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बहराइच में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपी दोषी, कोर्ट ने 20-20 वर्ष की सुनाई सजा

gang rape case in Bahraich : दोषियों पर दो लाख आठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

बहराइच : जनपद न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपितों को 20-20 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है. विशेष अपर सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के दो आरोपितों को दोषी सिद्ध ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों पर दो लाख आठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर दोषियों को 10-10 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने एक मामले की पैरवी की. उन्होंने बताया कि घटना कोतवाली देहात क्षेत्र में आने वाले एक इलाके की है. पांच जुलाई 2015 को एक महिला ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा लिखाया था कि उसकी 10 वर्षीय बेटी को आरोपित कोलई उर्फ शहजाद और मेराज दो अन्य महिला आरोपितों के साथ मिलकर बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गए हैं. काफी तलाश करने के बाद भी पीड़िता नहीं मिली. पुलिस ने इस मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए आरोपित व पीड़िता को बरामद कर लिया. जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता को न्यायालय के समक्ष बयान के लिए पेश किया. पीड़िता ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बयान दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के तर्कों को सुना और दो महिला आरोपितों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कोलई उर्फ शहजाद व मेराज को दोषी ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.



बालक से कुकर्म के दोषी को 10 वर्ष की जेल : विशेष अपर सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि ने बालक से कुकर्म करने के आरोपित को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह, विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह व एसके मौर्य ने मामले की पैरवी की. उन्होंने बताया कि मामला खैरीघाट थाना क्षेत्र के एक गांव का है. एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि 21 जनवरी 2016 को उसके 12 वर्षीय बेटे को आरोपित रिंकू अपने साथ सुनसान जगह पर लेकर गया और वहां उसके साथ कुकर्म किया. पीड़ित बालक ने घर आकर स्वजन को आप बीती बताई. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्जकर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा और उसके खिलाफ आरोप पन्न अदालत पर प्रस्तुत किया. अदालत ने सुनवाई के दौरान दोषी ठहराते हुए आरोपित को 10 वर्ष की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें : डेढ़ साल की बच्ची से दुष्कर्म; 5 महीने में ही पॉक्सो कोर्ट ने पूरी की सुनवाई, दोषी को आजीवन कारावास की सजा

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बहराइच : जनपद न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपितों को 20-20 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है. विशेष अपर सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के दो आरोपितों को दोषी सिद्ध ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों पर दो लाख आठ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर दोषियों को 10-10 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने एक मामले की पैरवी की. उन्होंने बताया कि घटना कोतवाली देहात क्षेत्र में आने वाले एक इलाके की है. पांच जुलाई 2015 को एक महिला ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा लिखाया था कि उसकी 10 वर्षीय बेटी को आरोपित कोलई उर्फ शहजाद और मेराज दो अन्य महिला आरोपितों के साथ मिलकर बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गए हैं. काफी तलाश करने के बाद भी पीड़िता नहीं मिली. पुलिस ने इस मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए आरोपित व पीड़िता को बरामद कर लिया. जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता को न्यायालय के समक्ष बयान के लिए पेश किया. पीड़िता ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बयान दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के तर्कों को सुना और दो महिला आरोपितों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कोलई उर्फ शहजाद व मेराज को दोषी ठहराते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.



बालक से कुकर्म के दोषी को 10 वर्ष की जेल : विशेष अपर सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि ने बालक से कुकर्म करने के आरोपित को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह, विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह व एसके मौर्य ने मामले की पैरवी की. उन्होंने बताया कि मामला खैरीघाट थाना क्षेत्र के एक गांव का है. एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि 21 जनवरी 2016 को उसके 12 वर्षीय बेटे को आरोपित रिंकू अपने साथ सुनसान जगह पर लेकर गया और वहां उसके साथ कुकर्म किया. पीड़ित बालक ने घर आकर स्वजन को आप बीती बताई. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्जकर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा और उसके खिलाफ आरोप पन्न अदालत पर प्रस्तुत किया. अदालत ने सुनवाई के दौरान दोषी ठहराते हुए आरोपित को 10 वर्ष की सजा सुनाई है.

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