लखनऊ : आज के समय में हैंडीक्राफ्ट से बना सामान हर किसी को खूब पसंद आता है. लखनऊ में हर वर्ष सफेद बारादरी में क्राॅफ्ट प्रदर्शनी भी आयोजित होती है. यहां आपको एक से बढ़कर एक हाथों से बने सामान मिलेंगे. इसमें साज-सज्जा, किचन, कपड़े, महिलाओं की सौन्दर्य सामग्री का सामान उपलब्ध है. वेस्ट जींस से बनें खूबसूरत बैग लोगों को आकर्षित कर रहे हैं, वहीं आयुर्वेद के 5000 वर्ष पुरानी पद्धति से बनी सौंदर्य सामग्री महिलाओं को खूब पसंद आ रही है. इसके अलावा अन्य सामग्री भी लोगों को लुभा रही है. यहां 21 से अधिक राज्यों से कारीगर आए हैं. प्रदर्शनी के अंतिम दिन लोगों ने जमकर खरीदारी की.
मुम्बई की स्वाति ने बताया कि इसकी ऑनर सौम्या हैं. उन्होंने 2018 में शुरूआत की थी. 15 लोगों की टीम है. महिलाओं की संख्या ज्यादा है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां दो तरह की जींस का इस्तेमाल होता है. एक ऐसी जींस जो पुरानी हो चुकी है और एक ऐसी जींस जो कंपनी डिफेक्टिव बोलकर हटा देती है. इन दोनों ही तरीके की जींस को हम लेते हैं और उससे कैरी बैग, पर्स, इयररिंग और होम डेकोरेशन के सामान इत्यादि बनाते हैं, जिनको बनाने में करीब पूरा-पूरा दिन चला जाता है और इसकी कीमत 250 रुपए से शुरू होकर के 3500 रुपए तक है. यह निर्भर करता है कि कस्टमर सामान क्या पसंद कर रहा है, हर सामान का अलग-अलग दाम निर्धारित किया गया है.
दिल्ली से आए मोहम्मद असिम ने बताया कि वह एक वायर आर्टिस्ट हैं. लखनऊ में अलग ही हस्तशिल्प कार्य को महत्व दिया जाता है. यहां पर लोग बहुत ही मन से हाथों से निर्मित चीजों को खरीदते हैं. हमारे यहां पर बिक्री अच्छी होती है. बीते वर्ष भी यहां पर आए थे और अच्छी बिक्री हुई थी. हम जो वेस्ट वायर होते हैं, उससे डेकोरेशन का सामान बनाते हैं. इसके अलावा कैलीग्राफी करते हैं, यानी कि अगर कोई व्यक्ति अपना नाम का नेम प्लेट बनवाना चाहता है तो उसे हम बनाते हैं. नेम प्लेट हमारे पास दो प्रकार की हैं. एक वायर सिंपल नेम प्लेट और दूसरा इलेक्ट्रिक वायर नेम प्लेट. इसमें नेम प्लेट में लाइटिंग की व्यवस्था होती है. इसे वायर से बनाया जाता है, जो कस्टमर को काफी पसंद आता है. इसकी कीमत 1500 से 2000 रुपए के बीच में होती है. उन्होंने कहा कि कला की कोई कीमत निर्धारित नहीं है. जितनी इसमें मेहनत होती है, उतनी कीमत बढ़ती जाती है. दुकान में सबसे सस्ता सामान 150 रुपए से शुरूआत हुई है.
गुजरात से आये अक्षय व्यास ने बताया कि कुछ वर्षों पहले मैंने पत्नी के साथ मिलकर एक साबुन बनाया था. वह एक ऐसा सामान था, जिसमें किसी भी प्रकार का कोई रासायनिक पदार्थ नहीं मिलाया गया था. आज की तारीख में उस साबुन की इतनी डिमांड है कि लोग हमें फोन करके हमसे वह साबुन लेते हैं. इसके अलावा क्राॅफ्ट एग्जीबिशन में बहुत अच्छी से अच्छी चीज है. किसी भी प्रकार का किसी भी सामान में कोई रासायनिक तत्व नहीं है. सभी में घी या नारियल का तेल का इस्तेमाल किया गया है, जो हमारी सेहत के लिए और हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है.
