लखनऊ : फर्जी आधार एवं पहचान पत्र के सहारे बांग्लादेशियों की देश में अवैध घुसपैठ कराने व गोपनीय तरीके से उन्हें धन मुहैया कराने के आरोपी बांग्लादेश के निवासी रशीद अहमद सरदार की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए एनआईए कोर्ट से अनुरोध किया गया. इस पर विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर अभियुक्त को भेजे जाने का आदेश दिया है. पुलिस कस्टडी रिमांड की अवधि 1 फरवरी को सुबह 10 बजे से 10 फरवरी को शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगी.
पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष अधिवक्ता एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ में आरोपी राशिद अहमद सरदार ने बताया था कि उसे भारत में रहने के लिए फर्जी आधार कार्ड मिल जाता है, जिससे भविष्य में बांग्लादेशी यहां आराम से नौकरी वगैरह करके घर बनवा कर रह सकते हैं. कहा गया कि पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया है कि बांग्लादेशी लोगों को भारतीय दस्तावेज बनवाने में आर्थिक मदद भी अभियुक्त के साथी करते हैं तथा उनके साथी एवं अबू सालेह मंडल लोगों को गोपनीय तरीके से धन उपलब्ध कराते हैं.
दलील दी गई कि अबू सालेह मंडल इन पैसों को भारत में इस्लाम के विस्तार के लिए भेजता है. अदालत में सुनवाई के समय आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए कहा था कि उससे अनजाने में गलती हो गई है, उसे माफ कर दिया जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त रशीद अहमद सरदार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा है और साक्ष्य संकलन के लिए अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ एवं महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बरामद करना है. इसके कारण उसे पुलिस रिमांड पर दिया जाना आवश्यक है.
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