रायबरेली: यूपी के रायबरेली में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी सड़क भ्रष्टाचार की शिकार हो गई. जिले में दरीबा से कटघर तक बनाई गई 14.10 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर सड़क के नीचे की मिट्टी धंसने से बड़े गढ्ढे बन गए हैं. इसके बाद इस मार्ग पर वाहन चालकों का चलना खतरे से खाली नहीं है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
सड़क मार्ग पर लगे बोर्ड पर दी गई जानकारी के मुताबिक, करीब डेढ़ साल पहले शैलेंद्र बहादुर सिंह इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को इस सड़क को बनाने का ठेका दिया गया था. बताया जा रहा है कि, निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुधारने तथा कार्य में तेजी लाने के लिए कई बार कंपनी को फटकार लगाई गई थी. लेकिन सरकारी मानकों के अनुरूप कंपनी ने न कार्य किया और न ही गुणवत्ता का ध्यान रखा. तभी निर्माण के बाद बारिश होते ही सड़क बह गई.
बता दें कि, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की तरफ से इंजीनियरों की एक बड़ी फौज निर्माण इस कार्य की निगरानी के लिए रखी गई है. लेकिन वह भी सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रख पाई. करीब 1593.94 लाख रुपए की लागत से बनी सड़क की हालत खराब है. छत्तीसगढ़ के रायपुर की यह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. बरसात के मौसम में नवनिर्मित सड़क का किनारा जगह-जगह धंस गया है. जो कभी भी हादसे का सबब बन सकता है. जबकी रोजना इस मार्ग पर हजारों वाहन गुजरते हैं.
दरीबा से कटघर तक बने इस मार्ग के निर्माण की स्वीकृति मिली थी तब कई नेताओं ने इसका कैडिट लिया था. लेकिन अब जब सड़क पहली बरसात झेल पाने में सक्षम नहीं है तो कोई इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. सड़क का निर्माण कार्य भी अपनी तय समय से लेट हुआ है. ग्रामीण निर्माण कंपनी के कार्य से नाखुश हैं और इसे ब्लैकलिस्ट करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन कृष्ण कुमार मिश्रा ने कहा कि, मुझे पूरी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन सड़क निर्माण में अगर अनियमिताएं हुई हैं तो इसकी जांच कर कर संबंधित कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी.
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