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'UP की तहसीलों-थानों में चरम पर भ्रष्टाचार'; CM Yogi के करीबी राजेंद्र प्रताप सिंह का BJP सरकार के खिलाफ तीखा बयान - Statement Against BJP Government - STATEMENT AGAINST BJP GOVERNMENT

बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र प्रताप सिंह ऐसे बयानों के साथ का वीडियो वायरल हो रहा है. राजेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार पर हावी नौकरशाही की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि उनके राजनीतिक जीवन के 42 सालों में तहसील और थाना स्तर पर ऐसा भ्रष्टाचार न कभी उन्होंने देखा और ना ही वो इसकी कल्पना कर सकते हैं.

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भाजपा नेता राजेंद्र प्रताप सिंह. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 12:23 PM IST

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश सरकार में ताकतवर मंत्री रहे राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह मौजूदा समय के हालात पर बहुत नाराज हैं. दरअसल, बीजेपी का पट्टी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सम्मान समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें राजेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए.

राजेंद्र प्रताप सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि थानों और तहसीलों में ऐसा भ्रष्टाचार उन्होंने अपने चार दशक से ज्यादा के राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा.

भाजपा के मतदाता सम्मान समारोह को संबोधित करते नेता राजेंद्र प्रताप सिंह (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र प्रताप सिंह ऐसे बयानों के साथ का वीडियो वायरल हो रहा है. राजेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार पर हावी नौकरशाही की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि उनके राजनीतिक जीवन के 42 सालों में तहसील और थाना स्तर पर ऐसा भ्रष्टाचार न कभी उन्होंने देखा और ना ही वो इसकी कल्पना कर सकते हैं.

वीडियो में सुना जा सकता है कि राजेंद्र प्रताप सिंह यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि जिलों में बिजली थाने खुल गए हैं. एक बल्ब हमने घर में ज्यादा क्या जला लिया, तुरंत बिजली वाले पुलिस थाने पहुंच जा रहे हैं. लुटेरे की तरह लूट लेते हैं. 135 का मुकदमा लिखाने की धमकी दी जाती है. क्या हम अपराधी हैं, हम पर कार्रवाई कर देते हैं. हम कोई हाथरस के बाबा हैं, जो हम कह रहे हैं कि हमारे पैरों की धूल ले लो.

पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पुराने नेताओं का अभिनंदन सिर्फ जुबानी जमा खर्च से नहीं होने वाला. आपका अभिनंदन सिर्फ आपके माथे के चंदन की रक्षा के साथ ही संभव है. केसरिया कपड़े को अगर कंधे पर रखें तो आपका सम्मान हो, आपकी समाज, पार्टी नेता कद्र करें. हमारा काम हो या न हो, लेकिन आपका सम्मान बना रहना चाहिए.

अखिलेश यादव का ट्वीट.
अखिलेश यादव का ट्वीट. (फोटो क्रेडिट; Twitter)

अखिलेश यादव ने यूपी की भाजपा सरकार को घेरा: राजेंद्र प्रताप सिंह का वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है- ''भाजपा राज में तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बांट रहे हैं तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए? अब देखते हैं बुलडोजर किस ओर मुड़ता है.''

कौन हैं पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह: प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा सीट से राजेंद्र प्रताप सिंह लगातार 4 बार विधायक रहे हैं. वे सीएम योगी के खास सिपहसालारों में से एक माने जाते हैं. 2017 में यूपी सरकार में वो कैबिनेट मंत्री रहे. 2003 में यूपी सरकार में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी के तौर पर काम किया. राजेंद्र प्रताप सिंह 1996 से 2007 तक विधायक रहे. फिर 2017 में जीते. 1989 में उन्होंने पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा, लेकिन इसमें वे हार गए. 1996 में बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनावी मैदान में उतरे, जिसमें उनको जीत मिली.

ये भी पढ़ेंः भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा बोले, यूपी में पार्टी की स्थिति है खराब, केंद्रीय नेतृत्व हस्तक्षेप करे, वरना 2027 में नहीं बनेगी सरकार

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश सरकार में ताकतवर मंत्री रहे राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह मौजूदा समय के हालात पर बहुत नाराज हैं. दरअसल, बीजेपी का पट्टी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सम्मान समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें राजेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए.

राजेंद्र प्रताप सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि थानों और तहसीलों में ऐसा भ्रष्टाचार उन्होंने अपने चार दशक से ज्यादा के राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा.

भाजपा के मतदाता सम्मान समारोह को संबोधित करते नेता राजेंद्र प्रताप सिंह (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र प्रताप सिंह ऐसे बयानों के साथ का वीडियो वायरल हो रहा है. राजेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार पर हावी नौकरशाही की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि उनके राजनीतिक जीवन के 42 सालों में तहसील और थाना स्तर पर ऐसा भ्रष्टाचार न कभी उन्होंने देखा और ना ही वो इसकी कल्पना कर सकते हैं.

वीडियो में सुना जा सकता है कि राजेंद्र प्रताप सिंह यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि जिलों में बिजली थाने खुल गए हैं. एक बल्ब हमने घर में ज्यादा क्या जला लिया, तुरंत बिजली वाले पुलिस थाने पहुंच जा रहे हैं. लुटेरे की तरह लूट लेते हैं. 135 का मुकदमा लिखाने की धमकी दी जाती है. क्या हम अपराधी हैं, हम पर कार्रवाई कर देते हैं. हम कोई हाथरस के बाबा हैं, जो हम कह रहे हैं कि हमारे पैरों की धूल ले लो.

पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पुराने नेताओं का अभिनंदन सिर्फ जुबानी जमा खर्च से नहीं होने वाला. आपका अभिनंदन सिर्फ आपके माथे के चंदन की रक्षा के साथ ही संभव है. केसरिया कपड़े को अगर कंधे पर रखें तो आपका सम्मान हो, आपकी समाज, पार्टी नेता कद्र करें. हमारा काम हो या न हो, लेकिन आपका सम्मान बना रहना चाहिए.

अखिलेश यादव का ट्वीट.
अखिलेश यादव का ट्वीट. (फोटो क्रेडिट; Twitter)

अखिलेश यादव ने यूपी की भाजपा सरकार को घेरा: राजेंद्र प्रताप सिंह का वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है- ''भाजपा राज में तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बांट रहे हैं तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए? अब देखते हैं बुलडोजर किस ओर मुड़ता है.''

कौन हैं पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह: प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा सीट से राजेंद्र प्रताप सिंह लगातार 4 बार विधायक रहे हैं. वे सीएम योगी के खास सिपहसालारों में से एक माने जाते हैं. 2017 में यूपी सरकार में वो कैबिनेट मंत्री रहे. 2003 में यूपी सरकार में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी के तौर पर काम किया. राजेंद्र प्रताप सिंह 1996 से 2007 तक विधायक रहे. फिर 2017 में जीते. 1989 में उन्होंने पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा, लेकिन इसमें वे हार गए. 1996 में बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनावी मैदान में उतरे, जिसमें उनको जीत मिली.

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