लखनऊ: राजधानी में एक और छात्रा ने बोर्ड की परीक्षा के दबाव में मौत को गले लगा लिया. गुडंबा के आदिल नगर की रहने वाली दसवीं क्लास की छात्रा अक्षिता नंदन श्रीवास्तव ने मंगलवार को गणित का पेपर देने के बाद आत्महत्या कर ली. वहीं, मदेयगंज, पीजीआई थाना क्षेत्र में भी सुसाइड का मामला सामने आया है. तीनों ही मामलों में स्थानीय थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
कमरे में आराम करने गई: 16 वर्षीय अक्षिता नंदन श्रीवास्तव दसवीं क्लास की छात्रा थी. मंगलवार दोपहर वह गणित की बोर्ड परीक्षा देकर वापस घर लौटी थी. घर पर छात्रा के परिजनों ने परीक्षा के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि उसका पेपर अच्छा हुआ था. इसके बाद वह अपने कमरे में चली गई. काफी देर तक जब छात्रा कमरे से बाहर नही आई तो परिजन बेटी के कमरे में पहुंचे तो उन्हें बेटी की बदहोश दिखी. परिजन छात्रा को नजदीकी अस्पताल में लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. गुडम्बा इंस्पेक्टर नितिश श्रीवास्तव के मुताबिक, छात्रा का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया है. मामले की जांच की जा रही है.
वहीं, दूसरी तरफ पीजीआई थानांतर्गत के तेलीबाग में 25 वर्षीय रजनीश ने भी सुसाइड (10th class girl student committed suicide in Lucknow) लिया. पुलिस के मुताबिक, रजनीश अपने भाई रामसिंह के साथ रहता था. राम सिंह ने बताया कि सोमवार रात रजनीश खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया था. मंगलवार सुबह परिजन उसे जगाने पहुंचे तब उसका शव पड़ा हुआ था. इसके अलावा मदेयगंज के त्रिवेणीनगर निवासी 23 वर्षीय निधि ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. निधि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रही थी. पिता अश्वनी शाहजहांपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर हैं. मंगलवार को घर से बाहर गए थे. इसी बीच बेटी निधि ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली.
नम्बर एक पर आने का दबाव: वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ देवाशीष शुक्ला कहते है कि, एग्जाम में सफल न होने से लाइफ खत्म नहीं होती है. लेकिन बच्चों पर पैरेंट्स, समाज, स्कूल-कोचिंग और दोस्तों व रिश्तेदारों का इतना दबाव रहता है कि वह आत्महत्या जैसे बड़े कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं. अब जब बोर्ड एग्जाम चल रहे है तो जरूरी है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट करें. उन पर दबाव डाले. उन्हें सही गाइडेंस दें.
यह कर सकते है पेरेंट्स
- बच्चों को देर रात तक के स्थान पर सुबह जल्दी उठ कर पढ़ने की आदत डलवाए.
- घर में शांति का माहौल बनाएं.
- बच्चे से पढ़ाई और पेपर की तैयारी को लेकर बात करते रहें.
- बच्चे को पढ़ने और मेहनत करने के लिए मोटिवेट करें और दबाव न डालें. (Crime News UP)
ये भी पढ़ें- आंखों से हट जाएगा नंबर का चश्मा, बस एक छोटी सी सर्जरी में हो जाएगा काम