ETV Bharat / state

चंबल में उतरेंगे 3 राज्यों के जीव-जंतु विशेषज्ञ, नदी में 500 किमी तक करेंगे सर्चिंग, जानिए क्या है प्लानिंग - animal experts search river

Chambal counting aquatic creatures : जलीय जीवों की गणना करने के लिए 14 फरवरी को पहली बार तीन राज्यों के जीव-जंतु विशेषज्ञ चम्बल में उतरेंगे. ये विशेषज्ञ पैदल और बोट के माध्यम से 500 किलोमीटर दूर तक चम्बल में सर्चिंग कर पानी में छिपे जलीय जीवों की गणना करेंगे.

Chambal counting aquatic creatures
चंबल में उतरेंगे 3 राज्यों के जीव-जंतु विशेषज्ञ
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 1:05 PM IST

चंबल में उतरेंगे 3 राज्यों के जीव-जंतु विशेषज्ञ

मुरैना। चम्बल नदी एमपी-यूपी व राजस्थान तीनों राज्यों की सीमाओ को छूते हुए करीब 500 किलोमीटर के दायरे में फैली है. इसका सबसे अधिक एरिया 435 किलोमीटर मध्य प्रदेश की सीमा में आता है. वैसे तो चम्बल नदी असंख्य जलीय जीवों का बसेरा है, लेकिन चम्बल सेंचुरी में घड़ियाल सहित अन्य महत्वपूर्ण जलीय जीव पाले जा रहे हैं. इन जलीय जीवों का वर्ष के अंत में प्रतिवर्ष सर्वे किया जाता है. अभी तक चम्बल सेंचुरी में जलीय जीवों की गणना का काम मुरैना स्थित फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी करते आ रहे थे, लेकिन इस बार एमपी के साथ यूपी व राजस्थान तीनो राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एल साथ जलीय जीवों का सर्वे करेंगे.

तीन राज्यों के विशेषज्ञ जुटेंगे

14 फरवरी को तीनों राज्यों के विशेषज्ञ मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित चम्बल किनारे एकत्रित होंगे. यहां से पहले दिन पैदल-पैदल 40 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा. इसके बाद मोटर वोट की मदद ली जाएगी. इसके बाद नदी में पानी के बहाव तथा उसकी गुणवत्ता के नमूने लेकर सरकार को भेजे जाएंगे. डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल अभयारण्य की सबसे लंबी सीमा एमपी में है. इसका कुछ हिस्सा राजस्थान व यूपी में भी लगता है. हमने इस बार दोनों राज्यों को अपने सर्वे में शामिल होने के लिए पत्र भेजा था. उनके विशेषज्ञ भी हमारे सर्वे में शामिल होंगे. पारदर्शिता के अलावा तीनों राज्यों के विशेषज्ञों की मौजूदगी से फायदा होगा.

ये खबरें भी पढ़ें...

बहाव, गहराई, हवा का तापमान जाचेंगे

सर्वे की शुरूआत चंबल नदी से मिलने वाली पार्वती नदी से होगी. इसके 40 किमी लंबे हिस्से में पहले दिन पैदल सर्वे होगा. इसके बाद 14 फरवरी को बोट के जरिए सर्वे शुरू किया जाएगा. जो अगले 13 दिन तक जारी रहेगा. सर्वे में रामेश्वर घाट, पारौली, अटार, बटेश्वरा, सरसैनी, राजघाट, कुथियाना, उसैद, अटेर, बरही, सेहसों और पचनदा पर टीम के पड़ाव रहेंगे. जलीय जीव गणना के अलावा विशेषज्ञ चंबल सेंचुरी में जगह-जगह हवा का तापमान, पानी का तापमान नापेंगे. इसके अलावा इंडेप्थ साउंड मीटर से जलीय जीवों की मौजूदगी वाली जगहों पर नदी की गहराई, फ्लो मीटर से पानी के बहाव की गति, रेंज फाउंडर से नदी की विभिन्न जगहों पर चौड़ाई नापी जाएगी.

चंबल में उतरेंगे 3 राज्यों के जीव-जंतु विशेषज्ञ

मुरैना। चम्बल नदी एमपी-यूपी व राजस्थान तीनों राज्यों की सीमाओ को छूते हुए करीब 500 किलोमीटर के दायरे में फैली है. इसका सबसे अधिक एरिया 435 किलोमीटर मध्य प्रदेश की सीमा में आता है. वैसे तो चम्बल नदी असंख्य जलीय जीवों का बसेरा है, लेकिन चम्बल सेंचुरी में घड़ियाल सहित अन्य महत्वपूर्ण जलीय जीव पाले जा रहे हैं. इन जलीय जीवों का वर्ष के अंत में प्रतिवर्ष सर्वे किया जाता है. अभी तक चम्बल सेंचुरी में जलीय जीवों की गणना का काम मुरैना स्थित फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी करते आ रहे थे, लेकिन इस बार एमपी के साथ यूपी व राजस्थान तीनो राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एल साथ जलीय जीवों का सर्वे करेंगे.

तीन राज्यों के विशेषज्ञ जुटेंगे

14 फरवरी को तीनों राज्यों के विशेषज्ञ मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित चम्बल किनारे एकत्रित होंगे. यहां से पहले दिन पैदल-पैदल 40 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा. इसके बाद मोटर वोट की मदद ली जाएगी. इसके बाद नदी में पानी के बहाव तथा उसकी गुणवत्ता के नमूने लेकर सरकार को भेजे जाएंगे. डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल अभयारण्य की सबसे लंबी सीमा एमपी में है. इसका कुछ हिस्सा राजस्थान व यूपी में भी लगता है. हमने इस बार दोनों राज्यों को अपने सर्वे में शामिल होने के लिए पत्र भेजा था. उनके विशेषज्ञ भी हमारे सर्वे में शामिल होंगे. पारदर्शिता के अलावा तीनों राज्यों के विशेषज्ञों की मौजूदगी से फायदा होगा.

ये खबरें भी पढ़ें...

बहाव, गहराई, हवा का तापमान जाचेंगे

सर्वे की शुरूआत चंबल नदी से मिलने वाली पार्वती नदी से होगी. इसके 40 किमी लंबे हिस्से में पहले दिन पैदल सर्वे होगा. इसके बाद 14 फरवरी को बोट के जरिए सर्वे शुरू किया जाएगा. जो अगले 13 दिन तक जारी रहेगा. सर्वे में रामेश्वर घाट, पारौली, अटार, बटेश्वरा, सरसैनी, राजघाट, कुथियाना, उसैद, अटेर, बरही, सेहसों और पचनदा पर टीम के पड़ाव रहेंगे. जलीय जीव गणना के अलावा विशेषज्ञ चंबल सेंचुरी में जगह-जगह हवा का तापमान, पानी का तापमान नापेंगे. इसके अलावा इंडेप्थ साउंड मीटर से जलीय जीवों की मौजूदगी वाली जगहों पर नदी की गहराई, फ्लो मीटर से पानी के बहाव की गति, रेंज फाउंडर से नदी की विभिन्न जगहों पर चौड़ाई नापी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.