कवर्धा: जिले में बेमौसम बारिश से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हजारों एकड़ चना, गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. इस बीच गुरुवार को जिला प्रशासन टीम किसानों के फसलों का मुआयना करने पहुंची. प्रशासन ने पीड़ित किसानों को मुआवजा मुहैया कराने की बात कही है. ऐसे में पीड़ित किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी, हालांकि ये किसान फसल नुकसान से काफी परेशान हैं.
आफत बनी बेमौसम बारिश: दरअसल, छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. कवर्धा में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर आई है. बारिश और ओले ने किसानों के फसलों को पूरी तरह चौपट कर दिया है. खेतों में पक चुके अधिकतर फसल बर्बाद होने की कगार पर है.
रिपोर्ट तैयार कर रहे अधिकारी: किसानों की मानें तो चना, गेहूं, अरहर, मूंग, मसूर, फल्ली लगभग कटने की स्थिति में था, लेकिन अचानक हुई बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद होता नजर आ रहा है. इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुए फसलों का मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी खेतों में जाकर फसलों का निरिक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर रही है, ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके. हालांकि फसल नुकसान होने से किसान हतास और निराश नजर आ रहे हैं.
जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों का फसल नुकसान हुआ है. खासकर ओलावृष्टि से भागूटोला गांव क्षेत्र के खेतों में लगे हजारों एकड़ चना, गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, जिन किसानों का बीमा हुआ था, उसको मुआवजा मिलेगा. साथ ही जो किसान बीमा नहीं करा पाए थे, उन्हें भी 6-4 के प्रकरण बनाकर मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे. -अमित कुमार मोहंती, उप संचालक कृषि विभाग, कवर्धा
अधिकतर लोग खेती-किसानी पर करते हैं निर्भर: कवर्धा में ज्यादातर लोग खेती-किसानी करते हैं. फसलों से होने वाली इनकम ही इनके आय का स्रोत है. ऐसे में बेमौसम बारिश से किसानों का फसल बर्बाद होने पर किसानों के पास ना तो खाने के लिए अनाज बचेगा ना बेचने के लिए. ऐसे में इन किसानों को मुआवजे की आस है. इस बीच जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को मुआवने का आश्वासन दिया है.