धमतरी: सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिये सख्त कार्रवाई कर रही है. भ्रष्ट लोंगो को जेल भेज रही है. इस बीच सरकार का भ्रष्टाचार सामने आया है. हम बात कर रहे हैं धमतरी के जबर्रा गांव की. यहां एक पुल को भ्रष्टाचारी खा गए उसके बाद अब गारंटी पीरियड में भी इसका निर्माण नहीं हो रहा है.
पुल निर्माण में घटिया क्वालिटी का सामान हुआ इस्तेमाल: जबर्रा वैसे तो धमतरी जिले में पड़ता है. लेकिन ये धमतरी के मुकाबले गरियाबंद के पास पड़ता है. जबर्रा को गरियाबंद से जोड़ने वाले बेंदरा नाले पर साल 2020-21 में एक पुल बनाया गया था. इस पुल निर्माण में घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल किया गया था. जिसकी वजह से पुल बह गया.
पहली ही बरसात में बह गया पुल: पुल की गुणवत्ता इतनी घटिया थी कि ये पहली बरसात में ही बह गया. तीन साल से ये पुल अधूरा टूटा पड़ा हुआ है. हालांकि आज तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली. आज भी ये पुल गारंटी पीरियड में है. लिहाजा ठेकेदार की लीगल लाइबिलिटी है कि वो इसे दोबारा बनाए. जिला प्रशासन का कर्तव्य है कि वो ठेकेदार से गांरंटी का पालन करवाएं. जन प्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि जनहित और जन समस्या से जुड़े सरकारी पैसे से बने इस पुल को ठीक करवाएं, लेकिन कोई अपना काम नहीं कर रहा.
बता दें कि पिछले तीन साल में गांव वालों ने लगातार इस भ्रष्टाचार की शिकायत की है. जिला मुख्यालय से लेकर रायपुर तक कई बार चक्कर लगा चुके हैं. इस शिकायत के चक्कर में गांव वालों के 50 हजार रूपय से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. लेकिन अब तक पुल का निर्माण नहीं कराया गया. मामले में कलेक्टर ने जांच की बात कही है.