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राजस्थान से अयोध्या पहुंचा देश का सबसे बड़ा गदा और धनुष, 5 धातुओं से बने हैं, राम दरबार में रखे जाएंगे - Ramlala ram temple giant mace bow

राजस्थान में बना विशालकाय गदा और धनुष अयोध्या पहुंच चुका है. इस दौरान इनकी पूजा की गई. दोनों को अभी कारसेवक पुरम में रखवाया गया है. इन्हें राम दरबार में रखा जाएगा.

गदा और धनुष को राम दरबार में दिया जाएगा स्थान.
गदा और धनुष को राम दरबार में दिया जाएगा स्थान. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 8:07 AM IST

देश का सबसे बड़ा गदा-धनुष पहुंचा अयोध्या. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

अयोध्या : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रभु के लिए देश के कोने-कोने से उपहारों के आने का सिलसिला अभी भी जारी है. राजस्थान में 5 धातुओं से मिलकर बना विशालकाय गदा और धनुष अयोध्या पहुंचा. इसे देश का सबसे बड़ा गदा और धनुष बताया जा रहा है. गदा दिन में पहुंचा जबकि धनुष रात में पहुंचा. आरती-पूजन के बाद इन्हें कारसेवक पुरम में रखवाया गया. बाद में इन्हें राम दरबार में रखवाया जाएगा.

राजस्थान के शिवगंज से जयपुर होते हुए अयोध्या यात्रा के रूप में 5 धातुओं से निर्मित डेढ़ टन का विशालकाय गदा रामनगरी पहुंचा. इसके बाद रात में एक बड़ा धनुष भी पहुंचा. इन्हें बनाने वाले श्री सनातन सेवा संस्थान की आचार्य सरस्वती देव कृष्णा गौर और राजस्थान से आए कारीगरों ने इन्हें रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित किया. इसके बाद इन्हें कारसेवक पुरम में रखवा दिया गया. जल्द ही इन्हें रामलला के दरबार में जगह दी जाएगी.

आचार्य सरस्वती देव कृष्णा गौर ने बताया कि भगवान श्रीराम और हनुमान जी के प्रति उनकी अपार आस्था है. इसी वजह से मैंने इन्हें भगवान के चरणों में समर्पित किया. धनुष का आकार ज्यादा होने के कारण उसको खंडित करके लाना पड़ा. गदा का वजन 1600 किलोग्राम है. धनुष बाण का वजन 1100 किलोग्राम है. इसे 12 जून को भगवा ध्वज दिखाकर श्री गोपाल जी मंदिर शिवगंज सिरोही राजस्थान से रवाना किया गया था.

उन्होंने बताया कि धनुष की लंबाई 19 फीट और चौड़ाई 31 फीट है. इसका वजन 1100 किलोग्राम है. गदा की लंबाई 26 फीट है. चौड़ाई 12 फीट है और इसका वजन 1600 किलोग्राम है. श्रीरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जिस भाव के साथ इसका निर्माण किया गया उसे राम जन्मभूमि में ही उचित स्थान पर जगह दिया जाएगा. जिससे राम मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं भी इसका दर्शन कर सकें.

इससे पहले भी अलीगढ़ का ताला, खड़ाऊं, बांसुरी, तलवार, स्वर्ण मुद्रित रामायण, नगाड़ा, घंटा, शंख समेत अन्य शामिल रामलला के दरबार के लिए भेंट में दिए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ें : आज मनाई जा रही बकरीद, सुबह 10 बजे परवरदिगार की बारगाह में सजदा करेंगे मुसलमान, लखनऊ में इन मार्गों पर रूट डायवर्जन

देश का सबसे बड़ा गदा-धनुष पहुंचा अयोध्या. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

अयोध्या : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रभु के लिए देश के कोने-कोने से उपहारों के आने का सिलसिला अभी भी जारी है. राजस्थान में 5 धातुओं से मिलकर बना विशालकाय गदा और धनुष अयोध्या पहुंचा. इसे देश का सबसे बड़ा गदा और धनुष बताया जा रहा है. गदा दिन में पहुंचा जबकि धनुष रात में पहुंचा. आरती-पूजन के बाद इन्हें कारसेवक पुरम में रखवाया गया. बाद में इन्हें राम दरबार में रखवाया जाएगा.

राजस्थान के शिवगंज से जयपुर होते हुए अयोध्या यात्रा के रूप में 5 धातुओं से निर्मित डेढ़ टन का विशालकाय गदा रामनगरी पहुंचा. इसके बाद रात में एक बड़ा धनुष भी पहुंचा. इन्हें बनाने वाले श्री सनातन सेवा संस्थान की आचार्य सरस्वती देव कृष्णा गौर और राजस्थान से आए कारीगरों ने इन्हें रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित किया. इसके बाद इन्हें कारसेवक पुरम में रखवा दिया गया. जल्द ही इन्हें रामलला के दरबार में जगह दी जाएगी.

आचार्य सरस्वती देव कृष्णा गौर ने बताया कि भगवान श्रीराम और हनुमान जी के प्रति उनकी अपार आस्था है. इसी वजह से मैंने इन्हें भगवान के चरणों में समर्पित किया. धनुष का आकार ज्यादा होने के कारण उसको खंडित करके लाना पड़ा. गदा का वजन 1600 किलोग्राम है. धनुष बाण का वजन 1100 किलोग्राम है. इसे 12 जून को भगवा ध्वज दिखाकर श्री गोपाल जी मंदिर शिवगंज सिरोही राजस्थान से रवाना किया गया था.

उन्होंने बताया कि धनुष की लंबाई 19 फीट और चौड़ाई 31 फीट है. इसका वजन 1100 किलोग्राम है. गदा की लंबाई 26 फीट है. चौड़ाई 12 फीट है और इसका वजन 1600 किलोग्राम है. श्रीरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जिस भाव के साथ इसका निर्माण किया गया उसे राम जन्मभूमि में ही उचित स्थान पर जगह दिया जाएगा. जिससे राम मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं भी इसका दर्शन कर सकें.

इससे पहले भी अलीगढ़ का ताला, खड़ाऊं, बांसुरी, तलवार, स्वर्ण मुद्रित रामायण, नगाड़ा, घंटा, शंख समेत अन्य शामिल रामलला के दरबार के लिए भेंट में दिए जा चुके हैं.

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