रांचीः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी सदमे में है और खतरे में भी, इसका कारण है संगठन की जया का गिरफ्तार हो जाना. 25 लाख रुपये की इनामी रही जया एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर विवेक की पत्नी है. जया के पास माओवादियों के कई अहम राज हैं. अगर वो राज बाहर आ गए तो नक्सली संगठन को बड़ा नुकसान होना तय है. यही वजह है कि जया की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने झारखंड बंद का एलान किया है.
कौन है जया
झारखंड में नक्सलवाद की शुरुवात से ही नक्सली संगठनों में महिला कैडर की संख्या में ठीक ठाक रही है. संगठन में प्रेम विवाह करने वाले अधिकांश नक्सली कमांडर की पत्नियां भी नक्सली ही रहती थीं. संगठन में कई ऐसे पति-पत्नी के जोड़े हुए जो बेहद खतरनाक थे. उन जोड़े में एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस और बोस की पत्नी शीला मरांडी, एक करोड़ के इनामी सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा के साथ साथ एक करोड़ के इनामी विवेक और उसकी पत्नी जया भी थी.
पिछले कई दशक से जया अपने पति विवेक के साथ झारखंड के एक बड़े हिस्से बोकारो, गिरिडीह और धनबाद में नक्सल आंदोलन को धार देने का काम कर रही थीं. झारखंड के गिरिडीह में ही नक्सलियों का सबसे सुरक्षित माने जाने वाला क्षेत्र पारसनाथ है. जया इसी इलाके में अपने पति के साथ बेहद सक्रिय थीं. जया की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए ही उसे भाकपा माओवादी संगठन में स्पेशल एरिया कमिटी की मेंबर बनाया गया था. जब वह सैक की सदस्य थी तब उसपर 25 लाख का इनाम भी था. जया महिला क्रांतिकारी दल को लीड किया करती थीं, साथ ही नारी मुक्ति संगठन को भी देखा करती थीं.
पारसनाथ से जो उतरा पकड़ा गया
एक करोड़ के इनामी नक्सली नेता और संगठन के थिंक टैंक माने जाने वाले प्रशांत बोस और बोस की पत्नी दोनों को पारसनाथ से जमशेदपुर जाने के समय गिरफ्तार किया गया था. प्रशांत बोस और शीला मरांडी की गिरफ्तारी के बाद जया की गिरफ्तारी संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका है. एक हकीकत यह भी है कि जो कोई भी पारसनाथ से नीचे उतरा वह बच नहीं पाया. जब तक जया पारसनाथ में रहीं पुलिस की निगाह से बची रही.
जया के पास संगठन के महत्वपूर्ण राज
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान जिनकी सूचना पर ही जया की गिरफ्तारी संभव हो पाई है. वे बताते हैं कि जया के पास जो अहम राज हैं, हमारे लिए बेहद मह्तवपूर्ण है. जया की गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी. जया दी ऊर्फ चिंता के खिलाफ गिरिडीह में लगभग एक दर्जन मुकदमा है. जया संगठन से काफी पहले से जुड़ी रही है. झारखंड की पुलिस लगभग दो दशक से जया की तलाश करती रही है. अब चूंकि जया गिरफ्तार हो चुकी है और संगठन से जुड़े राज उससे पुलिस को मिल सकता है.
दो माह पहले पता चला था कि जया को कैंसर है
आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार दो माह पहले ही जया को यह पता चला की उसे कैंसर है. जिसके बाद वह इलाज के लिए पहाड़ से नीचे आई और सटीक सूचना पर उसे गिरफ्तार किया गया. फिलहाल जया का पुलिस की देखरेख में इलाज चल रहा है, जैसे ही उसके स्वास्थ्य में सुधार होगा उससे पूछताछ की जाएगी.
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