कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने फिर से करवट ली है. प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि हुई है. जिला कुल्लू के उपमंडल आनी की ग्राम पंचायत लगोटी, कराड़ और मुहान में ओलावृष्टि से सेब की फ्लावरिंग के साथ मटर, गेहूं की फसल को भी नुकसान हुआ है.
बीती शाम के समय हुई भारी बारिश और उसके बाद में पूरे इलाके में जमकर ओलावृष्टि हुई. जिस कारण बिना एंटी हेलनेट के बगीचे में सेब की फ्लावरिंग झड़ गई है. वहीं खेतों में तैयार मटर की खेती पर भी ओलों की मार पड़ी है. ओलों से करशाला, शुश, सुहल, कनशेल, पकरेड़, खड़ौरन, ठारवी, मनछानी, कोठी, सिसरी, बतोट, कों, डीडी, बशावल, खनेरी आदि गांवों में सेब को भारी नुकसान हुआ है.
बागवानों का कहना है कि जिन बगीचों में एंटी हेलनेट नहीं हैं, वहां पर ओलों ने सेब के पेड़ पर लगे फूलों को गिरा दिया है. इसके अलावा जिन इलाकों में हेलनेट लगी है, वहां तापमान गिरने से अब फसल पर संकट मंडराने लगा है. ओलावृष्टि और बारिश से तापमान में गिरावट आने से अब सेब की फसल की सेटिंग खराब होगी.
बागवान टेक चंद, गगन कुमार, यश पाल, कर्म चंद, सूरज प्रकाश और लीला प्रसाद ने कहा कि मौसम हर साल बागवानों को नुकसान पहुंचाता है. इस बार भी सेब के अच्छी फ्लावरिंग और सेटिंग भी बेहतर थी और बागवान भी अच्छी फसल की उम्मीद लगाए हुए थे. लेकिन मौसम ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया और उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया है.
उन्होंने कहा कि ओलों की मार मटर की फसल पर अधिक पड़ती है. ऐसे में किसानों और बागवानों ने सरकार और विभाग से ओलों से हुए नुकसान का आकलन कर इसकी भरपाई करने की मांग की है.
बागवानी विभाग कुल्लू के उपनिदेशक बीएम चौहान ने कहा कि लगातार बरस रहा मौसम बागवानी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि इन दिनों सेब की सेटिंग के लिए मौसम अनुकूल होना चाहिए. ऐसे में ओलों से हुए नुकसान की रिपोर्ट फील्ड अधिकारियों से मांगी जाएगी.
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