ETV Bharat / state

बाघों के दीदार का इंतजार खत्म, पन्ना, कान्हा, बांधवगढ़ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू - Core zone Tiger Safari Started - CORE ZONE TIGER SAFARI STARTED

3 महीने के लंबे अंतराल के बाद टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख टाइगर रिजर्व खुल गए हैं. वन विभाग के मुताबिक 1 अक्टूबर से पन्ना, कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच समेत सभी टाइगर रिजर्व्स में कोर जोन की सफारी शुरू हो गई है. पन्ना टाइगर रिजर्व ने तो बाकायदा वीडियो जारी करते हुए सैलानियों को आमंत्रित किया है.

TIGER RESERVES IN MADHYA PRADESH
एमपी के सभी टाइगर रिजर्व 1 अक्टूबर से खुले. (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 6:54 AM IST

पन्ना/नर्मदापुरम : सोशल मीडिया पर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने टाइगर सफारी का एक वीडियो जारी करते हुए पर्यटकों को आमंत्रण दिया है. वीडियो में बताया गया है कि टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व सहित मध्य प्रदेश के सभी पांच टाइगर रिजर्व मॉनसून के चलते 1 जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक बंद कर दिए जाते हैं. यहां कोर जोन की सफारी 1 अक्टूबर से शुरू होती है, जहां सबसे ज्यादा बाघों के देखे जाने की संभावना रहती हैं.

ऑनलाइन कर सकते हैं बुकिंग

पन्ना टाइगर रिजर्व समेत प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व मॉनसून में जब बंद रहते हैं, तब यहां बफर सफारी जारी रहती है. वहीं कोर जोन की सफारी के लिए पर्यटक ऑनलाइन एडवांस टिकट बुक कर सकते हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023-2024 में टाइगर सफारी से पन्ना टाइगर रिजर्व को रिकॉर्ड 5 करोड़ रु की आय हुई थी, जिसने पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस राशि का इस्तेमाल पन्ना टाइगर रिजर्व के विकास और स्थानीय ईको समिति के विकास के इस्तेमाल के लिए किया जाता है.

BANDHAVGARH SAFARI BOOKING
सबसे ज्यादा बाघों की वजह से मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट कहा जाता है. (Getty Images)

टाइगर्स के लिए कान्हा और बांधवगढ़ सबसे प्रसिद्ध

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में आने वाले बांधवगढ़ नेशनल पार्क और मंडला जिले में आने वाले कान्हा नेशनल पार्क बाघों के मामले में देश में ही नहीं विश्व में प्रसिद्ध हैं. टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघों का दीदार आसानी से हो जाता है. यहां बाघों की तादाद भी सबसे ज्यादा है. 2023 के आंकड़ों के मुताबिक बांधवगढ़ में बाघों की संख्या 165 थी. वहीं कान्हा नेशनल पार्क भी बाघों के साथ-साथ अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यहां भी 1 अक्टूबर से कोर जोन की सफारी शुरू हो गई है.

Core Zone Tiger Safarti Started
पन्ना टाइगर रिजर्व में कोर जोन की सफारी शुरू (Etv Bharat)

पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार सतपुड़ा

नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी एक बार फिर पर्यटक कोर जोन में जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. इस बार जंगल सफारी में एक नया रोमांच भी पर्यटकों को देखने को मिलेगा. एसटीआर के तवा जलाशय के रामसर साइट घोषित होने के बाद यह पहला सीजन होगा जब पर्यटक बोटिंग के दौरान रामसर साइट देख सकेंगे. दरअसल, मॉनसून सीजन होने के चलते एक जुलाई से एसटीआर के गेटों को बंद किया गया था. एसटीआर प्रबंधन द्वारा कोर क्षेत्र की मॉनसून में खराब हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य भी पूरा कर लिया गया है.

Read more-

हाथियों को सरकारी नौकरी के गजब फायदे, जंगल में चल रहा ब्यूटी पार्लर, मैनीक्योर पेडीक्योर फ्री

160 साल पुरानी ये तकनीक आज भी कर रही सतपुड़ा के जंगलों की रक्षा, 1864 में कर्नल पियर्सन ने कराया था निर्माण

बांधवगढ़ के बजरंग टाइगर का जलवा, जब जंगल से अचानक आया सड़क पर, सबकुछ थम गया

मॉनसून में वन्य जीवों को नो डिस्टर्बेंस

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले ने कहा, '' 1 अक्टूबर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गेटों को खोला जा रहा है. मॉनसून सीजन के चलते एसटीआर व सभी टाइगर रिजर्व के गेटों को बंद किया गया था. तीन महीनों तक वन्य जीवों को बिलुकल भी डिस्टर्ब नहीं किया जाता है. वहीं कोर जोन खुलने से पहले कोर क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत का कार्य भी कर लिया गया है. अब पर्यटक एसटीआर के मढ़ई, चूरना क्षेत्र में जंगल सफारी का रोमांच ले सकेंगे.'' एसटीआर प्रबंधन के अनुसार मढ़ई, चूरना ,बोरी सहित बफर क्षेत्र में करीब 60 से अधिक टाइगर हैं. बाघ के अलावा बड़ी संख्या में एसटीआर में तेंदुए, भालू, बायसन, चिंकारा, हिरण, जंगली कुत्ते, चीतल, बारहसिंगा आदि वन्य प्राणी मौजूद हैं.

