रोहतक : हरियाणा की रोहतक सीट पर पिक्चर अब से कुछ देर बाद साफ हो जाएगी क्योंकि पता चल जाएगा कि रोहतक के रहने वालों ने किस पार्टी को अपनी पसंद बनाया है. रोहतक सीट हाईप्रोफाइल होने के साथ हुड्डा का गढ़ रही है. यहां लंबे अरसे से हुड्डा परिवार का दबदबा रहा है. रोहतक सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच नेक टू नेक फाइट है. कांग्रेस ने यहां से दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद अरविंद कुमार शर्मा को अपना कैंडिडेट बनाया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कौन जनता की पहली पसंद बनता है.
रोहतक की टक्कर में कौन ? : रोहतक से कुल 26 उम्मीदवार जंग के मैदान में उतरे थे. बीजेपी ने यहां से पिछले चुनाव को जीतने वाले मौजूदा सांसद अरविंद कुमार शर्मा को मैदान में उतारा था, जबकि कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट दिया था. वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) ने यहां से जाट चेहरे रविंद्र सांगवान को टिकट दिया था जो कांग्रेस के जाट वोट बैंक को काफी नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो (INLD) ने यहां से किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा है.
रोहतक लोकसभा में वोटिंग : रोहतक लोकसभा में अगर वोटिंग की बात की जाए तो यहां पर इस बार 65.68 % मतदान हुआ है. वहीं अगर रोहतक के मतदाताओं की बात करें तो यहां पर कुल 18,84,110 वोटर्स है. इनमें पुरुष वोटर्स की तादाद 9,97,072 है, जबकि महिला मतदाता 8,87,017 है. वहीं रोहतक लोकसभा में 21 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं.
रोहतक लोकसभा में 3 जिलों की 9 विधानसभा : रोहतक लोकसभा सीट की अगर बात की जाए तो इसमें 3 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती है. इसमें रोहतक जिले की महम, गढ़ी सांपला-किलोई, रोहतक, कलानौर सीट शामिल है, जबकि झज्जर की बहादुरगढ़, बादली, झज्जर, बेरी विधानसभा सीटें आती है. वहीं रेवाड़ी की कोसली सीट भी रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आती है.
रोहतक लोकसभा का जातिगत समीकरण : रोहतक लोकसभा के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां गैर जाट वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं लेकिन जाटों के वोटों का भी खासा महत्व रहता है. यहां 7 लाख के करीब जाट वोटर है, जबकि 3 लाख एससी, पौने 2 लाख अहीर, 1.25 लाख से ज्यादा पंजाबी और इतने ही करीब ब्राह्मण वोट भी यहां पर है.
रोहतक लोकसभा सीट का इतिहास: रोहतक लोकसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो रोहतक लोकसभा सीट पहली बार साल 1952 में अस्तित्व में आई थी. तब से अब तक हुड्डा परिवार का इस सीट पर खासा दबदबा रहा है. कांग्रेस ने इस सीट पर 10 बार जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी ने मोदी लहर में पहली बार साल 2019 में रोहतक में जीत हासिल की थी. कांग्रेस की 10 जीतों में 9 जीत हुड्डा परिवार के सदस्य ने हासिल की है. मौजूदा प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा यहां से साल 2009 और 2014 का इलेक्शन जीत चुके हैं, लेकिन साल 2019 के चुनाव में वे सिर्फ 0.6% वोटों से चुनाव हार गए थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ : 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक में कुल 74.7% वोटिंग हुई थी. बीजेपी प्रत्याशी अरविंद कुमार शर्मा ने कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव में शिकस्त दे दी थी. हालांकि दोनों के बीच वोटों का मार्जिन काफी ज्यादा कम रहा था. बीजेपी के अरविंद शर्मा को 573,845 (47.0%) वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 566,342 (46.4%) वोट मिले थे.
2024 में कौन मारेगा बाजी ?: 2009 और 2014 के चुनाव में दीपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव जीते थे और साल 2019 के चुनाव में भी वे बहुत ही कम मार्जिन से हारे थे, ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी अरविंद शर्मा की जीत की राह आसान नहीं है और इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच टफ फाइट होने की पूरी संभावना है.
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