पौड़ी: जिले में वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए 120 करोड़ का बजट जिला योजना के लिए आज सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष ने शांति देवी ने की. जिला योजना की बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने जल जीवन मिशन योजना की कार्य गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए. लापरवाही से कार्य कर रहे ठेकदारों पर कार्यवाही करने की मांग की. विद्युत विभाग और उरेड़ा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए. जिला योजना के कार्य में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए डीएम ने अधिकारियों को समय समय पर विकास कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए.
जिला योजना की बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने डीएम से शिकायत करते हुए बताया बीरोंखाल में काश्तकारों द्वारा अपनी कृषि भूमि को लीज पर जिस व्यक्ति को खेती के लिए दिया गया उस व्यक्ति ने कैमिकल का इस्तमाल कर मिट्टी की उर्वरक शक्ति घटा दिया. जिस पर डीएम ने मिट्टी सेंपल जांच के लिए लैब भेजने के निर्देश कृषि अधिकारी को दिए. जिला योजना में इस बार 3 लाख रुपए से कम खर्चे में होने वाले विकास कार्य को योजना में शामिल नहीं किया गया. इस बार 15 प्रतिशत धनराशि आजीविका और स्वरोजगार कार्यों के लिए स्वीकृत की गयी है.
योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर करने का संकल्प लिया गया. योजनाएं ठीक तरह से धरातल पर क्रियान्वित हो इसके लिए विवादित कार्य स्थल के प्रस्तावों से बचने की हिदायत दी गयी. साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की डुप्लीकेसी, हेराफेरी और निम्न गुणवत्ता जैसी विसंगतियां ना हो इसके लिए पर्याप्त मॉनिटरिंग, ऑनलाइन प्रोसेस पर जोर, निरीक्षण और तुलनात्मक नजरिये से कार्य करने पर जोर देने की बात कही गई.
शुपालन विभाग को हिदायत दी गई कि पशुधन वितरण (विशेषकर गाय) में ऐसे पशुओं का वितरण करें जो स्थानीय कंडिशन को आत्मसात कर पाएं. साथ ही सभी लोगों से अनुरोध किया गया कि शार्ट सीमेन तकनीक के उपयोग से गाय का गर्भधान कराएं. जिससे 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा हों.
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