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मां-बेटी के हत्यारे को उम्र कैद की सजा, विकासनगर में घर में घुसकर मारी थी गोली - mother daughter murder case

Dehradun Latest News, Uttarakhand Latest News, Vikasnagar Court News: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने मां-बेटी के हत्यारे को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषी ने देहरादून जिले के विकासनगर कोतवाली क्षेत्र में मां-बेटी की गोली मारकर हत्या की थी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 21, 2024, 3:07 PM IST

विकासनगर: देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में मां-बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने आरोपी को बीते बुधवार को दोषी करार दे दिया था, जिस पर सजा कल शुक्रवार 20 सितंबर को सुनाई गई.

जानकारी के मुताबिक मामला साल 2017 का भीमावाल चुंगी क्षेत्र का है. ज्योति विश्वास निवासी भीमवाला चुंगी ने कोतवाली विकासनगर में तहरीर दी थी. तहरीर में ज्योति ने बताया कि वह अपनी मां काकूली और बड़ी बहन वैशाली के साथ घर पर थी. भाई विश्वजीत काम से डाकपत्थर गया हुआ था. इसी दौरान शाम को करीब साढे 6 बजे मोहल्ले में मोबाइल की दुकान चलाने वाला आनंद परवाल निवासी चिरंजीपुर दांडी उनके घर में जबरदस्ती घुस गया और झगड़ा करने लगा.

घर में घुसकर मारी गोली: ज्योति ने अपनी तहरीर में बताया था कि आनंद परवाल घर में घुसकर उसकी बड़ी बहन से बात करवाने के लिए कहने लगा, लेकिन ज्योति की मां ने मना कर दिया. इसके बाद गुस्से में आकर आनंद परवाल ने अंदर वाले कमरे में उसकी मां काकूली को गोली मार दी. इसके बाद बड़ी बहन वैशाली को भी कमरे में ले जाकर गोली मार दी.

मां-बहन को गोली लगने के बाद ज्योति ने दोषी से पिस्तौल छीनने की कोशिश की. दोषी ने उसे भी गोली मारने का प्रयास किया, लेकिन उसमें वो सफल नहीं हो पाया. इसके बाद दोषी ज्योति के सिर पर पिस्तौल की बट मारकर फरार हो गया. दोषी आनंद परवाल को पुलिस ने उस दिन तमंचे और कारतूस के साथ अरेस्ट कर लिया था.

फोरेंसिक जांच में मां-बेटी की हत्या आनंद के तमंचे से चली गोली से होना साबित हुआ. बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने आरोपी को मां-बेटी की हत्या का दोषी करार दिया था. हालांकि इस दिन दोषी को सजा नहीं सुनाई गई थी.

सरकारी एडवोकेट नरेश बहुगुणा ने कहा कि शुक्रवार को सजा पर सुनवाई हुई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने सजा पर सुनवाई करते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषी पर एक लाख का भी जुर्माना लगाया गया. जुर्माना न भरने पर उसे दो वर्ष अतिरिक्त कारावास झेलना पड़ेगा.

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विकासनगर: देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में मां-बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने आरोपी को बीते बुधवार को दोषी करार दे दिया था, जिस पर सजा कल शुक्रवार 20 सितंबर को सुनाई गई.

जानकारी के मुताबिक मामला साल 2017 का भीमावाल चुंगी क्षेत्र का है. ज्योति विश्वास निवासी भीमवाला चुंगी ने कोतवाली विकासनगर में तहरीर दी थी. तहरीर में ज्योति ने बताया कि वह अपनी मां काकूली और बड़ी बहन वैशाली के साथ घर पर थी. भाई विश्वजीत काम से डाकपत्थर गया हुआ था. इसी दौरान शाम को करीब साढे 6 बजे मोहल्ले में मोबाइल की दुकान चलाने वाला आनंद परवाल निवासी चिरंजीपुर दांडी उनके घर में जबरदस्ती घुस गया और झगड़ा करने लगा.

घर में घुसकर मारी गोली: ज्योति ने अपनी तहरीर में बताया था कि आनंद परवाल घर में घुसकर उसकी बड़ी बहन से बात करवाने के लिए कहने लगा, लेकिन ज्योति की मां ने मना कर दिया. इसके बाद गुस्से में आकर आनंद परवाल ने अंदर वाले कमरे में उसकी मां काकूली को गोली मार दी. इसके बाद बड़ी बहन वैशाली को भी कमरे में ले जाकर गोली मार दी.

मां-बहन को गोली लगने के बाद ज्योति ने दोषी से पिस्तौल छीनने की कोशिश की. दोषी ने उसे भी गोली मारने का प्रयास किया, लेकिन उसमें वो सफल नहीं हो पाया. इसके बाद दोषी ज्योति के सिर पर पिस्तौल की बट मारकर फरार हो गया. दोषी आनंद परवाल को पुलिस ने उस दिन तमंचे और कारतूस के साथ अरेस्ट कर लिया था.

फोरेंसिक जांच में मां-बेटी की हत्या आनंद के तमंचे से चली गोली से होना साबित हुआ. बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने आरोपी को मां-बेटी की हत्या का दोषी करार दिया था. हालांकि इस दिन दोषी को सजा नहीं सुनाई गई थी.

सरकारी एडवोकेट नरेश बहुगुणा ने कहा कि शुक्रवार को सजा पर सुनवाई हुई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने सजा पर सुनवाई करते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषी पर एक लाख का भी जुर्माना लगाया गया. जुर्माना न भरने पर उसे दो वर्ष अतिरिक्त कारावास झेलना पड़ेगा.

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