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तीर्थराज मचकुंड के मेले में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, सरोवर में लगाई आस्था की डुबकी - Machkund Fair

ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर ऋषि पंचमी से शुरू हुए देवछठ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. हजारों की तादाद में श्रद्धालु मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से मचकुंड पहुंच रहे हैं.

मेले में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
मेले में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ (ETV Bharat Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2024, 3:20 PM IST

तीर्थराज मचकुंड मेला (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर : भगवान रणछोड़ की नगरी धौलपुर में ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर ऋषि पंचमी से साधु संतों के शाही स्नान के बाद मेले की शुरुआत हुई. साधु संतों द्वारा ध्वजा पताकाएं लगाकर शाही सवारी निकाली गई. साथ ही मचकुंड सरोवर पर ब्रह्म बेला में शाही स्नान किया गया. साधु संतों और श्रद्धालुओं ने मचकुंड सरोवर की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा भी की.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऋषि पंचमी से छठ तक दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु मचकुंड धाम पर दर्शन करने पहुंचते हैं. भगवान लाडली जगमोहन की श्रद्धालुओं की ओर से सुबह से ही पूजा-अर्चना की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- तीर्थराज मचकुंड पर साधु संतों के शाही स्नान के बाद लक्खी मेले का हुआ आगाज, सरोवर में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी - Rishi Panchami

कलंगियों का किया जा रहा विसर्जन : मचकुंड सरोवर में नव विवाहित जोड़ों की कलंगियों का विसर्जन किया जा रहा है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक नव विवाहित जोड़ों की कलंगी और मोहरों का मचकुंड में विसर्जन करने से नव दंपति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है. भगवान मचकुंड सभी की मनोकामना पूरी करते हैं.

प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था : मचकुंड पर चलने वाले दो दिवसीय मेले को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से चाक चौबंद व्यवस्थाएं की हैं. भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है. मचकुंड सरोवर के आसपास 50 गोताखोर भी तैनात किए हैं. पार्किंग और पेयजल व्यवस्था के साथ मचकुंड सरोवर के चारों तरफ लाइट की भी बेहतर व्यवस्था की गई है.

तीर्थराज मचकुंड मेला (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर : भगवान रणछोड़ की नगरी धौलपुर में ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर ऋषि पंचमी से साधु संतों के शाही स्नान के बाद मेले की शुरुआत हुई. साधु संतों द्वारा ध्वजा पताकाएं लगाकर शाही सवारी निकाली गई. साथ ही मचकुंड सरोवर पर ब्रह्म बेला में शाही स्नान किया गया. साधु संतों और श्रद्धालुओं ने मचकुंड सरोवर की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा भी की.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऋषि पंचमी से छठ तक दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु मचकुंड धाम पर दर्शन करने पहुंचते हैं. भगवान लाडली जगमोहन की श्रद्धालुओं की ओर से सुबह से ही पूजा-अर्चना की जा रही है.

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कलंगियों का किया जा रहा विसर्जन : मचकुंड सरोवर में नव विवाहित जोड़ों की कलंगियों का विसर्जन किया जा रहा है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक नव विवाहित जोड़ों की कलंगी और मोहरों का मचकुंड में विसर्जन करने से नव दंपति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है. भगवान मचकुंड सभी की मनोकामना पूरी करते हैं.

प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था : मचकुंड पर चलने वाले दो दिवसीय मेले को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से चाक चौबंद व्यवस्थाएं की हैं. भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है. मचकुंड सरोवर के आसपास 50 गोताखोर भी तैनात किए हैं. पार्किंग और पेयजल व्यवस्था के साथ मचकुंड सरोवर के चारों तरफ लाइट की भी बेहतर व्यवस्था की गई है.

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