद्र में 300 से अधिक आम के पेड़ हैं. जहां तरह तरह के आम के पेड़ लगाए गये हैं. इनमें से 3 आम के पेड़ बेहद खास हैं जो विशेष सुरक्षा में रखे जाते हैं. किसान और कृषि अनुसंधान केंद्र के पदाधिकारी भी इस आम के वृक्ष का विशेष ख्याल रखते हैं. 2007 में तीन अल्फांसो आम के पौधे कृषि अनुसंधान केंद्र में लगाए गए थे. इस वर्ष एक अल्फांसो आम के पेड़ में फल तैयार हो रहा है.

कृषि अनुसंधान केंद्र के फील्ड ऑफिसर सह किसान राजेश कुमार बताते हैं कि साल 2007 हजारीबाग में हापुस आम का एक प्रयोग किया गया था जो काफी सफल साबित हुआ. कृषि केंद्र में लगाए गए 3 अल्फांसो आम के पौधे अब फल दे रहे हैं. इससे अब सालाना 10 क्विंटल तक आम हो रहा है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष आम के उत्पादन में कमी आई है फिर भी लोग इसकी खरीदारी करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. फिलहाल आम पूर्ण रूप से तैयार नहीं है, जिस कारण से इसकी बिक्री पर अभी रोक लगाई गयी है.

अल्फांसो आम पूरी तरह से तैयार होने में करीब 10 से 15 दिन का और समय लगेगा, इसके बाद जब आम पक जाएंगे तब इसे व्यापारी को बुलाकर बेचा जाएगा. पेड़ में पके हुए आम की मांग बाजार में काफी अधिक रहती है. एक आम का वजन करीब 200 से 350 ग्राम तक होता है. पिछले वर्ष पांच हजार किलोग्राम तक आम बेची गयी थी. इस वर्ष 2500 हजार रुपये किलोग्राम तक बिकने का अनुमान है.

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अल्फांसो आम की खासियत (ETV Bharat)

हजारीबाग के अल्फांसो आम की डिमांड काफी है, हजारीबाग जिला ही नहीं झारखंड के चतरा और रामगढ़ जिला से भी व्यापारी यहां पर आम खरीदने के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा हजारीबाग में पदस्थापित पदाधिकारी भी आम यहां से खरीदकर ले जाते हैं. उनका यह भी कहना है कि अधिकतर आम बड़े व्यवसायी और पदाधिकारी खरीद लेते हैं. ऐसे में बाजार में बिकने की नौबत बेहद कम ही आती है.

अल्फांसो आम की खासियत

अल्फांसो एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक आम है. यह भारत का सबसे महंगा आम है. इसका आकार मध्यम होता है और इसका छिलका पीला होता है. इसके अंदर का पल्प नारंगी रंग का और बेहद रसीला होता है. इस आम की भीनी सुगंध बहुत ही मनमोहक लगती है. इसके अनोखे स्वाद के कारण ही अल्फांसो को "आमों का राजा" भी कहा जाता है. केंद्र सरकार की ओर से अल्फांसो आम को जीआई टैग दिया गया है.

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