लखनऊ : सीएमजे विवि मेघालय में डीफार्मा कोर्स में प्रवेश दिलाने के नाम पर 28 छात्रों से 33 लाख रुपये ठग लिए गए. छात्रों को फर्जी मार्कशीट भी थमा दी गई. छात्रों ने विवि पहुंच जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनका प्रवेश ही नहीं हुआ था. छात्रों की तहरीर पर गोमतीनगर पुलिस ने गोमतीनगर स्थित एसआईटीएम ग्रुप ऑफ एजुकेशन के निदेशक संदीप वर्मा समेत 4 लोगों को खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज निवासी मो. इरफान उर्फ सैफ के मुताबिक रिश्तेदार मो. अजीम और हसन रजा को डीफार्मा में दाखिला लेना था. वर्ष 2021 में पत्रकारपुरम सहारा प्लाजा स्थित एसआईटीएम ग्रुप के राहुल वर्मा से मुलाकात हुई. राहुल ने एसआईटीएम ग्रुप के निदेशक संदीप से मिलवाया. संदीप ने मेघालय सीएमजे विश्वविद्यायल में प्रवेश दिलाने का भरोसा दिलाया. आरोपियों ने कहा कि विश्वविद्यालय से केवल डीफार्मा की डिग्री मिलेगी. छात्रों की परीक्षा और पढ़ाई इंस्टीट्यूट के जरिए ही होगी. इरफान के मुताबिक उनके रिश्तेदार समेत करीब 28 लोगों ने डीफार्मा के लिए आवेदन कर 33 लाख रुपये बताए गए खाते में भेज दिए. इसके बाद एक भी क्लास नहीं हुई.
मो. इरफान ने बताया कि बिना परीक्षा के ही सबको मार्कशीट भी थमा दी गई. पूछने पर आरोपी कोरोना महामारी के कारण प्रमोट किए जाने की बात कहकर टाल-मटोल करते रहे. शक होने पर मो. अजीम और हसन रजा मेघालय स्थित सीएमजे विश्वविद्यालय पहुंचे तो पता चला कि संदीप वर्मा के इंस्टीट्यूट का विवि से कोई सम्पर्क नहीं है. डीफार्मा कोर्स में उनमें से किसी का भी प्रवेश नहीं हुआ है. शिकायत करने पर आरोपी धमकाने लगे. इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश कुमार पाण्डेय के मुताबिक आरोपी संदीप वर्मा, उसके भाई राधेश्याम, साथी राहुल और खड़ग सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
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