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तनवीर के तीनों हत्यारों को मिली उम्र कैद, बेटी को प्रेमी के साथ देख पिता ने खो दिया था आपा, दी थी बेरहम मौत - Tanveer murder case - TANVEER MURDER CASE

भगवानपुर तनवीर हत्याकांड में कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तनवीर के तीन हत्यारों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. मामला लव अफेयर से जुड़ा हुआ था, जिसमें पिता ही घर के अन्य लोगों के साथ मिलकर बेटी के लवर की बेरहमी से हत्या कर दी थी.

TANVEER MURDER CASE
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 14, 2024, 8:24 PM IST

रुड़की: हरिद्वार जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में प्रेमिका के घर पहुंचे प्रेमी की पीट-पीट कर निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने आज मंगलवार 14 मई को बड़ा फैसला सुनाया है. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार को कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. वहीं चौथे दोषी के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड को भेजी गई है.

दरअसल, ये पूरा मामला साल 2018 का है. शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि 17 मई 2018 को भगवानपुर थाना क्षेत्र के चानचक गांव निवासी मुस्तकीम ने पुलिस को तहरीर दी थी. तहरीर में मुस्तकीम ने आरोप लगाया था कि गांव के ही सुलेमान पुत्र जहूर, रहबर पुत्र सुल्तान और अलीम पुत्र अमीर आलम ने उसके बेटे तनवीर को बंधक बनाया और फिर पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी.

मुस्तकीम ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि सुलेमान के बेटी का उसके बेटे तनवीर से प्रेम प्रसंग चल रहा था. 15 मई रात को करीब 11.30 बजे सुलेमान के बेटी ने तनवीर को फोन किया था और उसे अपने घर मिलने के लिए बुलाया था. उसी रात को तनवीर अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर यानी सुलेमान के घर चला गया.

मुस्तकीम ने अपनी शिकायत में बताया कि रात को करीब दो बजे सुलेमान के घर से तनवीर के चीखने की आवाज सुनाई दी थी, जिसके वजह से आस पड़ोस के लोग सुलेमान के घर पहुंचे. ग्रामीणों ने सुलेमान और उसके नाबालिग पुत्र व रहबर और अलीम को पाठल, तबल व सरियों से तनवीर पर जानलेवा हमला करते हुए देखा था.

वहीं पुलिस के आने की भनक लगते ही तनवीर को मृत समझकर आरोपी मौके से फरार हो गए थे. पुलिस की मदद से मुस्तकीम ने घायल तनवीर को उपचार के लिए रुड़की अस्पताल पहुंचा था, लेकिन डॉक्टरों ने तनवरी की हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर दून हॉस्पिटल रेफर कर दिया था. इसके बाद दून हॉस्पिटल से भी तनवरी को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था, जहां उपचार के दौरान 20 मई 2018 को तनवीर की मौत हो गई थी.

पुलिस ने तीन दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था. इसके बाद वादी पक्ष ने साक्ष्य में 19 गवाह पेश किए. वहीं दोनों पक्षों को बहस सुनने और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने हत्यारोपियों सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी पाया. इस हत्याकांड में दोषी सुलेमान का नाबालिग पुत्र भी शामिल था. उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए अलग कर भेज दी गई थी.

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रुड़की: हरिद्वार जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में प्रेमिका के घर पहुंचे प्रेमी की पीट-पीट कर निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने आज मंगलवार 14 मई को बड़ा फैसला सुनाया है. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार को कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. वहीं चौथे दोषी के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड को भेजी गई है.

दरअसल, ये पूरा मामला साल 2018 का है. शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि 17 मई 2018 को भगवानपुर थाना क्षेत्र के चानचक गांव निवासी मुस्तकीम ने पुलिस को तहरीर दी थी. तहरीर में मुस्तकीम ने आरोप लगाया था कि गांव के ही सुलेमान पुत्र जहूर, रहबर पुत्र सुल्तान और अलीम पुत्र अमीर आलम ने उसके बेटे तनवीर को बंधक बनाया और फिर पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी.

मुस्तकीम ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि सुलेमान के बेटी का उसके बेटे तनवीर से प्रेम प्रसंग चल रहा था. 15 मई रात को करीब 11.30 बजे सुलेमान के बेटी ने तनवीर को फोन किया था और उसे अपने घर मिलने के लिए बुलाया था. उसी रात को तनवीर अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर यानी सुलेमान के घर चला गया.

मुस्तकीम ने अपनी शिकायत में बताया कि रात को करीब दो बजे सुलेमान के घर से तनवीर के चीखने की आवाज सुनाई दी थी, जिसके वजह से आस पड़ोस के लोग सुलेमान के घर पहुंचे. ग्रामीणों ने सुलेमान और उसके नाबालिग पुत्र व रहबर और अलीम को पाठल, तबल व सरियों से तनवीर पर जानलेवा हमला करते हुए देखा था.

वहीं पुलिस के आने की भनक लगते ही तनवीर को मृत समझकर आरोपी मौके से फरार हो गए थे. पुलिस की मदद से मुस्तकीम ने घायल तनवीर को उपचार के लिए रुड़की अस्पताल पहुंचा था, लेकिन डॉक्टरों ने तनवरी की हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर दून हॉस्पिटल रेफर कर दिया था. इसके बाद दून हॉस्पिटल से भी तनवरी को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था, जहां उपचार के दौरान 20 मई 2018 को तनवीर की मौत हो गई थी.

पुलिस ने तीन दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था. इसके बाद वादी पक्ष ने साक्ष्य में 19 गवाह पेश किए. वहीं दोनों पक्षों को बहस सुनने और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने हत्यारोपियों सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी पाया. इस हत्याकांड में दोषी सुलेमान का नाबालिग पुत्र भी शामिल था. उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए अलग कर भेज दी गई थी.

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