श्रीनगर/देहरादून/रुद्रप्रयाग: पौड़ी डीएम आशीष चौहान की फेक फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर पर पैसों की डिमांड करने का मामला सामने आया है. हालांकि, अभी तक उनकी आईडी से भेजे मैसेज से कोई ठगी का शिकार नहीं हुआ है. उधर, मामले में डीएम आशीष चौहान ने एसएसपी लोकेश्वर सिंह से जांच करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद पौड़ी पुलिस अब जांच में जुट गई है. वहीं, साइबर ठगों ने लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ लाखों रुपए की ठगी कर डाली.
दरअसल, पौड़ी डीएम आशीष चौहान की फेक फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर से एक वरिष्ठ पत्रकार को संदेश भेजा गया. जिसमें फोन नंबर मांग कर कहा गया कि उनका एक सैन्य अफसर साथी है. जिसका तबादला हो गया है, वो फर्नीचर बेचना चाहता है. जब पत्रकार ने डीएम की फेसबुक आईडी के मैसेंजर पर नंबर शेयर कर दिया. जिसके बाद एक फोन आया.
जिसने खुद को सैन्य अफसर बताया और कहा कि उसका तबादला हो गया है, वो फर्नीचर आदि बेचना चाहता है. जिस पर पत्रकार ने फर्नीचर न खरीदने की बात कही, लेकिन वो फर्नीचर बेचने की एवज में 80 हजार रुपए की डिमांड करने लगा. जिस पर पत्रकार को फर्जीवाड़े का अंदेशा हुआ. जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी.
तीसरी बार बना डाली डीएम की फेक फेसबुक आईडी: डीएम आशीष चौहान ने बताया कि उनकी फोटो के साथ एक फेक फेसबुक आईडी बनाकर लोगों से पैसों की डिमांड का संदेश भेज रहा है. उनकी फेक फेसबुक आईडी बनाने की तीसरी घटना है. जिस पर उन्होंने पुलिस को जांच करने को कहा है. वहीं, एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने पुलिस अधिकारियों को आवश्यक जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
शेयर बाजार में निवेश के नाम पर लेफ्टिनेंट कर्नल से ठगी: व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शेयर बाजार में रुपए निवेश करने के नाम पर साइबर ठगों ने लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ लाखों रुपए की ठगी कर डाली. लेफ्टिनेंट कर्नल की तहरीर के आधार पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में थाना कैंट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
लेफ्टिनेंट कर्नल रिजेश आर उन्नीथन निवासी ऑफिसर्स मैरिड एकोमोडेशन यंग रोड गढ़ी कैंट ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि वो सैन्य अस्पताल देहरादून में एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के रूप में तैनात है. बीती 29 अप्रैल से 11 मई तक मिलिट्री अस्पताल शिमला में अस्थायी ड्यूटी पर था. उस दौरान पीड़ित को एक स्टॉक सलाहकार व्हाट्सएप ग्रुप में लैजार्ड एसेट मैनेजमेंट में जोड़ा गया.
व्हाट्सएप ग्रुप में 200 प्रतिशत लाभ कमाने के लक्ष्य के साथ 8-10 प्रतिशत रिटर्न देने की बात कही गई. व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन प्रोफेसर उर्फ रोहन कुलकर्णी और असिस्टेंट उर्फ आरुषि मेश्राम समेत अन्य लोग थे. इसके अलावा ग्रुप में 300 सदस्य भी थे. पीड़ित ने ग्रुप में मैसेज भेजा कि वो भी ब्लॉक डील करना चाहता है. जिसके बाद ग्रुप एडमिन ने रजिस्ट्रेशन के लिए एक लिंक भेजा और उसमे पीड़ित ने रजिस्ट्रेशन कराया.
उसके बाद पीड़ित को निवेश करने के लिए कहा गया. पीड़ित ने 5 लाख रुपए जमा करवा दिए, फिर ब्लॉक डील के रूप में डिस्काउंट मूल्य पर स्टॉक का व्यापार करना शुरू करा दिया गया. वेबसाइट पर लेनदेन से पता चला कि हर दिन प्रत्येक व्यापार में 5-8 प्रतिशत का लाभ हो रहा है. उसके बाद व्हाट्सएप के माध्यम से सहायक ने बताया कि आने वाले दिनों में 15-20 प्रतिशत रिटर्न के साथ बड़े सौदे बुक किए जा रहे हैं.
बड़े रिटर्न के लिए और ज्यादा निवेश करने के लिए कहा गया. पीड़ित ने 6 मई को दोबारा से 4 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. उसके बाद पीड़ित के पिता ने बताया कि ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में धोखाधड़ी और साइबर शिकायतों के संबंध में रोजाना खबरें आ रही थीं. जिसके बाद पीड़ित ने सभी चल रहे ट्रेड बंद कर दिए और उनकी वेबसाइट पर 5 लाख रुपए की निकासी का अनुरोध डाला.
व्हाट्सएप एडमिन ने बताया कि रुपए ट्रांसफर होने में समय लगेगा, लेकिन उसके बाद व्हाट्सएप एडमिन निवेश करने के लिए और रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा. पीड़ित ने जब रुपए ट्रांसफर करने से मना किया तो एडमिन ने व्हाट्सएप ग्रुप डिलीट कर दिया. वहीं, थाना कैंट प्रभारी महावीर उनियाल ने कहना है कि पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. साथ ही पीड़ित की ओर से जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए हैं, उन खातों की जांच की जाएगी.
रुद्रप्रयाग में दोस्त की आवाज निकालकर साइबर ठग ने ठगे 39 हजार रुपए: गुप्तकाशी का त्रिलोचन ठगी का शिकार हुआ है. साबइर ठग ने उसे किसी मित्र की आवाज में हाल-चाल पूछा, फिर एक्सीडेंट का बहाना बनाकर उनसे पैसे की मांग की गई. त्रिलोचन भी आवाज सुन झांसे में आ गया और अपने अकाउंट से 39 हजार की धनराशि तत्काल उसे फोन पे पर भेज दिया. जब उसने पैसे मिलने की जानकारी को लेकर फोन किया तो उसका स्विच ऑफ मिला. जिसके बाद उसने अपने मित्र के फोन लगाया तो उसने पैसे न मांगने की बात कही. जिसके बाद उसे ठगी का एहसास हुआ.
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