रायपुर: छत्तीसगढ स्टेट पावर कंपनीज के अध्यक्ष पी दयानंद ने आज बिजली विभाग से जुड़े अधिकारियों की मीटिंग ली. बैठक में कंपनी अध्यक्ष ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि अगर बिजली आपूर्ति की बहाली में देरी होती है उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऊर्जा सचिव ने अधिकारियों को कारण बताने का नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए हैं. पी दयानंद ने पांच सालों में परियोजना की धीमी गति को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की.
बिजली आपूर्ति को लेकर ऊर्जा सचिव का सख्त निर्देश: छत्तीसगढ स्टेट पावर कंपनीज मुख्यालय में आज कंपनी अध्यक्ष तथा प्रदेश के ऊर्जा सचिव पी.दयानंद की बैठक की धमक रही. बिजली आपूर्ति में बाधा की शिकायतों को देखते हुए दयानंद ने ट्रांसमिशन कंपनी तथा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों को तलब किया. जिन स्थानों पर बिजली आपूर्ति और बहाली में निर्धारित से अधिक या गैरवाजिब समय लगा उसपर अपनी नाराजगी जाहिर की. ऊर्जा सचिव ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी जारी करने को कहा. दरअसल बीते दिनों विभिन्न समाचार पत्रों तथा न्यूज वेब पोर्टल में बिजली की आपूर्ति में बाधा आने को लेकर कुछ खबरें प्रकाशित हुई थी. संबंधित खबरों के प्रकाशन के बाद इस मामले को ऊर्चा सचिव ने गंभीरता ने लिया. समस्या के निपटारे के लिए तत्काल बैठक भी बुलाई और कड़े दिशा निर्देश जारी किए.
अफसरों ने बताई वजह: पी.दयानंद ने जब विस्तार से इन समस्याओं का कारण पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि ''बीते पांच सालों में विद्युत उपकेन्द्र तथा लाइनों की स्थापना जैसे अधोसंरचना के विकास के कार्यों में बहुत रूकावटें आई. जिसके चलते विद्युत विकास कार्यों में प्रगति नहीं हो पाई. उसी का असर वर्तमान में दिखाई दे रहा है. प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के चलते बिजली की डिमांड भी काफी है. कोशिश है कि उसके अनुरुप बिजली मुहैया कराई जाए. लेकिन जिन जगहों पर कार्य स्वीकृत और टेंडर हो चुके हैं, बजट की समस्या भी वहां नहीं है पर उचित मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते काम में धीमी गति आई है.
''पूर्व की अनेक विफलताओं के बावजूद भीषण गर्मी के समय में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को काफी हद तक बेहतर बनाये रखने के लिए अधिकारी-कर्मचारी भरसक प्रयास कर रहे हैं''. - पी दयानंद, ऊर्जा सचिव
जल्द समाधान के दिए निर्देश: पी दयानंद ने अफसरों की बात सुनने के बाद जल्द ही ऐसे कार्यो की सूची तलब की है. जशपुर जिले में 15 विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत होने के बावजूद वहां कार्य पूर्ण नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताई. बैठक में बताया गया कि यदि ये कार्य समय पर हो गए होते तो मौसम के कारण वर्तमान समय में जो दिक्कतें आ रही हैं उनका समाधान हो गया होता. पी.दयानंद ने विद्युत आपूर्ति में बाधा और लंबे समय तक आपूर्ति बहाल नहीं होने वाले प्रकरणों की सूची भी तलब की है.