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बड़ी कार्रवाई : भीषण गर्मी के बीच जल संसाधन विभाग में एसी-कूलर, पंखे से लेकर कुर्सी तक कुर्क, यह है पूरा मामला - Attachment Action in Kota - ATTACHMENT ACTION IN KOTA

Court Big Action, जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में कार्रवाई की गई है, जिसके तहत एसी, कूलर, पंखे से लेकर कुर्सी, अलमारी, टेबल और कंप्यूटर तक सीज कर दिए गए हैं. भरी गर्मी में ऐसी कार्रवाई से विभाग के अधिकारी सकते में आ गए हैं.

Attachment Action in Kota
जल संसाधन विभाग में कुर्की (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 24, 2024, 4:52 PM IST

कोटा. जल संसाधन विभाग और एक कॉन्ट्रैक्टर के बीच विवाद भुगतान को लेकर 30 साल से चल रहा है. इस मामले में न्यायालय के आदेश से शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में कार्रवाई की गई. जिसके तहत एसी, कूलर, पंखे से लेकर कुर्सी, अलमारी, टेबल और कंप्यूटर तक सीज कर दिए गए हैं. करीब एक से डेढ़ घंटे तक ऑफिस के सभी संसाधनों की गणना कर उन्हें कुर्क किया गया.

सेल अमीन नासिर मोहम्मद का कहना है कि न्यायालय के फैसले पर ही यह एक्शन लेने वे पहुंचे हैं. अधिशासी अभियंता कार्यालय में तकनीकी सहायक और एईएन शालिनी सागर का कहना है कि न्यायालय की कार्रवाई के संबंध में उच्च अधिकारियों का अवगत कराया जाएगा. आगे फैसला उच्च अधिकारी ही करेंगे. ठेकेदार परमानंद का कहना है कि मैसर्स परमानंद कॉन्ट्रैक्टर नाम से उन्होंने 30 साल पहले जल संसाधन विभाग से सावन भादो मैन कैनल और मांडूहेड़ा में नहर का ठेका लिया था. किसानों ने निर्माण का विरोध कर दिया, साथ ही जल संसाधन विभाग को ही सीमेंट उपलब्ध करवाना था. उन्होंने भी सीमेंट उपलब्ध नहीं दिया.

पढ़ें : शर्मनाक ! रामगढ़ में 19 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म, एक रात घर में बंधक बनाकर रखा - Gang Rape In Ramgarh

इसके बाद काफी समय तक काम शुरू नहीं हो पाया. इस मामले में उनका 11 लाख रुपए का भुगतान भी अटक गया था, जिसको लेकर वह न्यायालय में गए और हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेटर नियुक्त किया. आर्बिट्रेटर का फैसला भी मेरे पक्ष में हुआ. इसके बाद जल संसाधन विभाग ने डीजे कोर्ट में अपील कर दी थी. यह मामला एडीजे 2 में रेफर किया गया, जहां से भी मेरे साथ में ही फैसला हुआ, लेकिन विभाग इसके बावजूद भी भुगतान नहीं कर रहा था. इसी कारण न्यायालय ने साले अमीन को भेज कर कुर्की की कार्रवाई करवाई है. जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल मीणा के ऑफिस में कुर्की की कार्रवाई हुई है.

कोटा. जल संसाधन विभाग और एक कॉन्ट्रैक्टर के बीच विवाद भुगतान को लेकर 30 साल से चल रहा है. इस मामले में न्यायालय के आदेश से शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में कार्रवाई की गई. जिसके तहत एसी, कूलर, पंखे से लेकर कुर्सी, अलमारी, टेबल और कंप्यूटर तक सीज कर दिए गए हैं. करीब एक से डेढ़ घंटे तक ऑफिस के सभी संसाधनों की गणना कर उन्हें कुर्क किया गया.

सेल अमीन नासिर मोहम्मद का कहना है कि न्यायालय के फैसले पर ही यह एक्शन लेने वे पहुंचे हैं. अधिशासी अभियंता कार्यालय में तकनीकी सहायक और एईएन शालिनी सागर का कहना है कि न्यायालय की कार्रवाई के संबंध में उच्च अधिकारियों का अवगत कराया जाएगा. आगे फैसला उच्च अधिकारी ही करेंगे. ठेकेदार परमानंद का कहना है कि मैसर्स परमानंद कॉन्ट्रैक्टर नाम से उन्होंने 30 साल पहले जल संसाधन विभाग से सावन भादो मैन कैनल और मांडूहेड़ा में नहर का ठेका लिया था. किसानों ने निर्माण का विरोध कर दिया, साथ ही जल संसाधन विभाग को ही सीमेंट उपलब्ध करवाना था. उन्होंने भी सीमेंट उपलब्ध नहीं दिया.

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इसके बाद काफी समय तक काम शुरू नहीं हो पाया. इस मामले में उनका 11 लाख रुपए का भुगतान भी अटक गया था, जिसको लेकर वह न्यायालय में गए और हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेटर नियुक्त किया. आर्बिट्रेटर का फैसला भी मेरे पक्ष में हुआ. इसके बाद जल संसाधन विभाग ने डीजे कोर्ट में अपील कर दी थी. यह मामला एडीजे 2 में रेफर किया गया, जहां से भी मेरे साथ में ही फैसला हुआ, लेकिन विभाग इसके बावजूद भी भुगतान नहीं कर रहा था. इसी कारण न्यायालय ने साले अमीन को भेज कर कुर्की की कार्रवाई करवाई है. जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल मीणा के ऑफिस में कुर्की की कार्रवाई हुई है.

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