ETV Bharat / state

मध्य प्रदेश में 4000 कोरोना वारियर्स सड़कों पर, सीएम हाउस पर बोलेंगे हल्लाबोल - CORONA WARRIORS UNEMPLOYED MP

16 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास और 17 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा. स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों पदों पर नियुक्ति की मांग.

Corona warriors unemployed in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धा बेरोजगार (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 6:54 PM IST

भोपाल: कोरोना के दौरान अपनी जान पर खेलकर टेस्टिंग से लेकर आइसोलेशन में आपको दवाएं देने वाले और संक्रमण के बीच दिन रात जुटे रहने वाले कोरोना योद्धा याद हैं आपको. उस संकट में सरकार के सहायक बनकर आए ये योद्धा महामारी बीत जाने के बाद सड़क पर आ गए हैं. एमपी में चार हजार से ज्यादा कोरोना योद्धा हैं जिन्हें सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनको हटाया नहीं जाएगा, उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगी. लेकिन कोरोना बीत जाने के बाद 31 मार्च 2022 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.

संकट टलने के बाद क्यूं सड़क पर आ गए महामारी के योद्धा?

2020 से 2022 तक कोरोना महामारी में जब प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ने लगी थीं, तब सरकार ने निजी रूप काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स को कोरोना योध्दा बनाकर नियुक्तियां दी थी. ऐसे करीब चार हजार से ज्यादा कोरोना योध्दा ऐसे थे जिन्होने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को चरमराने नहीं दिया और मोर्चा संभाला था. इनमें से सौ कोरोना योद्धाओं की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. बस्तियों में जाकर टेस्टिंग से लेकर कोरोना संक्रमितों के उपचार तक इन योद्धाओं ने जान पर खेलकर अपने काम को अंजाम दिया.

मुख्यमंत्री निवास और विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा (Etv Bharat)

कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश के प्रदेश संयोजक डॉ. अंकित असाटी ने बताया "मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तो ठीक करने एवं मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए अस्थाई रूप से आयुष चिकित्सक, दन्त चिकित्सक, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, साइंटिस्ट सहित अन्य सभी पैरामेडिकल चिकित्सकीय दल की नियुक्ति की गई. ये नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के अनुसार मेरिट अंक के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से की गई थी.

एमपी में कोरोना योद्धाओं से किया गया वादा अधूरा

कोरोना योद्धाओं का आरोप है कि एमपी में शिवराज सरकार के दौर में ये वादा किया गया था कि कोरोना योद्धाओं को स्थाई नियुक्ति दी जाएगी. सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी. लेकिन 31 मार्च 2022 को सेवा समाप्त किए जाने के बाद सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली. डॉ. अंकित असाटी ने बताया "भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, हरियाणा में निकाले गए कोरोना योद्धाओं को पुनः नौकरी में रखते हुए संविदा पर रख लिया गया है. जब अन्य राज्यों में कोरोना योद्धाओं का समायोजन किया जा सकता है तो मध्य प्रदेश में क्यों नहीं ?"

कोरोना खत्म होने तक डटे रहे योद्धा, फिर काम भी छीना

कोरोना योद्धाओं का आरोप है कि सरकार ने उनका इस्तेमाल किया. फीवर क्लिनिक, कोविड केयर सेंटर, कोविड आईसीयू, कोविड सैंपलिंग, कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्थानों पर लगभग 2 वर्ष तक उन्होंने काम किया. माहमारी काबू में आने के बाद इन्हें बाहर कर दिया गया. इसके बाद दो साल से डिप्टी सीएम से लेकर सीएम, स्वास्थ्य मंत्री को सैकड़ों आवेदन दिए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई.

2020 में कोरोना की शुरुआत में केवल तीन माह के लिए इनकी नियुक्ति की गई थी. लेकिन फिर तीन-तीन महीने का एक्सटेशन देकर बढ़ाया जाता रहा. लेकिन जैसे ही कोरोना से जुड़ा काम खत्म हुआ, 21 जनवरी 2022 को इन्हें पद से हटा दिया गया. अंकित असाटी कहते हैं "28 मार्च को जो पत्र निकला उसमें सरकार ने कहा कि बजट की कमी की वजह से आपकी सेवाए समाप्त की जाती हैं."

