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NIA Court ने घुसपैठ के आरोपी बांग्लादेश के रशीद अहमद सरदार को पुलिस रिमांड पर भेजा - कोर्ट से पुलिस रिमांड

एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने देश में अवैध रूप से घुसपैठ के आरोपी बांग्लादेश के रशीद अहमद सरदार (Rashid Ahmed Sardar) को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने की आदेश दिया है. आरोपी रशीद अहमद सरदार पर आरोप है कि वह अवैध तरीके से भारत में बांग्लादेशियों की इंट्री कराता था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 10:58 PM IST

लखनऊ : फर्जी आधार एवं पहचान पत्र के सहारे बांग्लादेशियों की देश में अवैध घुसपैठ कराने व गोपनीय तरीके से उन्हें धन मुहैया कराने के आरोपी बांग्लादेश के निवासी रशीद अहमद सरदार की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए एनआईए कोर्ट से अनुरोध किया गया. इस पर विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर अभियुक्त को भेजे जाने का आदेश दिया है. पुलिस कस्टडी रिमांड की अवधि 1 फरवरी को सुबह 10 बजे से 10 फरवरी को शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगी.

पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष अधिवक्ता एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ में आरोपी राशिद अहमद सरदार ने बताया था कि उसे भारत में रहने के लिए फर्जी आधार कार्ड मिल जाता है, जिससे भविष्य में बांग्लादेशी यहां आराम से नौकरी वगैरह करके घर बनवा कर रह सकते हैं. कहा गया कि पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया है कि बांग्लादेशी लोगों को भारतीय दस्तावेज बनवाने में आर्थिक मदद भी अभियुक्त के साथी करते हैं तथा उनके साथी एवं अबू सालेह मंडल लोगों को गोपनीय तरीके से धन उपलब्ध कराते हैं.

दलील दी गई कि अबू सालेह मंडल इन पैसों को भारत में इस्लाम के विस्तार के लिए भेजता है. अदालत में सुनवाई के समय आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए कहा था कि उससे अनजाने में गलती हो गई है, उसे माफ कर दिया जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त रशीद अहमद सरदार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा है और साक्ष्य संकलन के लिए अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ एवं महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद करना है. इसके कारण उसे पुलिस रिमांड पर दिया जाना आवश्यक है.

यह भी पढ़ें : बलरामपुर में ट्रिपल मर्डर के 5 दोषियों को आजीवन कारावास, ढाई-ढाई लाख जुर्माना
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पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष अधिवक्ता एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ में आरोपी राशिद अहमद सरदार ने बताया था कि उसे भारत में रहने के लिए फर्जी आधार कार्ड मिल जाता है, जिससे भविष्य में बांग्लादेशी यहां आराम से नौकरी वगैरह करके घर बनवा कर रह सकते हैं. कहा गया कि पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया है कि बांग्लादेशी लोगों को भारतीय दस्तावेज बनवाने में आर्थिक मदद भी अभियुक्त के साथी करते हैं तथा उनके साथी एवं अबू सालेह मंडल लोगों को गोपनीय तरीके से धन उपलब्ध कराते हैं.

दलील दी गई कि अबू सालेह मंडल इन पैसों को भारत में इस्लाम के विस्तार के लिए भेजता है. अदालत में सुनवाई के समय आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए कहा था कि उससे अनजाने में गलती हो गई है, उसे माफ कर दिया जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त रशीद अहमद सरदार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा है और साक्ष्य संकलन के लिए अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ एवं महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद करना है. इसके कारण उसे पुलिस रिमांड पर दिया जाना आवश्यक है.

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