देहरादून: पटेल नगर क्षेत्र में एक नामी गाड़ी कंपनी पर नए मॉडल की लग्जरी कार के नाम पर पुराने मॉडल की गाड़ी बेचने का आरोप लगा है. पीड़ित का आरोप है कि उसे पुराने मॉडल की कार थमा दी गई है. जबकि, उसने पैसे नए मॉडल कार की दी थी. ऐसे में उसे करीब 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. लिहाजा, पीड़ित ने पुलिस में तहरीर दी है. वहीं, पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने डायरेक्टर, मैनेजिंग चेयरमैन समेत 3 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
एक्सचेंज में बुक कराई 70 लाख रुपए लग्जरी कार: दरअसल, दून एनक्लेव निवासी प्रकाश तिवारी ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि वो मुंबई में रहते हैं और फिल्म प्रोड्यूसिंग का काम करते हैं. साथ ही देहरादून में बिल्डिंग निर्माण का भी काम भी करते हैं. साल 2022 में पीड़ित ने मोहब्बेवाला स्थित शोरूम में नई लग्जरी कार खरीदने के लिए संपर्क किया. तब पीड़ित ने अपनी स्कोडा रैपिड कार एक्सचेंज में दी थी, जिसके बदले में 48 लाख रुपए कीमत की एक कार खरीदी. उसके बाद 9 फरवरी 2023 को उस कार को एक्सचेंज में देकर 70 लाख रुपए कीमत की एक लग्जरी कार बुक करा दी.
इनवॉइस और बीमा दस्तावेज पर अंकित था 2023 का मॉडल: पीड़ित प्रकाश का कहना था कि शोरूम संचालक ने 24 फरवरी को उन्हें कार उपलब्ध कराई, जिसके इनवॉइस और बीमा दस्तावेज पर मॉडल साल 2023 अंकित था. देहरादून आरटीओ में कार का पंजीकरण हुआ था. उसके बाद जून 2023 को वो बदरीनाथ से लौट रहे थे तभी उनकी कार नीचे से रगड़ खा गई. इसी दौरान उन्हें पता चला कि इस कार का नया मॉडल आ गया है.
चार महीने बाद पता चला 2022 का है मॉडल: इसके बाद वो 30 जून 2023 को दोबारा उसी शोरूम में पहुंचे और अपनी उस कार को एक्सचेंज में देकर दूसरी नए मॉडल की कार बुक कराने की इच्छा जताई. इस पर शोरूम संचालक ने एक्सचेंज में ली जा रही उनकी कार की कीमत में 30 फीसदी कटौती की बात कही. ऐसे में इस कार को खरीदने के 4 महीने के बाद शोरूम के अधिकारियों ने बताया कि उनकी कार 2023 नहीं, बल्कि 2022 मॉडल की है.
पीड़ित ने लगाए ये आरोप: इस पर प्रकाश तिवारी ने कार खरीदने के दौरान मिली इनवॉइस और बीमा के कागजात दिखाए. जिस पर कार का मॉडल 2023 अंकित था. आरोप है कि शोरूम के अधिकारियों ने उसे तकनीकी त्रुटि बताकर पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद शोरूम संचालक ने नई इनवॉइस बना दी. इन कागजातों पर कार का मॉडल 2022 दर्ज था. आरोप है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उन्हें धमकी भी दी गई.
पुलिस पर भी लगा आरोप: पीड़ित ने इसके बाद संबंधित कार कंपनी के पुणे स्थित कार्यालय में संपर्क किया. साथ ही चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और निदेशक को ईमेल भेजा. इसके बाद पीड़ित ने पूरे मामले की लिखित शिकायत 18 अगस्त 2023 को देहरादून एसएसपी कार्यालय में दी थी. वहां से जांच के लिए मामले को आइएसबीटी चौकी पुलिस के पास भेज दिया गया. आरोप है कि वो लगातार चौकी जाते रहे, लेकिन पुलिस ने जांच आगे नहीं बढ़ाई और उन्हें टालते रही.
पिछले दिनों जांच अधिकारी चौकी प्रभारी का तबादला हो गया और पीड़ित ने दोबारा एसएसपी अजय सिंह से मुलाकात की. जिस पर एसएसपी ने एसपी क्राइम को मामले की जांच सौंपी. 20 दिन बाद एसपी क्राइम ने एसएसपी को रिपोर्ट सौंपी. अब जाकर एसएसपी अजय सिंह के आदेश पर मुकदमा दर्ज हो पाया है.
"पीड़ित ने कई बार कंपनी में भी हर स्तर पर बातचीत की, लेकिन पीड़ित की शिकायत को कंपनी ने अनसुना कर दिया. जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत के आधार पर पुणे के प्रबंध निदेशक संतोष अय्यर, चेयरमैन, निदेशक, सीईओ समेत देहरादून शोरूम के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है." - अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून
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