चित्रकूट: कहा जाता है कि सभी तीर्थों का तीर्थ है चित्रकूट. इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है, इसके साथ ही यहां कई पर्यटक स्थल भी हैं. जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के टिकरिया तुलसी जलप्रपात में 3 करोड़ 71 लाख की लागत से राज्य का पहला स्काई वाक ग्लास ब्रिज बनाने का फैसला लिया. पवन सेतु केन्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ब्रिज सहित टिकट काउंटर का निर्माण कर रही है. लेकिन उद्घाटन से पहले ही हल्की बारिश ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. ब्रिज के फॉउंडेशन में जगह जगह गहरी दरारें साफ साफ दिखाई दे रही है. ग्लास ब्रिज देखने पहुंचे पर्यटकों ने इसे मौत की दुकान तक बता दिया है. सवाल उठने पर अब जिम्मेदार जांच की बात कह रहे हैं.
दरारों ने पुल के बुनियादी ढांचे पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और ब्रिज में आई दरारें गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं. वहीं सूचना पर जांच करने मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से जांच कर सेफ्टी पॉइंट को चेक कर ब्रिज को हैंडओवर करने की बात की है.
वन विभाग ने ग्लास ब्रिज का जल्द ही शुभारंभ करने का दावा किया था. यह कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद इसको आमजन के लिए खोला जाएगा. पर अभी इसकी शुरुआत भी नहीं हुई और हल्की बारिश ने गुणवत्ता के दावे की पोल खोल दी.
वहीं जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरणप्पा जी एन ने मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर विभागीय टीम के साथ जांच करने के लिए पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने कहा कि, स्काई ग्लास वाक ब्रिज के हैंड ओवर लेने के पहले NIT टेक्निकल टीम प्रयागराज से भी जांच कराई जाएगी. और ब्रिज के सेफ्टी प्वाइंट को भी चेक कराया जाएगा. इसके बाद ही ब्रिज को हैंड ओवर लिया जाएगा.