बाड़मेर. जोधपुर रेंज की पुलिस की टीमों ने बाड़मेर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 23 सालों से फरार खूंखार अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी पर हत्या सहित कई गंभीर प्रकरण दर्ज हैं. इसके साथ ही वह करीबन 60 हजार रुपए का ईनामी भी है. आरोपी के साथ उसका एक सहयोगी भी गिरफ्तार हुआ है. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हथियारों का जखीरा और एक लाख से अधिक की नकदी भी बरामद की है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
वर्ष 2001 में पेरोल के दौरान हुआ था फरार: बुधवार को जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बाड़मेर में प्रेस वार्ता का आयोजन कर पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 23 सालों से फरार इनामी अपराधी लालसिंह को काफी जदोजहद के बाद गिरफ्तार किया गया है. इस आरोपी पर हत्या सहित हर तरह के कुल 20 मुकदमे दर्ज हैं. हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. 2001 में पेरोल के दौरान फरार हो गया था. उन्होंने बताया कि आरोपी लाल सिंह के फरार होने के बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी.
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आरोपी पुलिस की भनक लगते ही हो जाता फरार: आईजी विकास कुमार ने बताया कि फरार आरोपी लालसिंह को लेकर रेंज स्तरीय साईक्लोनर सेल को कुछ दिनों पहले जानकारी मिली थी कि आरोपी जैसलमेर में अवैध हथियार, गोला-बारूद की गोरखधंधा कर रहा है. इस पर विशेष टीमों को जैसलमेर भेजा गया, लेकिन आरोपी को पहले ही भनक लग गई और वह फरार हो गया.
इसके बाद पुलिस ने कई जगहों पर दबिश थी, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. आईजी ने बताया कि आज सूचना मिलती थी कि आरोपी लालसिंह बाड़मेर जिले के एक गांव में है. लेकिन आरोपी चकमा देकर यहां से भी फरार हो गया. लेकिन फिर भी पुलिस ने लगातार आरोपों का पीछा किया. जिसके चलते पुलिस ने बिशाला गांव के पास काफी प्रयासों के बाद आरोपी और उसके एक साथी राणाराम को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही पुलिस ने हथियारों का जखीरा, नकदी और एक वाहन इनके कब्जे से बरामद किया है.
1994 में पहली दर्ज हुआ था मामला: पुलिस के अनुसार लालसिंह ने पहली बार वर्ष 1994 में बदले की भावना से हरलाल सियाग बेरहमी से हत्या की थी. इस मामले में आरोपी को वर्ष 1994 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी. वर्ष 2002 में पैरोल पर जेल से बाहर आ कर फरार हो गया था. इस बीच आरोपी लाल सिंह लगातार अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया. वह लगभग पिछले 30 वर्षों से अपराध में लिप्त है एवं आरोपी पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी, अपहरण, गंभीर मारपीट, आर्म्स एक्ट, राजकार्य में बाधा एवं पैरोल से फरार इत्यादि के मामले दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीन हथियार मय 300 से ज्यादा कारतूस, तलवार, चाकू एवं गुप्ती, बारूद बनाने का सामान, फर्जी नम्बर प्लेट, हिसाब-किताब की डायरियां एवं कुछ अन्य सामान के अलावा कुल 1,00,095 नकद राशि बरामद की है.
पुलिस के अनुसार पूछताछ में आरोपी ने दावा करते हुए बताया कि अपने हथियारों, गोलों बारूदों और अपनी हिम्मत के बूते दो दिन तक जिले की पुलिस का मुकाबला कर सकता हूं. इसलिए वह अपने साथ हथियारों और कारतूसों का जखीरा लेकर चलता था. पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी ने अपने सहयोगी को यह भी कह रखा था कि अगर पुलिस आए, तो तुम भाग जाना, मैं अकेला पुलिस का 2 दिन तक मुकाबला करूंगा.
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने किया कई खुलासे: पुलिस पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि वह 23 सालों से बाड़मेर—जैसलमेर इलाके में ही रह रहा था. खास बात यह है कि इतने बड़े अपराधी की पुलिस के पास कोई तस्वीर तक नहीं थी. यही वजह थी कि आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देने में कामयाब होता रहा. फरारी के दौरान अपराधी ने शादी की. इस शादी से उसके दो बच्चे भी हैं.
पुलिस पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि आरोपी लाल सिंह गोल्डन जुबली होने पर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाला था. आरोपी की अभी 53 साल का है और वह 55 साल का होने पर सरेंडर करने वाला था. क्योंकि अपराधी का दावा था कि उसे कोई पकड़ नहीं सकता है. आरोपी बड़ी संख्या में डॉग्स पालता था. इसकी वजह थी अगर कोई अनजान व्यक्ति आए तो उनके भौंकने से वह अलर्ट हो जाए.