नालंदा: 4 अगस्त 2021 को नालंदा में चर्चित लोदीपुर नरसंहार मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. सोमवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपितों को हत्या समेत जानलेवा हमला व अन्य धाराओं के अलावा शस्त्र अधिनियम में उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस नरसंहार में कुल 9 लोगों को गोली मारी गई थी. जिनमें 5 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.
15 लोग दोषी करार: दोषियों में भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव व चिंता देवी छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव के निवासी हैं. जबकि, कृष्ण यादव, विनोद यादव व श्यामदेव यादव करमू बिगहा गांव के रहने वाले हैं. दोषी अवधेश यादव मालीसांढ़ गांव का निवासी है.
20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना: इस घटना के तीन साल बाद बिहारशरीफ कोर्ट फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा और साथ ही कुछ हत्यारों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. सभी दोषियों को कोर्ट ने बिहारशरीफ कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को दोषी करार दिया था.
एक महिला को भी उम्रकैद लोदीपुर नरसंहार में दोषी पाए जाने वाले आरोपियों में एक महिला चिंता देवी भी शामिल है. जबकि दो नाबालिग आरोपियों की सुनवाई किशोर न्याय परिषद व बाल न्यायालय में चल रही है. सोमवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपितों को हत्या समेत जानलेवा हमला व अन्य धाराओं के अलावा शस्त्र अधिनियम में उम्रकैद की सजा सुनाई है.
2010 से जमीन विवाद चल रहा था: मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक कैसर इमाम व सूचक कृष्णदेव प्रसाद की ओर से अधिवक्ता कमलेश कुमार ने सभी 25 लोगों की गवाही कराई थी. आरोपियों ने भी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 लोगों की कोर्ट में गवाही करायी थी. इस संबंध में एक टाइटल सूट मुकदमा न्यायालय में लंबित है.
50 बीघा जमीन को लेकर विवाद: 50 बीघा जमीन विवाद को लेकर उपजे तनाव में 4 अगस्त 2021 को 12 बजे दिन में आरोपी ट्रैक्टर लेकर विवादित खेत पर कब्जा करने की नियत से पहुंचा था. हथियार से लैस होकर खेत की जुताई कर रहा था. कृष्णदेव प्रसाद के द्वारा कोर्ट में दर्ज मुकदमे का हवाला देकर फैसला आने तक जुताई नहीं करने की बात कही. इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया और खूब कहासुनी हुई थी.
पांच लोगों की हो गई थी मौत: बताया जाता है कि दोषी चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध फायरिंग की गयी थी. इस घटना में धीरेंद्र यादव, यद्दु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव व सिब्बल यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी. बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव व परशुराम यादव जख्मी हो गए थे. 2010 से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद चल रहा था.
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