उन्होंने बताया कि 5000 वर्ष पुरानी पद्धति को अपनाते हुए हमने एक ऐसा मॉइस्चराइजिंग क्रीम बनाया है, जिसकी डिमांड इस मेले में सबसे अधिक है. किसी भी तरह का कोई भी रासायनिक तत्व नहीं मिला है. इसे घी से बनाया गया है. यह रिंकल्स, छाई और पिगमेंटेशन को दूर करता है. इसकी कीमत 250 रुपए है. इसके अलावा एंटी हेयर फॉल तेल की भी बिक्री बहुत हो रही है और लोगों को उससे काफी असर हुआ है.
खुरजाबाद से आए रविन्द्र कुमार ने बताया कि बड़ी ही मेहनत के बाद एक से बढ़कर एक हम बर्तन बनाते हैं. इसे बनाने में समय लगता है. इस बार क्राफ्ट मेले में हम खूबसूरत डिनर सेट तो लेकर आए ही हैं, डेकोरेशन का भी सामान लाए हैं. नमक दानी लोगों को काफी पसंद आ रहा है और इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं है. 250 रुपए इसका दाम है. लोगों को यह बहुत पसंद आ रहा है.
अलीगढ़ से आये दिलीप चौरसिया ने बताया कि हाथों से बने सामान लोगों को बहुत पसंद आते हैं. हर बार हम क्राफ्ट एग्जीबिशन में आते हैं और यहां पर हमारी अच्छी बिक्री होती है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हमारी बहुत अच्छी बिकरी हुई है. बीते दिनों हमारे दो बड़े-बड़े हाथी की प्रतिमा की बिक्री हुई है, जिसकी कीमत करीब तीन लाख रुपए थी. इस बार हम बालाजी महाराज की प्रतिमा को लेकर आए हैं. इसके अलावा अयोध्या में भगवान श्रीराम विराजित हुए हैं, उनकी प्रतिमा लेकर के आए हैं. साउथ में जिस प्रकार से अद्भुत कारीगरी होती है उस प्रकार के बर्तन और मूर्ति लेकर आए हैं. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. हमारे पास एक ऐसा शोपीस वाला शंख है, जो साउथ की कारीगरी से बना है. इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं.
जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि राजधानी लखनऊ तहजीब की नगरी है. यहां के लोगों को हस्तशिल्प की सभी बारीकियां बहुत ही अच्छे तरीके से मालूम है. आज क्राफ्ट एग्जीबिशन में एक से बढ़कर एक कारीगर आए हैं जो अपने-अपने राज्यों को प्रदर्शित कर रहे हैं. जिनका अपना नया स्टार्टअप है, उन्हें भी मौका मिला है कि वह स्वयं के द्वारा निर्मित चीजों को एक मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं. यहां पर हाथों से बना सामान है जो सभी को काफी पसंद आ रहा है. उन्होंने कहा कि इस एग्जीबिशन में हम अपने कॉलेज के प्रोफेसर के साथ आए हैं. वह इस एग्जीबिशन को पार्टिसिपेट करना चाह रहे थे. ताकि बच्चों को भी बहुत सारी चीज सिखा सकें, यहां आकर बहुत अच्छा अनुभव मिला है.
राजाजीपुरम से आईं गीता ने बताया कि हर बार यहां पर क्राफ्ट एग्जीबिशन आयोजित होती है. यहां पर एक ऐसी शॉप है जिनको मैं स्पेशली फोन करके आई हूं और उनसे सामान ले जाती हूं. यह आयुर्वेद की एक दुकान है, यहां पर बगैर रासायनिक तत्व के जो प्रोडक्ट मिलते हैं वह काफी ज्यादा इफेक्टिव होते हैं. मेरा खुद का इस्तेमाल किया हुआ प्रोडक्ट है. ऐसे में इनसे टच में रहती हूं. जैसे ही मुझे पता चलता है कि यह शहर आ रहे हैं तो मैं उस जगह जाकर उनसे सामान रिसीव कर लेती हूं. इसमें मॉइस्चराइजिंग क्रीम, आयुर्वेद हेयर ऑयल और लिप बाम शामिल है, जिसे मैं हमेशा इन्हीं से ही लेती हूं.
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