रुड़की: हरिद्वार के भगवानपुर थाना पुलिस ने विवेक हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने हत्या के मामले में विवेक के ही तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक तमंचा और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल समेत अन्य सामान भी बरामद किया है. पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है.
बीती 12 जून को भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडली गांव निवासी सुखवीर सिंह द्वारा उनके बेटे विवेक का अपने ही गांव के लड़के प्रशांत व 2 अन्य लडकों के साथ जाने व रात को वापस नहीं आने के सम्बंध में सूचना दी थी. जिस पर गांव के अन्य लड़कों के घर पर पता करने पर तीनों लड़के भी घर पर नहीं मिले, इसके बाद पुलिस टीम द्वारा विवेक के परिजनों के साथ मिलकर विवेक की तलाश के दौरान सिरचन्दी ईदगाह से आगे जंगल में खाले पर विवेक का शव पड़ा मिला, जिसकी गर्दन पर गोली लगी हुई थी. विवेक का शव बरामद होने पर पुलिस ने तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया था.
वहीं घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद पुलिस टीम का गठन किया गया. वहीं गठित की गई पुलिस टीम द्वारा नामजद तीनों आरोपियों प्रशांत (19 वर्ष) पुत्र झबर सिंह निवासी ग्राम डाडली, अक्षय (20 वर्ष) पुत्र सौ सिंह निवासी ग्राम बढेडी बुजुर्ग, अजय उर्फ काका (19 वर्ष) पुत्र सीताराम निवासी ग्राम बढेडी बुजुर्ग को थाना क्षेत्रांतर्गत डाडली चौक से आगे घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने किया बड़ा खुलासा: 9वीं और 10वीं पास तीनों आरोपी आपस में दोस्त हैं, जो कंपनी में काम करते हैं और अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में बंद पडी फैक्ट्रियों से सामान चोरी कर सामान को बेचकर रुपये आपस में बांट लेते थे. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि बीती 11 जून की रात में भी तीनों ने और दिनों की तरह चोरी का प्लान बनाया तो प्रशान्त के साथ मृतक विवेक कुमार भी आ गया. जब चारों लोग माहडी चौक पहुंचे तो ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी ने रात के घने अंधेरे में संदिग्ध हालत में घूम रहे चारों व्यक्तियों को रोका और पूछा कि कहां से आ रहे हो और किधर जा रहे हो, इसी के साथ पुलिसकर्मी ने अन्य पूछताछ कर सभी युवकों की एक फोटो भी खींच ली, पुलिसकर्मी के ऐसा करने से मृतक विवेक के मन के अंदर डर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद चारों बडेडी बुजुर्ग वाले सुनसान रास्ते में जाकर चोरी का प्लान बना कर फैक्ट्री की ओर जाने लगे, जिस पर विवेक आनाकानी करने लगा और कहा कि मैं तुम लोगों के साथ चोरी नहीं करूंगा, लेकिन ये तीनों लोग उसको धमकाने लगे, तब विवेक ने इनकी पुरानी सारी बातें पुलिस को बताने की धमकी दी. वहीं पुलिस के पकड़े जाने के डर से अक्षय व अजय ने विवेक के हाथ पकड़े और प्रशान्त ने अपने पास रखे तमंचे से विवेक के गर्दन पर गोली मारकर हत्या कर दी और उसके शव को मोटरसाइकिल पर रखकर सिरचन्दी ईदगाह से आगे जंगल में खाले में फेंक दिया. वहीं आरोपियों की निशानदेही पर सिकंदरपुर गांव से बढेडी बुजुर्ग जाने वाले सीसी मार्ग के पास खेत से घटना में प्रयुक्त तमंचा 315 बोर, एक खोखा कारतूस व घटना के दौरान आरोपियों द्वारा पहने कपड़े बरामद कर आरोपियों के खिलाफ धाराओं में बढ़ोतरी की गई है.
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