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दरारों ने खोली यूपी के पहले ग्लास ब्रिज के निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल, उद्घाटन से पहले गुणवत्ता पर उठे सवाल, डीएम ने दिए जांच के आदेश - glass bridge Chitrakoot

चित्रकूट में यूपी के पहले ग्लास ब्रिज का शुभारंभ होने से पहले ही उसके निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है. ब्रिज के फाउंडेशन में दरारें दिखने लगी है. जलप्रपात देखने आ रहे पर्यटक सीधे इसकी गुणवत्ती पर सवाल उठाते हुए इस मौत की दुकान तक बताने लगे हैं. वहीं मामले का खुलासा होने पर अब जिला अधिकारी ने इसकी जांच एनआईटी प्रयागराज से कराने की बात कही है.

उद्घाटन से पहले ब्रिज के फाउंडेशन में दरार
उद्घाटन से पहले ब्रिज के फाउंडेशन में दरार (PHOTO credits ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 5:58 PM IST

ग्लास ब्रिज के निर्माण में घोटाला (video credits ETV BHARAT)

चित्रकूट: कहा जाता है कि सभी तीर्थों का तीर्थ है चित्रकूट. इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है, इसके साथ ही यहां कई पर्यटक स्थल भी हैं. जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के टिकरिया तुलसी जलप्रपात में 3 करोड़ 71 लाख की लागत से राज्य का पहला स्काई वाक ग्लास ब्रिज बनाने का फैसला लिया. पवन सेतु केन्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ब्रिज सहित टिकट काउंटर का निर्माण कर रही है. लेकिन उद्घाटन से पहले ही हल्की बारिश ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. ब्रिज के फॉउंडेशन में जगह जगह गहरी दरारें साफ साफ दिखाई दे रही है. ग्लास ब्रिज देखने पहुंचे पर्यटकों ने इसे मौत की दुकान तक बता दिया है. सवाल उठने पर अब जिम्मेदार जांच की बात कह रहे हैं.

दरारों ने पुल के बुनियादी ढांचे पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और ब्रिज में आई दरारें गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं. वहीं सूचना पर जांच करने मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से जांच कर सेफ्टी पॉइंट को चेक कर ब्रिज को हैंडओवर करने की बात की है.

वन विभाग ने ग्लास ब्रिज का जल्द ही शुभारंभ करने का दावा किया था. यह कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद इसको आमजन के लिए खोला जाएगा. पर अभी इसकी शुरुआत भी नहीं हुई और हल्की बारिश ने गुणवत्ता के दावे की पोल खोल दी.

वहीं जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरणप्पा जी एन ने मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर विभागीय टीम के साथ जांच करने के लिए पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने कहा कि, स्काई ग्लास वाक ब्रिज के हैंड ओवर लेने के पहले NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से भी जांच कराई जाएगी. और ब्रिज के सेफ्टी प्वाइंट को भी चेक कराया जाएगा. इसके बाद ही ब्रिज को हैंड ओवर लिया जाएगा.


ये भी पढ़ें:मथुरा में भ्रष्टाचार की टंकी; घरों में एकदम से घुसा ढाई लाख लीटर पानी, कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मुकदमा

ग्लास ब्रिज के निर्माण में घोटाला (video credits ETV BHARAT)

चित्रकूट: कहा जाता है कि सभी तीर्थों का तीर्थ है चित्रकूट. इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है, इसके साथ ही यहां कई पर्यटक स्थल भी हैं. जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के टिकरिया तुलसी जलप्रपात में 3 करोड़ 71 लाख की लागत से राज्य का पहला स्काई वाक ग्लास ब्रिज बनाने का फैसला लिया. पवन सेतु केन्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ब्रिज सहित टिकट काउंटर का निर्माण कर रही है. लेकिन उद्घाटन से पहले ही हल्की बारिश ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. ब्रिज के फॉउंडेशन में जगह जगह गहरी दरारें साफ साफ दिखाई दे रही है. ग्लास ब्रिज देखने पहुंचे पर्यटकों ने इसे मौत की दुकान तक बता दिया है. सवाल उठने पर अब जिम्मेदार जांच की बात कह रहे हैं.

दरारों ने पुल के बुनियादी ढांचे पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और ब्रिज में आई दरारें गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं. वहीं सूचना पर जांच करने मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से जांच कर सेफ्टी पॉइंट को चेक कर ब्रिज को हैंडओवर करने की बात की है.

वन विभाग ने ग्लास ब्रिज का जल्द ही शुभारंभ करने का दावा किया था. यह कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद इसको आमजन के लिए खोला जाएगा. पर अभी इसकी शुरुआत भी नहीं हुई और हल्की बारिश ने गुणवत्ता के दावे की पोल खोल दी.

वहीं जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरणप्पा जी एन ने मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर विभागीय टीम के साथ जांच करने के लिए पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने कहा कि, स्काई ग्लास वाक ब्रिज के हैंड ओवर लेने के पहले NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से भी जांच कराई जाएगी. और ब्रिज के सेफ्टी प्वाइंट को भी चेक कराया जाएगा. इसके बाद ही ब्रिज को हैंड ओवर लिया जाएगा.


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