शहडोल. कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि शहडोल जिले में खरीफ फसलों की बात करें तो इस साल भी फसलों का रकबा बढ़ा है. धान है, अरहर है, उड़द है, मूंग है, कुटकी तिल, राम तिल आदि फसलें ऐसी हैं, जिनके बोवनी की शुरुआत हो गई है. ऐसे में किसी भी प्रकार की मौसमी या प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए किसानों को बोवनी के तुरंत बाद फसल की बीमा जरूर करवा लेना चाहिए.
कहां कराएं फसल का बीमा?
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झरिया कहते हैं, '' किसान अगर फसल बीमा कराना चाहते हैं तो किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, सेवा सहकारी समिति, जिला सहकारी बैंक या जो कॉमन सर्विस सेंटर हैं, और जो हमारे एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के जो प्रतिनिधि हैं, उनके माध्यम से भी फसलों का बीमा करा सकते हैं.''
बीमा कराने ये दस्तावेज जरूरी
फसलों का बीमा कराने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं.
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- खेत का नक्शा व खसरा
- किश्तबंदी
इसके अलावा भूमि बोवनी प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है, जो की ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से बनवा सकते हैं.
फसल बीमा का कितना प्रीमियम चुकाना होगा ?
कृषि विभाग के उपसंचालक बताते हैं कि खरीफ फसलों के लिए जो बीमा कराने के लिए बीमा राशि है, उसका 2% प्रीमियम लगता है, और रबी सीजन के फसलों के लिए डेढ़ परसेंट प्रीमियम की राशि लगती है.
बीमा की आखिरी तारीख, कौन सी फसलें शामिल ?
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया कहते हैं, '' 31 जुलाई तक किसान अपनी खरीफ की फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसमें अधिसूचित फसलों की हम बात करें, तो जो पटवारी हल्का के लिए धान की फसल है, मक्का की फसल, तुवर की फसल और सोयाबीन की फसल है. इसी तरह से तहसील स्तर पर तिल की फसल अधिसूचित है और जिला स्तर पर उड़द की फसल अधिसूचित है. जो किसान इन फसलों का बीमा कराना चाहते हैं वो इसका लाभ ले सकते हैं और किसी तरह के प्राकृतिक प्रकोप से अगर उनके फसलों की क्षति होती है, तो उस संकट के समय में उनकी कुछ हद तक भरपाई हो जाएगी.