पन्ना/नर्मदापुरम : सोशल मीडिया पर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने टाइगर सफारी का एक वीडियो जारी करते हुए पर्यटकों को आमंत्रण दिया है. वीडियो में बताया गया है कि टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व सहित मध्य प्रदेश के सभी पांच टाइगर रिजर्व मॉनसून के चलते 1 जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक बंद कर दिए जाते हैं. यहां कोर जोन की सफारी 1 अक्टूबर से शुरू होती है, जहां सबसे ज्यादा बाघों के देखे जाने की संभावना रहती हैं.

ऑनलाइन कर सकते हैं बुकिंग

पन्ना टाइगर रिजर्व समेत प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व मॉनसून में जब बंद रहते हैं, तब यहां बफर सफारी जारी रहती है. वहीं कोर जोन की सफारी के लिए पर्यटक ऑनलाइन एडवांस टिकट बुक कर सकते हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023-2024 में टाइगर सफारी से पन्ना टाइगर रिजर्व को रिकॉर्ड 5 करोड़ रु की आय हुई थी, जिसने पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस राशि का इस्तेमाल पन्ना टाइगर रिजर्व के विकास और स्थानीय ईको समिति के विकास के इस्तेमाल के लिए किया जाता है.

BANDHAVGARH SAFARI BOOKING
सबसे ज्यादा बाघों की वजह से मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट कहा जाता है. (Getty Images)

टाइगर्स के लिए कान्हा और बांधवगढ़ सबसे प्रसिद्ध

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में आने वाले बांधवगढ़ नेशनल पार्क और मंडला जिले में आने वाले कान्हा नेशनल पार्क बाघों के मामले में देश में ही नहीं विश्व में प्रसिद्ध हैं. टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघों का दीदार आसानी से हो जाता है. यहां बाघों की तादाद भी सबसे ज्यादा है. 2023 के आंकड़ों के मुताबिक बांधवगढ़ में बाघों की संख्या 165 थी. वहीं कान्हा नेशनल पार्क भी बाघों के साथ-साथ अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यहां भी 1 अक्टूबर से कोर जोन की सफारी शुरू हो गई है.

Core Zone Tiger Safarti Started
पन्ना टाइगर रिजर्व में कोर जोन की सफारी शुरू (Etv Bharat)

पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार सतपुड़ा

नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी एक बार फिर पर्यटक कोर जोन में जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. इस बार जंगल सफारी में एक नया रोमांच भी पर्यटकों को देखने को मिलेगा. एसटीआर के तवा जलाशय के रामसर साइट घोषित होने के बाद यह पहला सीजन होगा जब पर्यटक बोटिंग के दौरान रामसर साइट देख सकेंगे. दरअसल, मॉनसून सीजन होने के चलते एक जुलाई से एसटीआर के गेटों को बंद किया गया था. एसटीआर प्रबंधन द्वारा कोर क्षेत्र की मॉनसून में खराब हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य भी पूरा कर लिया गया है.

Read more-

हाथियों को सरकारी नौकरी के गजब फायदे, जंगल में चल रहा ब्यूटी पार्लर, मैनीक्योर पेडीक्योर फ्री

160 साल पुरानी ये तकनीक आज भी कर रही सतपुड़ा के जंगलों की रक्षा, 1864 में कर्नल पियर्सन ने कराया था निर्माण

बांधवगढ़ के बजरंग टाइगर का जलवा, जब जंगल से अचानक आया सड़क पर, सबकुछ थम गया

मॉनसून में वन्य जीवों को नो डिस्टर्बेंस

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले ने कहा, '' 1 अक्टूबर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गेटों को खोला जा रहा है. मॉनसून सीजन के चलते एसटीआर व सभी टाइगर रिजर्व के गेटों को बंद किया गया था. तीन महीनों तक वन्य जीवों को बिलुकल भी डिस्टर्ब नहीं किया जाता है. वहीं कोर जोन खुलने से पहले कोर क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत का कार्य भी कर लिया गया है. अब पर्यटक एसटीआर के मढ़ई, चूरना क्षेत्र में जंगल सफारी का रोमांच ले सकेंगे.'' एसटीआर प्रबंधन के अनुसार मढ़ई, चूरना ,बोरी सहित बफर क्षेत्र में करीब 60 से अधिक टाइगर हैं. बाघ के अलावा बड़ी संख्या में एसटीआर में तेंदुए, भालू, बायसन, चिंकारा, हिरण, जंगली कुत्ते, चीतल, बारहसिंगा आदि वन्य प्राणी मौजूद हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.