झांसी: जिले में चार माह पहले तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था. इस मामले में दोषी को 20 वर्ष की सजा के साथ 1लाख जुर्माना लगाया है. चार महीने पहले पिता बेटी को दवा दिलवाकर वापस लौट रहा था. तब पड़ोस में रिश्तेदार के यहां आए युवक ने पिता को शराब पिलाकर मासूम बच्ची के साथ रेप किया था. इस घटना से पूरे प्रदेश में हलचल मच गई थी. अखिलेश यादव ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल भी उठाए थे.
झांसी के सदर बाजार थाना क्षेत्र के सिंगर्रा में 13 अगस्त को एक अधेड़ युवक ने तीन साल की मासूम बच्ची का रेप कर नाले में फेंक दिया था. मामले में न्यायालय ने कम समय में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. 4 माह पहले हैवानियत की इस घटना में पीड़ित मासूम बच्ची को बुखार आने पर पिता गोद में उठाकर दवा दिलाने जा रहे थे. पड़ोस में अपनी बहन के यहां मध्य प्रदेश से आए राजू ने रास्ते में पिता को रोक लिया और उसे शराब पिला दी. इसके बाद राजू ने पिता से उसकी बच्ची ले ली और झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ रेप किया. इसके बाद बच्ची को नाले में फेंककर भाग गया. पिता को जब होश आया तो, उसने देखा की उसके पास बेटी नहीं थी.
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पिता ने बेटी को ढूंढने की कोशिश की. वहां से राजू भी गायब था. जब काफी रात होने पर पिता और बेटी घर नहीं पहुंचे, तो घरवालों को चिंता सताने लगी. उन्होंने बच्ची की तलाश शुरू कर दी. काफी ढूंढने के बाद उनको पुलिया के पास नाले में बच्ची पड़ी मिली. उसके प्राइवेट पार्ट में चोट थी. इसके बाद घरवालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए बच्ची का मेडिकल कराया.
सदर बाजार थाना प्रभारी एमपी सिंह ने सभी सबूत इकट्ठा कर एक सप्ताह में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था. अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विजय सिंह कुशवाहा विशेष लोक अभियोजक ने बताया, कि घटना के बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद मंसूरी द्वारा लगातार हर दूसरे दिन सुनवाई की गई. जिसमें अभियोजन पक्ष की तरफ से सभी साक्ष्य और बयान दर्ज कराए गए. इसमें सोमवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उसे 20 साल की सजा सुनाई गई. साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं कम समय में आए आदेश पर अधिवक्ताओं ने खुशी जाहिर की है. अधिवक्ता अभिमन्यु तिवारी ने बताया, कि सभी को झंझोरने वाली इस घटना में न्यायालय द्वारा दिए आदेश ने एक नजीर पेश की है. ऐसे आदेश भविष्य में भी आयेंगे ऐसी उन्हें उम्मीद है. जिससे लोगों में न्याय को लेकर न्यायालय पर भरोसा और बढ़ेगा.
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