बगहा: बिहार के बगहा के गंडक दियारा पार स्थित तमकुही बाजार से सटे कठहा गांव में लोगों के पालतू पशु पिछले एक हफ्ते से गायब हो रहे थे. उनको समझ में नहीं आ रहा था कि उनकी बकरियां और मुर्गियां कहां चली जा रही हैं. इसी बीच स्कूल जाने के दौरान कुछ बच्चों की नजर मक्के के खेत में छुपकर बैठे मगरमच्छ पर पड़ी. बच्चों ने तुरंत ग्रामीणों को इसकी सूचना दी. इसके साथ ही ग्रामीणों को समझने में देर नहीं लगी कि उनके पालतू पशु कहां चले गए.
एक हफ्ते से डेरा जमाए था विशालकाय मगरमच्छ: दरअसल गंडक दियारा पार के धनहा थाना अंतर्गत कठहा गांव में हफ्ते भर से एक 12 फीट लंबा मगरमच्छ डेरा जमाए हुए था और ग्रामीणों के बकरियों और मुर्गों को अपना निवाला बना रहा था. ग्रामीणों को इस बात की भनक भी नहीं लगती थी कि आखिर उनके पालतू पशु कहां गायब होते जा रहे हैं, लेकिन शनिवार की सुबह जब शिकारी नजर आया तो लोगों के होश उड़ गए.
बच्चों ने मक्के के खेत में देखा: बता दें कि सुबह- सुबह बच्चे जब स्कूल जा रहे थे, तभी उन्होंने एक विशालकाय मगरमच्छ को देखा. फिर इसकी सूचना गांव के बड़े बुजुर्गों को दी. फिर क्या था गांव के युवकों की टोली पूरी तैयारी के साथ मगरमच्छ को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंची. मक्के के खेत में मगरमच्छ धूप का आनंद ले रहा था. ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को रस्से से बांधा और फिर ट्रैक्टर ट्रॉली पर लाद दिया.
"जब बच्चों ने बताया कि मक्के के खेत में एक मगरमच्छ दिखाई दिया है, तब हमलोग मौके पर पहुंचे और मगरमच्छ के मुंह और पूंछ पर बांस बल्ले से दबाकर रस्सी से उसका मुंह और पूरा शरीर बांध दिया. फिर वन विभाग को सूचना दी. इस रेस्क्यू में दो ग्रामीणों को चोटें भी आईं हैं."- सोनू कुमार, मगरमच्छ को पकड़ने वाला जाबाज
वन विभाग की टीम ने गंडक में छोड़ा : इस दौरान मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. साथ ही साथ धनहा थानाध्यक्ष भी दल बल के साथ वहां पहुंच गए. ग्रामीणों ने बताया कि मगरमच्छ अब तक तीन बकरियों को अपना निवाला बना चुका है. कइयों की मुर्गे-मुर्गियां गांव से गायब हैं. मगरमच्छ को पकड़ कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है.वहीं मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मी ने बताया कि ग्रामीणों ने मगरमच्छ को बांधकर हमें सौंप दिया है.
"यह एक काफी विशालकाय मगरमच्छ है. इसकी लंबाई तकरीबन 10 से 12 फीट है. हमलोगों ने पकड़े गए मगरमच्छ को धनहा रतवल पुल के पास गंडक नदी में वापस छोड़ दिया है."- बीपीन कुमार, पशु रक्षक, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बगहा में मगरमच्छों का आतंक: बता दें कि यदि समय रहते इस मगरमच्छ का रेस्क्यू नहीं हुआ रहता तो गांव के बच्चों और अन्य लोगों के लिए खतरनाक साबित होता. इन दिनों गंडक नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इसके कारण जंगली जानवर गांवों में घुस जा रहे हैं. इससे पहले बगहा में ही इंडो-नेपाल सीमा पर वाल्मीकिनगर में मगरमच्छ ने एक बुजुर्ग पर हमला कर उसे घायल कर दिया था. वहीं मछली पकड़ने के दौरान भी एक शख्स पर बीते दिनों मगरमच्छ ने हमला किया था.
"कठहा गांव के मकई के खेत में मगरमच्छ था. उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. तीन बकरियों का शिकार कर चुका था."- अज़ीज़ुर्रहमान, ग्रामीण
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