दुमकाः राजकीय श्रावणी मेला 2024 के पहले दिन पहली सोमवारी को सुबह 4 बजे से बाबा बासुकिनाथ पर जलार्पण शुरू हुआ. देर रात से लगी श्रद्धालुओं की कतार अहले सुबह टाटा धर्मशाला से आगे तक पहुंच गई. हर हर महादेव के जयघोष से बाबा नगरी गूंज रही है.
बासुकिनाथ धाम में आज सुबह तीन बजे मंदिर का पट खुला. जिसके बाद कांचा जल स्नान और पारंपरिक सरदारी पूजा विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा की गई. इसके बाद अरघा से जलार्पण की प्रक्रिया शुरू. जलार्पण के लिए कांवरियों की कतार टाटा धर्मशाला सुबह तक पहुंच गई थी, जो लगभग 2 किलोमीटर लंबी थी. शिवभक्तों की गूंज से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया है. सभी कांवरिया एकजुट होकर बाबा की जयघोष करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं.
रविवार शाम से ही कांवरिया पंक्तिबद्ध होकर जलार्पण का इंतजार कर रहे हैं. इस दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. सावन की पहली सोमवार को लेकर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. सभी श्रद्धालु अपने-अपने मनोकामनाओं के साथ यहां आए हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद की प्रार्थना कर रहे हैं.
वहीं मंदिर के पुरोहित कुंदन पत्रलेख ने कहा कि यह एक दुर्लभ संयोग है. सावन माह की पहली सोमवारी और पूर्णिमा के दिन सावन माह का शुरू होना विशेष फलदायी होता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की बाबा हर मनोकामना पूर्ण करें. वहीं सिलीगुड़ी से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि बाबा पर जलार्पण कर बहुत खुशी मिल रही है. प्रशासनिक व्यवस्था भी काफी अच्छी है, लेकिन अर्घा प्रणाली से जलार्पण किए हैं बाबा की स्पर्श पूजा नहीं कर पाए, इसका मलाल रह गया.
ये भी पढ़ेंः