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22 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला, सीपीआई माओवादी तिलकमान साहू को 8 साल सश्रम कारावास - Maoist sentenced to imprisonment

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 25, 2024, 10:29 PM IST

CPI Maoist Tilakman Sahu. भाकपा माओवादी तिलकमान साहू को पोटा के विशेष न्यायाधीश के द्वारा 8 साल की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई. तिलकमान साहू को लेवी वसूलते हुए गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद है.

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बीएन शर्मा, विशेष लोक अभियोजक (ETV BHARAT)

रांची: पोटा के विशेष न्यायाधीश ने 22 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है. सिविल कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट यानी पोटा के तहत भाकपा माओवादी तिलकमान साहू को आठ साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. पोटा कोर्ट विशेष लोक अभियोजक बीएन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2002 में गुमला के पालकोट थाना अंतर्गत आरोपी तिलकमान साहू के द्वारा बम ब्लास्ट किया गया था, जिसके चलते सरकारी धन का नुकसान हुआ था.

विशेष लोक अभियोजक का बयान (ETV BHARAT)

22 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला

इसके बाद वहां के स्थानीय पुलिस ने तिलकमान साहू पर पोटा के तहत मामला दर्ज किया गया था. वरिष्ठ अधिवक्ता बीएन शर्मा ने बताया कि इस मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी एमवी राव की भी गवाही ली गई थी, क्योंकि घटना के समय एमबी राव गुमला के तत्कालीन एसपी थे. इस दौरान एमबी राव ने आरोपी तिलकमान साहू को पोटा के तहत गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामला दर्ज कर गुमला कोर्ट से रांची भेजा गया था. उसके बाद से लगातार मामले की सुनवाई हो रही थी, जिस पर आज विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे की अदालत ने अपना फैसला सुनाया.

पोटा के वरिष्ठ वकील ने लोगों को दिया संदेश

बता दें कि तिलकमान साहू को लेबी वसूलते हुए पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था और तब से लेकर तिलकमान साहू जेल में ही बंद है. उनके खिलाफ अन्य अपराधिक मामलों के भी केस चल रहे हैं. पोटा (POTA) कोर्ट के वरिष्ठ वकील बी एन शर्मा ने कहा कि कोर्ट का जजमेंट एक मिसाल कायम करता है. इस जजमेंट से यह संदेश जाता है कि हमलोग देश के निर्माण में अपना योगदान दें ना कि आतंकवाद जैसे गतिविधि में शामिल होकर अपने जीवन को बर्बाद करें.

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रांची: पोटा के विशेष न्यायाधीश ने 22 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है. सिविल कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट यानी पोटा के तहत भाकपा माओवादी तिलकमान साहू को आठ साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. पोटा कोर्ट विशेष लोक अभियोजक बीएन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2002 में गुमला के पालकोट थाना अंतर्गत आरोपी तिलकमान साहू के द्वारा बम ब्लास्ट किया गया था, जिसके चलते सरकारी धन का नुकसान हुआ था.

विशेष लोक अभियोजक का बयान (ETV BHARAT)

22 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला

इसके बाद वहां के स्थानीय पुलिस ने तिलकमान साहू पर पोटा के तहत मामला दर्ज किया गया था. वरिष्ठ अधिवक्ता बीएन शर्मा ने बताया कि इस मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी एमवी राव की भी गवाही ली गई थी, क्योंकि घटना के समय एमबी राव गुमला के तत्कालीन एसपी थे. इस दौरान एमबी राव ने आरोपी तिलकमान साहू को पोटा के तहत गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामला दर्ज कर गुमला कोर्ट से रांची भेजा गया था. उसके बाद से लगातार मामले की सुनवाई हो रही थी, जिस पर आज विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे की अदालत ने अपना फैसला सुनाया.

पोटा के वरिष्ठ वकील ने लोगों को दिया संदेश

बता दें कि तिलकमान साहू को लेबी वसूलते हुए पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था और तब से लेकर तिलकमान साहू जेल में ही बंद है. उनके खिलाफ अन्य अपराधिक मामलों के भी केस चल रहे हैं. पोटा (POTA) कोर्ट के वरिष्ठ वकील बी एन शर्मा ने कहा कि कोर्ट का जजमेंट एक मिसाल कायम करता है. इस जजमेंट से यह संदेश जाता है कि हमलोग देश के निर्माण में अपना योगदान दें ना कि आतंकवाद जैसे गतिविधि में शामिल होकर अपने जीवन को बर्बाद करें.

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