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हापुड़ में नाबालिग पोती से दरिंदगी का मामला, दोषी को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा - HAPUR COURT NEWS

court news: हापुड़ में रिश्तों को कलंकित करने वाले आरोपी दादा को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

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दोषी दादा को आजीवन सश्रम कारावास की सजा (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

हापुड़: जनपद के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र में यह घटना जुलाई 2024 को पुलिस के संज्ञान में आई थी. इस पर पीड़िता के चाचा ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें उन्होंने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि नाबालिग पीड़िता के माता-पिता की मौत करीब 14 वर्ष पहले हो गई थी. मौत के बाद से नाबालिग पीड़िता पिता के फूफा (रिश्ते के दादा) कैलाश शरण निवासी खेड़ा बहादुरगढ़ के साथ रह रही थी.

इसी दौरान आरोपी द्वारा बिन मां बाप की इस बेटी के साथ हैवानियत की गई. लंबे समय तक वह उसे अपनी हवस का शिकार बनाता रहा. इससे वह गर्भवती हो गई. मामला बिगड़ने के बाद आरोपी कैलाश द्वारा नाबालिग बेटी को हापुड़ उसके चाचा के घर छोड़ दिया. इसके बाद पीड़िता ने अपनी चाची को इस दरिंदगी की जानकारी दी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया.

इसे भी पढ़ें - IIT कानपुर की स्टूडेंट से यूपी पुलिस के ACP ने किया रेप, FIR के बाद हेडक्वाटर से किए गए अटैच

इस मामले में पुलिस द्वारा 31 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया. 11 सितंबर को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने की. उन्होंने गुरुवार को करीब करीब 125 दिन में इस मामले में आरोपी कैलाश को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 80 हजार का आर्थिक दंड लगाकर भी उसको दंडित किया गया है.

रिश्तों को कलंकित करने वाले इस आरोपी दादा द्वारा मासूम नाबालिग के साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दी गई थीं. इस पर इंस्पेक्टर अरविंद चौधरी ने जांच पूरी की और चार्जशीट दाखिल की. पुलिस और न्यायालय दोनों ने ही पीड़िता को न्याय दिलाने का काम किया है.

यह भी पढ़ें - युवती के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, लगाया एक लाख का जुर्माना

हापुड़: जनपद के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र में यह घटना जुलाई 2024 को पुलिस के संज्ञान में आई थी. इस पर पीड़िता के चाचा ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें उन्होंने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि नाबालिग पीड़िता के माता-पिता की मौत करीब 14 वर्ष पहले हो गई थी. मौत के बाद से नाबालिग पीड़िता पिता के फूफा (रिश्ते के दादा) कैलाश शरण निवासी खेड़ा बहादुरगढ़ के साथ रह रही थी.

इसी दौरान आरोपी द्वारा बिन मां बाप की इस बेटी के साथ हैवानियत की गई. लंबे समय तक वह उसे अपनी हवस का शिकार बनाता रहा. इससे वह गर्भवती हो गई. मामला बिगड़ने के बाद आरोपी कैलाश द्वारा नाबालिग बेटी को हापुड़ उसके चाचा के घर छोड़ दिया. इसके बाद पीड़िता ने अपनी चाची को इस दरिंदगी की जानकारी दी. इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया.

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इस मामले में पुलिस द्वारा 31 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया. 11 सितंबर को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने की. उन्होंने गुरुवार को करीब करीब 125 दिन में इस मामले में आरोपी कैलाश को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 80 हजार का आर्थिक दंड लगाकर भी उसको दंडित किया गया है.

रिश्तों को कलंकित करने वाले इस आरोपी दादा द्वारा मासूम नाबालिग के साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दी गई थीं. इस पर इंस्पेक्टर अरविंद चौधरी ने जांच पूरी की और चार्जशीट दाखिल की. पुलिस और न्यायालय दोनों ने ही पीड़िता को न्याय दिलाने का काम किया है.

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