बाराबंकी: दो वर्ष पूर्व एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और उसका वीडियो बनाकर धमकी देने के मामले में अदालत ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें 20-20 वर्ष के कठोर कारावास और प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले में तीसरे आरोपी का मुकदमा किशोर न्यायालय में लंबित है. यह फैसला बुधवार को न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ऐक्ट राजेश पति त्रिपाठी ने सुनाया. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि दोषियों द्वारा जुर्माने के 40 हजार रुपये अदा किए जाने पर यह रकम पीड़िता को दी जाए.
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी कृपाशंकर तिवारी ने बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित पीड़िता 18 मार्च 2022 को शाम करीब साढ़े 7 बजे घर आ रही थी. उस समय पीड़िता के साथ उसकी चचेरी बहन भी थी. जैसे ही ये लोग नहर पार कर अपने घर की तरफ चढ़ीं, तीन आरोपी मोहित, धीरेंद्र और एक अन्य ने पीड़िता को पीछे से पकड़ लिया और पास बाग में ले गए. यहां पर आरोपियों ने पीड़िता के साथ गैंगरेप किया. जिसका वीडियो धीरेंद्र बनाता रहा. पीड़िता के साथ गई उसकी भतीजी को आरोपियों ने जान से मारने की कोशिश की तो वह किसी तरह से बचकर भाग निकली.आरोपियों ने वीडियो बनाने के बाद पीड़िता से यह कहा कि हम लोग जब तुम्हें बुलाएंगे तो हमारे पास आना होगा वरना यह वीडियो वायरल कर देंगे.
पीड़िता की भतीजी ने घर पर जाकर घटना की जानकारी दी. मौके पर पहुंचे परिवार वालों को देखकर आरोपी पीड़िता को छोड़कर भाग निकले.पीड़िता ने जैदपुर थाने पहुंचकर एप्लिकेशन दी लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई. मजबूरन पीड़िता ने 21 मार्च 2022 को पुलिस अधीक्षक से इंसाफ की गुहार लगाई. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जैदपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में सबमिट की. मामले में कोर्ट ने विचारण शुरू किया.
दो आरोपियों मोहित व धीरेंद्र के विरुद्ध कोर्ट ने विचारण शुरू किया जबकि एक आरोपी का मामला किशोर न्यायालय भेज दिया गया. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्षों के साक्षियों द्वारा दी गई गवाहियों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद बुधवार को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ऐक्ट राजेश पति त्रिपाठी ने दोनों आरोपियों मोहित और धीरेंद्र को दोषी मानते हुए प्रत्येक को 20-20 साल के कठोर कारावास और प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.