बस्तर :आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासी वनोपज पर आश्रित रहते हैं. इसके अलावा रोजगार की समस्या बस्तर के आदिवासियों में सबसे अधिक बनी हुई है. इस कारण ही बस्तरवासी पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु के क्षेत्र में पलायन करने को मजबूर होते हैं. ऐसे में पलायन रोकने के लिए सीआरपीएफ कई कार्यक्रम आयोजित करती है.ताकि बस्तरवासियों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल जाए. इसी कड़ी में 241 बस्तरिया बटालियन ने सेड़वा में सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किया. जिसमें 10 महिला और 10 पुरुषों का चयन स्वरोजगार ट्रेनिंग के लिए हुआ.जिसमें पुरुषों को राजमिस्त्री और महिलाओं को सिलाई मशीन की ट्रेनिंग मिलेगी.
ग्रामीणों को स्वरोजगार के साथ पलायन से रोकना लक्ष्य : 241 बस्तरिया बटालियन के कमांडेंट ए पद्मा कुमार ने बताया कि बस्तर के स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस के बीच की बनी दूरियों को कम करने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही विकास कार्यों को बढ़ाने के लिए लगातार सिविल एक्शन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिसमें मेडिकल कैंप, स्कूली बच्चों से संबंधित कार्य, ग्रामीणों को जरूरत मंद सामग्री का वितरण करना, लोगों को भारत भ्रमण पर भेजने जैसे काम हो रहे हैं.
''इसी कड़ी में टेलरिंग के लिए 10 महिला और राजमिस्त्री के लिए 10 पुरुष का चयन किया गया. जिन्हें बाहर से आए टीचर्स के 25 दिनों तक प्रशिक्षण देंगे.प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद सभी लोगों को प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. ताकि उन्हें आगे काम करने में आसानी हो सकें.''- ए पद्मा कुमार, कमांडेंट
इस कार्यक्रम में चयनित ग्रामीण महिला शांति नाग ने बताया कि उन्हें मशीन चलाने का शौक था,बचपन से ही सीखने की ललक थी. जिसके कारण महिला अब खुश हैं. क्योंकि सीआरपीएफ ने उन्हें सिलाई मशीन चलाने का ट्रेनिंग दिलवा रही है. प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद में जब वो सीख जाएंगी.उसके बाद गांव में रहकर ही सिलाई का काम करेंगी.