रोहतक: बुधवार को रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक बुलाई गई, एन वक्त पर बैठक को टाल दिया गया. डीसी अजय कुमार ने 5 पार्षदों के डी बार (मीटिंग में भाग लेने पर पाबंदी) से संबंधित फैसला ना आने की वजह से वोटिंग टाल दी. हालांकि डीसी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग की शुरुआत में पार्षदों के हस्ताक्षर लिए गए.
पार्षदों की बैठक रद्द: मीटिंग में जिला परिषद के 14 में से 10 पार्षद पहुंचे थे. अब डी बार से संबंधित मामले में 6 नवंबर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले 23 अक्टूबर को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन डीसी के बीमार होने की वजह से मीटिंग 30 अक्टूबर तक के लिए टाल गई थी. जिला विकास भवन परिसर की पार्किंग में 3 वाहनों से हथियार भी बरामद हुए थे.
पार्किंग में वाहनों से हथियार बरामद: पुलिस ने 3 युवकों को हिरासत में भी लिया था. बाद में हथियार लाइसेंसी पाए गए थे. जुलाई माह में जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने 10 पार्षदों को डी बार कर दिया था. इसके बाद 10 पार्षदों ने सितंबर माह में चेयरपर्सन के खिलाफ डीसी को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र सौंपे थे. उस समय हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता के चलते मीटिंग नहीं बुलाई जा सकती थी.
मंजू हुड्डा के पति पर अपहरण का आरोप: ऐसे में 23 अक्टूबर का दिन पहले मीटिंग के लिए तय किया गया था. 23 अक्टूबर की मीटिंग से पहले पार्षद नीलम के बेटे धैर्य का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. इस अपहरण का आरोप मंजू हुड्डा के पति राजेश सरकारी पर लगा था. सांपला पुलिस स्टेशन में मंजू हुड्डा और राजेश सरकारी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. राजेश सरकारी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास समेत कई आपराधिक केस दर्ज हैं.
राजनीतिक दबाव की वजह से टली बैठक? बुधवार की मीटिंग टलने के लिए पार्षदों ने राजनीतिक दबाव को वजह बताया है. पार्षद धीरज मलिक व अन्य ने कहा कि सरकार ने षड्यंत्र के तहत मीटिंग को टाल दिया है. मीटिंग टालने के लिए कोई खास वजह नहीं बताई गई है. उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दों को लेकर लड़ाई जारी रहेगी.
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