बुलंदशहरः कोतवाली देहात क्षेत्र के एक गांव में डेढ़ साल पहले सगे बेटे ने मां के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में फास्ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश वरुण मोहित निगम ने बेटे को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 51 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. मुकदमा दोषी के भाई ने दर्ज कराया था.
एडीजीसी क्राइम विजय कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने बताया कि 16 जनवरी 2023 कोतवाली देहात के एक गांव निवासी मुस्लिम समुदाय के 36 वर्षीय युवक ने अपनी 60 साल की मां के साथ रेप किया था. 22 जनवरी 2023 पीड़िता के छोटे बेटे ने बड़े भाई के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था.
एडीजीसी ने बताया कि पीड़िता ने कोर्ट ने में बताया था कि वह बड़े बेटे के साथ घास काटने गयी थी. बेटा मुझे जंगल के अन्दर ले गया. इस पर उसने कहा कि यहां तो घास नहीं है. इस पर उसने कहा कि चलो जंगल के अन्दर घास मिलेगी. इसके बाद गन्ने के खेत में ले गया और फिर मुंह में कपड़ा ठूंसकर जमीन पर गिरा दिया. मैं हाथ जोड़ती रही कि बेटा मेरे साथ ऐसा मत कर, लेकिन उसने मेरे कपड़े उतारकर गलत काम (बलात्कार) किया. मेरे रोने-गिड़गिडाने पर भी वह नहीं माना. मैं कहती रही कि बेटा मैं 60 साल की बुढ़िया हूं, मेरे साथ ऐसा मत करो. घटना के आधे घण्टे तक उसने होश नहीं रहा. बेहोश होकर जमीन पर ही पड़ी रही. आधे घण्टे बाद बेटे ने उसे उठाया और धमकाया कि अगर किसी को बताओगी तो जान से मार दूंगा. मेरे पास रोज रात को सोने के लिये आना. उस समय मैंने डरकर हां कर दी. किसी तरह घर वापस आयी और भतीजी और छोटे बेटे को बताया.
एडीजीसी क्राइम ने बताया कि डेढ़ साल में माननीय न्यायालय ने एतिहासिक फैसला सुनाया है. ऐसा केस अपनी प्रैक्टिस में कभी नहीं देखा. उन्होंने बताया कि पीड़िता ने कोर्ट में कई बार रो-रोकर आपबीती बताई. कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा और 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना न भरने पर 2 साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
एसपी देहात रोहित मिश्रा ने ब ताया कि थाना कोतवाली देहात में डेढ साल पहले एक रेप का केस दर्ज किया गया था. एक महिला ने अपने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए पीड़िता का मेडिकल कराया था. मुकदमे का वादी नामजद आरोपी का छोटा भाई बना था. ट्रायल के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज आजीवन कारावास और 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. पुलिस ने डेढ़ साल के अंदर ही गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत कराया गया.
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