16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा

कोरोना योद्धाओं की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग में जो एक लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, उन पदों इनकी नियुक्ति करवाई जाए. प्रदेश भर के कोरोना योद्धा आगामी 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास और 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा घेराव करने भोपाल आ रहे हैं.

भोपाल: कोरोना के दौरान अपनी जान पर खेलकर टेस्टिंग से लेकर आइसोलेशन में आपको दवाएं देने वाले और संक्रमण के बीच दिन रात जुटे रहने वाले कोरोना योद्धा याद हैं आपको. उस संकट में सरकार के सहायक बनकर आए ये योद्धा महामारी बीत जाने के बाद सड़क पर आ गए हैं. एमपी में चार हजार से ज्यादा कोरोना योद्धा हैं जिन्हें सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनको हटाया नहीं जाएगा, उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगी. लेकिन कोरोना बीत जाने के बाद 31 मार्च 2022 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.

संकट टलने के बाद क्यूं सड़क पर आ गए महामारी के योद्धा?

2020 से 2022 तक कोरोना महामारी में जब प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ने लगी थीं, तब सरकार ने निजी रूप काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स को कोरोना योध्दा बनाकर नियुक्तियां दी थी. ऐसे करीब चार हजार से ज्यादा कोरोना योध्दा ऐसे थे जिन्होने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को चरमराने नहीं दिया और मोर्चा संभाला था. इनमें से सौ कोरोना योद्धाओं की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. बस्तियों में जाकर टेस्टिंग से लेकर कोरोना संक्रमितों के उपचार तक इन योद्धाओं ने जान पर खेलकर अपने काम को अंजाम दिया.

मुख्यमंत्री निवास और विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा (Etv Bharat)

कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश के प्रदेश संयोजक डॉ. अंकित असाटी ने बताया "मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तो ठीक करने एवं मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए अस्थाई रूप से आयुष चिकित्सक, दन्त चिकित्सक, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, साइंटिस्ट सहित अन्य सभी पैरामेडिकल चिकित्सकीय दल की नियुक्ति की गई. ये नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के अनुसार मेरिट अंक के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से की गई थी.

एमपी में कोरोना योद्धाओं से किया गया वादा अधूरा

कोरोना योद्धाओं का आरोप है कि एमपी में शिवराज सरकार के दौर में ये वादा किया गया था कि कोरोना योद्धाओं को स्थाई नियुक्ति दी जाएगी. सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी. लेकिन 31 मार्च 2022 को सेवा समाप्त किए जाने के बाद सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली. डॉ. अंकित असाटी ने बताया "भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, हरियाणा में निकाले गए कोरोना योद्धाओं को पुनः नौकरी में रखते हुए संविदा पर रख लिया गया है. जब अन्य राज्यों में कोरोना योद्धाओं का समायोजन किया जा सकता है तो मध्य प्रदेश में क्यों नहीं ?"

कोरोना खत्म होने तक डटे रहे योद्धा, फिर काम भी छीना

कोरोना योद्धाओं का आरोप है कि सरकार ने उनका इस्तेमाल किया. फीवर क्लिनिक, कोविड केयर सेंटर, कोविड आईसीयू, कोविड सैंपलिंग, कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्थानों पर लगभग 2 वर्ष तक उन्होंने काम किया. माहमारी काबू में आने के बाद इन्हें बाहर कर दिया गया. इसके बाद दो साल से डिप्टी सीएम से लेकर सीएम, स्वास्थ्य मंत्री को सैकड़ों आवेदन दिए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई.

2020 में कोरोना की शुरुआत में केवल तीन माह के लिए इनकी नियुक्ति की गई थी. लेकिन फिर तीन-तीन महीने का एक्सटेशन देकर बढ़ाया जाता रहा. लेकिन जैसे ही कोरोना से जुड़ा काम खत्म हुआ, 21 जनवरी 2022 को इन्हें पद से हटा दिया गया. अंकित असाटी कहते हैं "28 मार्च को जो पत्र निकला उसमें सरकार ने कहा कि बजट की कमी की वजह से आपकी सेवाए समाप्त की जाती हैं."

16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा

कोरोना योद्धाओं की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग में जो एक लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, उन पदों इनकी नियुक्ति करवाई जाए. प्रदेश भर के कोरोना योद्धा आगामी 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास और 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा घेराव करने भोपाल आ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.