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रंगदारी मांगने के मामले में पूर्व विधायक अमित महतो को राहत, कोर्ट ने किया बरी

Extortion demanding case. पूर्व विधायक अमित महतो को कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने रंगदारी मामले में उन्हें बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले उन्होंने खुशी जताई है.

Court acquitted former MLA Amit Mahato in extortion demanding case
Court acquitted former MLA Amit Mahato in extortion demanding case
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 8, 2024, 8:10 AM IST

रांची: सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो सहित तीन लोगों पर राज्य सरकार द्वारा की गई क्रिमिनल अपील को अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उन पर ठेकेदार से रंगदारी मांगने का आरोप था. मामला 2007 का था.

बता दें कि पूर्व विधायक सहित तीन लोगों के ऊपर वर्ष 2007 में सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार से रंगदारी मांगने का आरोप था. इस मामले में लोअर कोर्ट में सुनवाई हुई थी. सबूत के अभाव में 14 सितंबर 2017 को न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने अमित महतो के साथ मधुसूदन महतो, विशाल महतो और हेमंत महतो को बरी कर दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने न्यायिक दंडाधिकारी के बरी करने के आदेश को चुनौती दी. इसके बाद एडिशनल ज्यूडिशियल कमिश्नर की कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के वकील की दलील को सुनने के बाद एडिशनल ज्यूडिशियल कमिश्नर ने सरकार की अपील को डिसमिस करने का फैसला सुनाया.

मामले को लेकर अमित महतो के वकील सुनील महतो ने बताया कि यह मामला वर्ष 2007 का है. सिल्ली थाना में 60/2007 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं उनके वकील ने कहा कि कोर्ट की तरफ से जो फैसला सुनाया गया है. उस फैसले का वह सम्मान करते हैं. कोर्ट ने उनके मुवक्किल सह पूर्व विधायक अमित महतो सहित तीनों के बरी होने वाले लोअर कोर्ट के आदेश को कायम रखा है. जिससे यह साबित होता है कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. उनके ऊपर झूठा आरोप लगाया गया था.

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बता दें कि पूर्व विधायक सहित तीन लोगों के ऊपर वर्ष 2007 में सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार से रंगदारी मांगने का आरोप था. इस मामले में लोअर कोर्ट में सुनवाई हुई थी. सबूत के अभाव में 14 सितंबर 2017 को न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने अमित महतो के साथ मधुसूदन महतो, विशाल महतो और हेमंत महतो को बरी कर दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने न्यायिक दंडाधिकारी के बरी करने के आदेश को चुनौती दी. इसके बाद एडिशनल ज्यूडिशियल कमिश्नर की कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के वकील की दलील को सुनने के बाद एडिशनल ज्यूडिशियल कमिश्नर ने सरकार की अपील को डिसमिस करने का फैसला सुनाया.

मामले को लेकर अमित महतो के वकील सुनील महतो ने बताया कि यह मामला वर्ष 2007 का है. सिल्ली थाना में 60/2007 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं उनके वकील ने कहा कि कोर्ट की तरफ से जो फैसला सुनाया गया है. उस फैसले का वह सम्मान करते हैं. कोर्ट ने उनके मुवक्किल सह पूर्व विधायक अमित महतो सहित तीनों के बरी होने वाले लोअर कोर्ट के आदेश को कायम रखा है. जिससे यह साबित होता है कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. उनके ऊपर झूठा आरोप लगाया गया था.

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